अंडकोष के इंफेक्टेड हो जाने की कंडिशन को ऑर्काइटिस कहते हैं। एपिडिडीमाइटिस की तरह ही ऑर्काइटिस (Orchitis) अक्सर एसटीआई (STI) के कारण संक्रमण से होता है। अन्य कारणों में तपेदिक, वायरस (Virus) जैसे मंप्स, कवक और परजीवी शामिल हो सकते हैं। इन कारणों से अंडकोष का रंग बदल कर गहरा लाल हो सकता है।
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अंडकोष का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Scrotum)
अंडकोष (Scrotum) में समस्या होने पर दर्द के साथ ही सूजन की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर पहले जांच करता है। जांच के रिजल्ट के आधार पर ही ट्रीटमेंट किया जाता है। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) करवा कर सूजन और परेशानियों को समझते हुए इलाज करते हैं। साथ ही सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है। अंडकोष की बीमारी होने पर दर्द और सूजन लक्षण के तौर पर महसूस किए जाते हैं। हाइड्रोसिल (Hydroseal) की समस्या को अधिक गंभीर नहीं माना जाता है, लेकिन द्रव के अधिक मात्रा में बढ़ जाने पर सर्जरी के माध्यम से उसे निकाला जाता है। अगर आपको भी अंडकोष (Scrotum) में किसी भी प्रकार का बदलाव महसूस हो रहा है, तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्चर से संपर्क जरूर करें।
अगर आप अंडकोष का रंग (Color of Scrotum) या अंडकोष से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। वहीं अगर आप अंडकोष (Testicular Torsion) से जुड़ी किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो परेशानी को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से कंसल्टेशन जल्द से जल्द करें।