इन लक्षणों के अलावा टायफाइड की वजह से कुछ गंभीर जटिलताएं भी हो सकती हैं। जिसमें इंटेस्टाइनल ब्लीडिंग या आंतों में छेद की वजह से होने वाला इंफेक्शन हो सकता है। जिसे सेप्सिस (Sepsis) भी कहा जाता है, जो कि जानलेवा स्थिति हो सकती है। इस समस्या की वजह से जी मिचलाना, उल्टी और गंभीर पेट दर्द हो सकता है। आइए, अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जानते हैं। जैसे-
- किडनी या ब्लेडर इंफेक्शन
- निमोनिया बीमारी
- एंडोकार्डिटिस
- मायोकार्डिटिस
- पैंक्रियाटाइटिस, आदि
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टायफाइड बुखार (Typhoid fever) का पता कैसे चलता है?
दूषित खाद्य पदार्थ या पानी का सेवन करने से साल्मोनेला बैक्टीरिया आपकी आंतों के द्वारा आपकी ब्लडस्ट्रीम में अस्थाई रूप से रहने लगता है। यह बैक्टीरिया आगे चलकर व्हाइट ब्लड सेल्स की मदद से लिवर, स्प्लीन और बोन मैरो में पहुंचता है, जहां इसकी संख्या बढ़ने लगती है और फिर यह दोबारा ब्लड स्ट्रीम में चला जाता है। इस दौरान, संक्रमित व्यक्ति को बुखार होने लगता है। इसके बाद बैक्टीरिया गॉलब्लेडर, बिलरी सिस्टम और बोवेल के लिंफेटिक टिश्यू पर आक्रमण करते हैं और वहीं अपनी संख्या और बढ़ाते हैं। बैक्टीरिया के इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से गुजरने की वजह से स्टूल सैंपल के द्वारा इस बीमारी की जांच की जा सकती है। स्टूल टेस्ट के अलावा, यूरिन और ब्लड सैंपल, कंप्लीट ब्लड काउंट, ब्लड कल्चर, प्लेटलेट्स काउंट भी इसको डायग्नोज करने में मदद कर सकते हैं।
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टायफाइड बुखार (Typhoid fever) होने का खतरा किसे ज्यादा होता है?
टायफाइड बुखार होने की आशंका कुछ कारकों पर निर्भर करती है। आइए, इन कारकों के बारे में जानते हैं। जैसे-