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बच्चों में टाइफाइड: टाइफाइड से बचाव के लिए वैक्सीन (Vaccination for Typhoid fever)
अगर आप बच्चे के साथ ऐसी जगह ट्रेवल कर रहे हैं जहां मियादी बुखार काफी आम है, तो टीकाकरण (Vaccination) करवाना जरूरी है। वैक्सीन के बाद मेडिसिन को एक्टिव होने में लगभग एक से दो सप्ताह लगते हैं। इसलिए, यात्रा करने के एक दो हफ्ते पहले ही टीकाकरण करवाने की सलाह दी जाती है। वैक्सीन के दो फॉर्म मौजूद हैं-
- इन-एक्टिवेटिड वैक्सीन (Inactivated vaccine)– इसे इंजेक्शन के रूप में देते हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जा सकता है।
- लाइव वैक्सीन (Live vaccine)– इसे दवा के रूप में ओरली दिया जाता है। 2 साल से कम आयु के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए।
ज्यादातर मामलों में बच्चों में टाइफाइड के उपचार शुरू होने के दो से तीन दिन के बाद अच्छा महसूस करने लगते हैं। 20% मामलों में यह भी हो सकता है कि मियादी बुखार बच्चे को दोबारा हो जाए। इसलिए, जब तक डॉक्टर दवा बंद करने को न कहे, तब तक दवा देना जारी रखें। चाहे बच्चा ठीक ही क्यों न हो जाए।
बच्चों में टाइफाइड (Typhoid fever) एक गंभीर बीमारी है। समय रहते अगर इसका ट्रीटमेंट न किया गया, तो स्वास्थ्य के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। इसलिए, ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखकर बुखार के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही अगर टाइफाइड से जुड़ा कोई सवाल है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।