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बच्चों में टाइफाइड के लक्षण को पहचानें, खतरनाक हो सकता है यह बुखार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

    बच्चों में टाइफाइड के लक्षण को पहचानें, खतरनाक हो सकता है यह बुखार

    छोटे बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से उनमें वायरल बैक्टीरियल इंफेक्शन जल्दी होता है। इससे उन्हें कुछ खतरनाक बीमारियों का खतरा हो सकता है। बच्चों में टाइफाइड भी ऐसा ही एक बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) है। अच्छी बात यह है कि, मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाने वाला टाइफाइड बुखार का इलाज संभव है। यहां तक कि दिसंबर 2017 में, डब्ल्यूएचओ ने टाइफाइड के लिए पहला संयुग्म टीका (conjugate vaccine) भी तैयार किया। इसे 6 महीने की उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है। लेकिन, पेरेंट्स को बच्चों में टाइफाइड में (Typhoid in children) कारण और लक्षण के बारे में पता होना बहुत जरूरी है ताकि जल्द से जल्द बच्चे को उपचार मिल सके।

    टाइफाइड (Typhoid) क्या है?

    टाइफाइड बुखार एक गंभीर बीमारी है और कभी-कभी यह जिंदगी के लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है। साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) नाम के बैक्टीरिया की वजह से यह फीवर होता है। आमतौर पर बॉडी में यह बैक्टीरिया रहता है और यूरिन या स्टूल पास करने के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं। दूषित खाना खाने या पानी को पीने की वजह से भी बच्चों में टाइफाइट हो सकता है। WHO के अनुसार टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) से हर साल करीबन 2.1 करोड़ व्यक्ति संक्रमित होते हैं और उनमें से लगभग दो लाख लोगों की फीवर से मौत भी हो जाती है।

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    बच्चों में टाइफाइड के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Typhoid in children)

    बच्चों में टाइफाइड बुखार के लक्षण इस तरह के दिख सकते हैं। जैसे-

    • तेज बुखार
    • पेट में दर्द
    • सिरदर्द
    • कमजोरी
    • गले में खराश होना
    • सीने और पेट पर लाल चकत्ते पड़ना
    • लगातार खांसी आना
    • भूख न लगना
    • बॉडी पर दाने निकलना
    • पसीना आना
    • वजन कम होना

    ऊपर बताए गए ये लक्षण दिखने पर एकदम भी लापरवाही न बरते और डॉक्टर से उपचार के लिए तुरंत परामर्श लें।

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    बच्चों में टाइफाइड होने के कारण क्या हैं? (Causes of Typhoid in children)

    टाइफाइड होने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं-

    दूषित खाना या पानी (Contaminated food or water) 

    अगर बच्चा कुछ भी ऐसा खाता या पीता है, जो साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से इन्फेक्टेड हुआ है तो यह टाइफाइड बुखार का कारण बन सकता है। यह तब भी हो सकता है जब खाना या पेय पदार्थ टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) वाले किसी व्यक्ति जिसे खुद न पता हो कि वह संक्रमित है उससे भी हो सकता है। 

    संक्रमित व्यक्ति के जरिए (By Infected person)

    कुछ लोग साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया (Salmonella typhi bacteria) के फैलने का कारण बन जाते हैं। अगर लोग अपने हाथों को ठीक से नहीं धोते हैं तो बैक्टीरिया आसानी से एक से दूसरे में फैलता है।

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    बच्चों में टाइफाइड का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of typhoid in children)

    बच्चों में टाइफाइड में (Typhoid in children)

    बच्चों में टाइफाइड के लक्षण (Symptoms of Typhoid fever) दिखते ही तुरंत डॉक्टर के पास उसे ले जाना चाहिए ताकि चेकअप से बुखार की पुष्टि की जा सके। चेकअप के समय डॉक्टर ये कुछ प्रोसेस कर सकते हैं-

    • सबसे पहले बच्चे की शारीरिक जांच करते हैं।
    • बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पेरेंट्स से पूछ सकते हैं।
    • जरुरत होने पर रक्त परीक्षण भी किया जा सकता है।
    • स्टूल का टेस्ट भी डॉक्टर कर सकते हैं।
    • यूरिन टेस्ट भी हो सकता है।

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    बच्चों में टाइफाइड का इलाज कैसे किया जाए? (Treatment of Typhoid fever in children)

    बच्चों में टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) के लक्षण मिलने के बाद इलाज में देरी नहीं की जानी चाहिए। मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical treatment) के बिना यह फीवर रिस्की हो सकता है। मियादी बुखार के उपचार-

    लिक्विड (Liquid) 

    टाइफाइड बुखार के दौरान बच्चे को दस्त भी लग सकते हैं जिससे उसकी बॉडी में पानी की कमी हो सकती है। डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए बच्चे को अधिक से अधिक लिक्विड प्रोडक्ट्स देना चाहिए। अगर बच्चे को ज्यादा डिहाइड्रेशन है, तो डॉक्टर उसे हॉस्पिटल में भर्ती भी कर सकते हैं। ताकि सिरींज से उसे तरल पदार्थ दिए जा सके।

    एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) 

    टाइफाइड फीवर के असर को कम करने और बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए डॉक्टर बच्चे के लिए एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं। इन दवाओं के एक निश्चित कोर्स होता है जिसे उस अंतराल तक देना चाहिए। ताकि बैक्टीरिया फिर से एक्टिव न हो पाए।

    एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) मेडिसिन

    फीवर को कम करने के लिए यह दवा दी जाती है। इससे बच्चे को बुखार में थोड़ा आराम मिल सकता है। ध्यान दें बच्चे को दवा देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी बहुत जरूरी है।

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    बच्चों में टाइफाइड जानिए कैसे बचाएं? (Prevention of Typhoid fever)

    बच्चे को मियादी बुखार होने से बचाने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं –

    • ध्यान दें बच्चे को पीने के लिए सिर्फ साफ या उबला हुआ पानी ही दें। यहां तक कि उसके खाना पकाने में भी उबले पानी का इस्तेमाल करे।
    • इसके साथ ही खाना बनाने से पहले हाथ अच्छे से धोएं।
    • अन्य कामों जैसे ब्रश और कुल्ला करने के लिए भी स्वच्छ पानी ही दें।
    • आइसक्रीम, बर्फ वाला पानी या दूसरे बर्फ वाले पेय पदार्थ देने से बचें।
    • सीधे टैप वाटर पीने के लिए न दें।
    • स्ट्रीट फूड्स बच्चे को न खाने दें।
    • बच्चे को कच्चा या अधपका फल न दें।
    • खाने को सही से उबालकर और सही से पकाकर ही दें।
    • जब भी बच्चा बाहर से आए उसके हाथ अच्छी तरह साबुन से धुलवाना न भूलें।
    • टॉयलेट से आने के बाद उसे नाक, आंख और कान को छूने से पहले बच्चे से सही से हाथ धोने को कहें।

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    बच्चों में टाइफाइड: टाइफाइड से बचाव के लिए वैक्सीन (Vaccination for Typhoid fever)

    अगर आप बच्चे के साथ ऐसी जगह ट्रेवल कर रहे हैं जहां मियादी बुखार काफी आम है, तो टीकाकरण (Vaccination) करवाना जरूरी है। वैक्सीन के बाद मेडिसिन को एक्टिव होने में लगभग एक से दो सप्ताह लगते हैं। इसलिए, यात्रा करने के एक दो हफ्ते पहले ही टीकाकरण करवाने की सलाह दी जाती है। वैक्सीन के दो फॉर्म मौजूद हैं-

    • इन-एक्टिवेटिड वैक्सीन (Inactivated vaccine)– इसे इंजेक्शन के रूप में देते हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जा सकता है।
    • लाइव वैक्सीन (Live vaccine)– इसे दवा के रूप में ओरली दिया जाता है। 2 साल से कम आयु के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए।

    ज्यादातर मामलों में बच्चों में टाइफाइड के उपचार शुरू होने के दो से तीन दिन के बाद अच्छा महसूस करने लगते हैं। 20% मामलों में यह भी हो सकता है कि मियादी बुखार बच्चे को दोबारा हो जाए। इसलिए, जब तक डॉक्टर दवा बंद करने को न कहे, तब तक दवा देना जारी रखें। चाहे बच्चा ठीक ही क्यों न हो जाए।

    बच्चों में टाइफाइड (Typhoid fever) एक गंभीर बीमारी है। समय रहते अगर इसका ट्रीटमेंट न किया गया, तो स्वास्थ्य के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। इसलिए, ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखकर बुखार के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही अगर टाइफाइड से जुड़ा कोई सवाल है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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