हाथों को क्लीन करना बहुत जरूरी है। हाथ अगर गंदे हैं तो खाना खाते समय गंदगी पेट में जाएगी। ठीक इसी प्रकार कुकिंग करने से पहले भी आपको हाथों को अच्छे से साफ करना चाहिए। पैक्ड फूड को साफ करना पॉसिबल नहीं होता है लेकिन आप फल सब्जियों को हमेशा अच्छी तरह से साफ करें। अगर आपको सब्जी गंदी ज्यादा लग रही हो तो उसे अच्छी तरह से साफ करके और फिर उबाल कर ही प्रयोग करें। उबलाने से सब्जियों के जर्म्स खत्म हो जाएंगे। आपको नॉन वेज बनाते समय भी खास ध्यान देने की जरूरत है। अक्सर कुछ लोग नॉन वेज अच्छी तरह से नहीं पकाते हैं जो फूड प्वाइजनिंग का कारण भी बन सकता है। कच्चे मांस से अन्य प्रकार की बीमारियां फैलने का भी खतरा हो सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि खाना हमेशा ताजा बना हुआ ही खाएं। खाने को अगर आप फ्रिज में नहीं रखते हैं तो वो तीन से चार घंटे बाद तक खराब भी हो सकता है। ऐसा खाना खाने से भी फूड प्वाइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है। दूध का इस्तेमाल करने से पहले उसे उबाल जरूर लें। अनपाश्चराइज्ड मिल्क में जर्म्स हो सकते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं। अगर आपको अक्सर पेट की समस्या रहती है तो बाहर का खाना बिल्कुल भी न खाएं। बाहर के खाने में बैक्टिरिया भी हो सकते हैं जो खाने को विषाक्त बनाते हैं। और पढ़ें : बेबी फूड प्रोडक्ट खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
फूड प्वाइजनिंग या विषाक्त भोजन का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है ?
फूड प्वाइजनिंग की समस्या तीन से पांच दिन में सही हो जाती है। फूड प्वाइजनिंग हो जाने पर खुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में स्पोर्ट्स ड्रिंक्स लेना सही रहेगा क्योंकि इसमें उचित मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं। फ्रूट जूस और कोकोनट वॉटर शरीर में कार्बोहाइड्रेट को रिस्टोर करते हैं और थकान की समस्या को भी दूर करते हैं। ऐसे में कैफीन युक्त पदार्थ को लेने से बचना चाहिए। कैमोमाइल, पिपरमेंट आदि से युक्त चाय लेने से पेट में जलन की समस्या से राहत मिलती है। इमोडियम (Imodium ) और पेप्टो-बिस्मोल( Pepto-Bismol) जैसी ओवर-द-काउंटर मेडिसिन लेने से लूज मोशन की समस्या में राहत मिल सकती है।
फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के बाद लें BRAT डायट
अगर किसी व्यक्ति को फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो गई है तो उसे ठीक होने के बाद हैवी फूड बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। स्टमक ऐसे समय में थोड़ा वीक हो जाता है और उसे आसानी से पचने वाले भोजन की जरूरत होती है न कि हैवी फूड की। फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के बाद BRAT डायट लेना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। BRAT डायट से मतलब केला (बनाना), चावल (राइस), सेब (एप्पल) और टोस्ट है। आप एक बात ध्यान रखें कि खाने में ऑयली फूड न शामिल करें। आप चाहे तो खिचड़ी, दही, केला, सेब आदि को शामिल कर सकते हैं। बेहतर होगा कि आप लो फाइबर फूड और ब्लेंड फूड को शामिल कर सकते हैं। आपको फूड प्वाइजनिंग के बाद खाने में क्या शामिल करना है, इस बारे में अपने डॉक्टर से राय जरूर लें।
खाने में लो फाइबर और लो फैट फूड को शामिल करें। आप खाने में निम्नलिखित फूड को शामिल कर सकते हैं।
- केला
- सीरियल
- एग वाइट
- हनी
- ओटमील
- पीनट बटर
- मैस्ड पटैटो
फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के लिए जानिए क्या हैं होम रेमेडीज
अदरक का करें सेवन
फूड प्वाइजनिंग की समस्या होने पर अदरक का सेवन करें। अदरक का सेवन करने से उल्टी की समस्या से राहत मिलती है। अदरक में औषधीय गुण होते हैं और ये पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करती है। अदरका का सेवन करने के लिए आप एक कप पानी उबाले और फिर उसमे कुछ मात्रा में अदरक डालें। आप गुनगुने पानी को शहद मिलाकर भी पी सकते हैं। अगर आप पानी के साथ अदरक नहीं लेना चाहते हैं तो एक चम्मच शहद में तीन से चार बूंद अदरक का रस डाले और उसका सेवन करें। ऐसा करने से इंफ्लामेशन की समस्या से भी राहत मिलेगी।
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तुलसी की पत्तियां हैं असरदार
एब्डॉमिनल डिस्कम्फर्ट ( पेट की खराबी) होने पर तुलसी का सेवन पेट को राहत पहुंचाता है। तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुड होते हैं। ये माइक्रो ऑर्गेनिज्म से लड़ने में मदद करता है। आप तुलसी की पत्तियों को शहद के साथ भी ले सकते हैं। आप चाहे तो बेसिल ऑयल को पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। अगर आप रोजाना तुलसी की पत्तियों को खाते हैं तो ये भी आपके लिए लाभकारी होगा।
लेमन यानी नींबू को करे डायट में शामिल
फूड पॉइजनिंग के घरेलू उपाय में आप नींबू का सेवन कर सकते हैं। नींबू में एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होता है। नींबू शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है। इसमे विटामिन सी और साथ ही एंटीवायरल प्रॉपर्टीज भी होती हैं। नींबू का सेवन करने से फूड पॉइजनिंग की समस्या से राहत मिलती है क्योंकि ये शरीर के अंदर के माइक्रो ऑर्गेनिज्म को खत्म करने का काम करता है।आप नींबू का सेवन गुनगुने पानी में या फिर सादे पानी मिलाकर कर सकते हैं। आप चाहे तो पानी में शक्कर या शहद भी मिला सकते हैं।
फूड प्वाइजनिंग के लक्षण पता चलने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। देरी से इलाज शरीर में घातक भी साबित हो सकता है। खाना घर में अच्छी तरह से पका कर खाएं। डॉक्टर की सलाह पर गौर करें और कुछ दिन के परहेज के बाद आपको आराम महसूस होगा।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हम आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से फूड प्वाइजनिंग के लक्षण और उससे जुड़ी जरूरी जानकारी मिली होंगी। फूड प्वाइजनिंग की समस्या होने पर आप घर पर ही इलाज न करें। कई बार परिस्थियां अधिक बिगड़ सकती हैं। बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर से जांच कराएं और उनकी सलाह मानें। अगर आप कोई घरेलू उपाय अपनाना चाहती हैं तो इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी लें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।