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Median nerve injury: मिडियन तंत्रिका इंजरी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/06/2020

Median nerve injury:  मिडियन तंत्रिका इंजरी क्या है?

परिचय

मिडियन तंत्रिका इंजरी क्या है?

मिडियन तंत्रिका इंजरी यानी कोहनी में मिडियन तंत्रिका में चोट लगना। फोरआर्म की अधिकतर मांसपेशियां मिडियन तंत्रिका द्वारा नियंत्रित होती हैं। यह तंत्रिका इतनी अधिक महत्वपूर्ण हैं कि इसे हाथ की आंख( hand’s eye) भी कहा जाता है। इस समस्या के लक्षण फोरआर्म, कलाई और हाथ में दिख सकते हैं। मीडियन तंत्रिका में थोड़ी या अधिक चोट लगने के कई कारण हो सकते हैं। मिडियन तंत्रिका इंजरी को दो ग्रुप में बांटा गया है : उच्च और निम्न मीडियन नर्व इंजरी। अगर क्षति कोहनी और फोरआर्म के भाग में हुई है तब यह उच्च मिडियन तंत्रिका इंजरी है। लेकिन अगर क्षति कोहनी में है तो यह निम्न मिडियन तंत्रिका इंजरी है।

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लक्षण

मिडियन तंत्रिका इंजरी के लक्षण क्या हैं?

मिडियन तंत्रिका इंजरी के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:

  • कोहनी के ऊपर चोट लगने से हाथ को मोड़ने या कलाई को नीचे झुकाने में कठिनाई या असमर्थता हो सकती है।
  • कोहनी के नीचे चोट लगने से फोरआर्म, अंगूठे और बगल की साथ की तीन उंगलियों में झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है।
  • मिडियन तंत्रिका इंजरी के कारण कुछ भी पकड़ने में समस्या या अंगूठे को हिलाने में असमर्थता हो सकती है। इसकी वजह से आप पेन तक नहीं पकड़ पाएंगे या कमीज का बटन भी नहीं लगा पाएंगे।
  • कलाई और हाथ में दर्द जो इतनी गंभीर हो सकती है कि आप रात को सो भी नहीं पाएंगे, यह दर्द अन्य हिस्सों जैसे ऊपरी बाजू में भी महसूस हो सकता है।

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कारण

मिडियन तंत्रिका इंजरी के क्या कारण हैं?

  • डिस्टल मीडियन तंत्रिका और अन्य तंत्रिका समूह की शिथिलता को मोनोन्यूरोपैथी कहा जाता है। पूरे शरीर (सिस्टमिक डिसऑर्डर्स) को प्रभावित करने वाले रोग भी आइसोलेटेड नर्व डैमेज का कारण बन सकते हैं।
  • यह स्थिति तब होती है जब तंत्रिका यानी नस किसी ट्रामा के कारण घायल हुई है। इसका सबसे सामान्य कारण है ट्रैपिंग। ट्रैपिंग से तंत्रिका पर दबाव पड़ता है। कलाई के फ्रैक्चर से मीडियन नर्व सीधे घायल हो सकती है या, यह बाद में तंत्रिका के टैपिंग की जोखिम बढ़ा सकता है।
  • टेंडॉन्स या जोड़ों (गठिया) की सूजन होने पर भी तंत्रिका पर दबाव पड़ सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं।
  • कुछ ऐसी समस्याएं जो तंत्रिका के पास के ऊतक को प्रभावित करती हैं या ऊतक में जमा होने का कारण बनती हैं, रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती हैं और तंत्रिका पर दबाव डाल सकती हैं। ऐसी स्थितियां इस प्रकार हैं:

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  1. शरीर में हार्मोन्स की बहुत अधिक ग्रोथ (acromegaly)
  2. डायबिटीज
  3. अंडरएक्टिव थाइरोइड (hypothyroidism)
  4. किडनी का रोग
  5. ब्लड कैंसर
  6. गर्भावस्था
  7. मोटापा

जोखिम

मिडियन तंत्रिका इंजरी के क्या जोखिम हैं?

  • जो लोग खेल से जुड़े होते हैं उन्हें मिडियन तंत्रिका इंजरी होने का जोखिम अधिक होता है।
  • जो लोग हाथों से जुड़े काम अधिक करते हैं जैसे मजदूर आदि, उन्हें भी यह समस्य अधिक होने की संभावना होती है।
  • ट्रोमा से मिडियन तंत्रिका इंजरी का जोखिम बढ़ जाता है।
  • बुजुर्गों में मिडियन तंत्रिका इंजरी की संभावना बढ़ सकती है।

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उपचार

मिडियन तंत्रिका इंजरी का उपचार क्या है?

  • मीडियन तंत्रिका इंजरी के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे इस समस्या का कारण और लक्षण जानने की कोशिश करेंगे। अगर मीडियन तंत्रिका कार्पल टनल सिंड्रोम से हुआ है तो एक तंत्रिका को आगे किसी भी नुकसान से बचाने के लिए कलाई के स्पलिंट का प्रयोग किया जा सकता है। रात को स्पलिंट को पहनने से आराम मिलता है और जलन भी दूर होती है। कलाई में एक इंजेक्शन लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है। अगर स्प्लिंट या दवाईओं से लाभ नहीं होता, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
  • सबसे पहले मेडिकल प्रॉब्लम का इलाज किया जाता है जो तंत्रिका डैमेज का कारण हैं: जैसे मधुमेह या गुर्दे की बीमारी।
  • मांसपेशियों की शक्ति को बनाये रखने के लिए फिजिकल थेरेपी दी जा सकती है।

टेस्ट

मिडियन तंत्रिका इंजरी के निदान के लिए डॉक्टर आपकी कलाई को जांचेंगे और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे और आपको कुछ टेस्ट्स कराने के लिए भी कहा जा सकता है:

  •  मांसपेशियों की इलेक्ट्रिकल गतिविधि को जांचने के लिए।
  • नर्व कंडक्शन टेस्ट्स ताकि यह पता चल सके कि तंत्रिका के माध्यम से इलेक्ट्रिक सिग्नल कितनी तेज होते हैं।
  • न्यूरोमस्कुलर अल्ट्रासाउंड ताकि मासंपेशियों और तंत्रिका की मुश्किलों के बारे में पता चल सके।
  • नर्व जिसमे तंत्रिका के टिश्यू को जांच के लिए निकाला जाता है।
  • मैग्नेटिक रेजोनेंस न्यूरोग्राफी

फिजिकल थेरपीस

1) मैन्युअल थेराप्यूटिक तकनीक (MTT)

इसमें सॉफ्ट टिश्यू मसाज, एलाइनमेंट, मोबिलिटी आदि को सुधारने के लिए फिजिकल थेरेपिस्ट द्वारा स्ट्रेचिंग और अन्य तरीके अपनाये जाते हैं। मोबिलाइजेशन तकनीकों का उपयोग भी दर्द को कम करने में मदद करता है।

2) थेराप्यूटिक एक्सरसाइजेज (TE)

इसमें बाजु, फोरआर्म और कलाईयों की मांसपेशियों को सहारे के लिए मजबूत बनाने के लिए स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंग्थिंग व्यायाम कराया जाता है।

3) न्यूरोमस्कुलर रीडकशन (NMR)

न्यूरोमस्कुलर रीडकशन (NMR) को स्टेबिलिटी को बहाल करने के लिए, मूवमेंट तकनीक को सुधारने और हाथ, फोरआर्म या कलाई के क्षेत्र के मैकेनिक्स में सुधार के लिए कराने की सलाह दी जा सकती है। यह तकनीक रोजाना की गतिविधियों में जोड़ों को आराम भी पहुंचाती है।

4) अल्ट्रासाउंड, इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन, बर्फ, ठंड, लेजर और अन्य चीज़ों का उपयोग ताकि दर्द और जोड़ों की जलन को दूर किया जा सके।

घरेलू उपाय

मिडियन तंत्रिका इंजरी के घरेलू उपचार क्या है?

  • अगर आपको मिडियन तंत्रिका में इंजरी हुई है तो ऐसी कोई भी गतिविधि को करने से बचे जिनसे बाजू , फोरआर्म और कलाई में दर्द हो या दबाव पड़े।
  • आराम, बर्फ,दबाव,एलिवेशन वो चार चीज़ें हैं जो मीडियन तंत्रिका की समस्या को जल्दी दूर कर सकती हैं।
  • NSAIDs (Non steroidal anti-inflammatory drugs) का प्रयोग दर्द और जलन को दूर करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना इनका प्रयोग न करे।
  • स्ट्रैपिंग या ब्रेसिंग का प्रयोग इस समस्या के जल्दी ठीक होने या आराम के लिए आवश्यक है।
  • गंभीर स्थितियों में, सर्जरी की जा सकती है। सर्जरी में ऊतक को काटना या हड्डी को संकुचित करने वाले हिस्सों को निकालना शामिल है।
  • थेरेपी और स्पलिंट का प्रयोग कर के मिडियन तंत्रिका इंजरी की रोकथाम की जा सकती है।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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