backup og meta

ब्लड शुगर लेवल इम्बैलेंस होने पर सोचने समझने की क्षमता पड़ जाती है कमजोर!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    ब्लड शुगर लेवल इम्बैलेंस होने पर सोचने समझने की क्षमता पड़ जाती है कमजोर!

    डायबिटीज वो स्थिति है, जिसमें हमारा शरीर पर्याप्त इंसुलिन न तो बना पाता है न ही इसका प्रयोग सही तरीके से कर पाता है। इंसुलिन हमारे शरीर को एनर्जी के लिए शुगर और ग्लूकोज का प्रयोग करने देता है। इंसुलिन उस हॉर्मोन को कहा जाता है, जो हमारे पैंक्रियाज द्वारा बनाया जाता है। यह हॉर्मोन ब्लड शुगर (Blood Sugar) को रेगुलेट करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि शरीर में कई सेल्स के लिए शुगर एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है। यह हमारे अंगों के लिए सामान्य रूप से काम करने के लिए जरूरी है, जिसमें दिमाग भी शामिल है। आज हम बात करने वाले हैं डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) के बारे में। ब्रेन फॉग (Brain Fog) दिमाग से जुड़ी एक समस्या है। डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) के लिंक के बारे में जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल। सबसे पहले जानिए क्या है ब्रेन फॉग?

    ब्रेन फॉग (Brain Fog) क्या है?

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog)

    शुगर हमारे ब्रेन के लिए फ्यूल का मुख्य स्त्रोत है। अगर डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर (Blood Sugar) में कुछ गड़बड़ी हो जाए तो इससे ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या हो सकती है। ब्रेन फॉग को इन समस्याओं के रूप में जाना जाता है:

    यह कोई मेडिकल कंडिशन नहीं है। इसे उन खास लक्षणों के रूप में जाना जाता है, जिससे हमारी सोचने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इस समस्या के कारण हम बेचैनी अनुभव कर सकते हैं या हमें किसी भी चीज में फोकस करने में मुश्किल हो सकती है। डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) में सबसे पहले जान लेते हैं इनके बीच के लिंक के बारे में।

    और पढ़ें : Carotid atherosclerosis: इस बीमारी में ब्रेन तक नहीं पहुंच पाता है खून, बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा!

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog में क्या लिंक है?

    सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार डायबिटीज होने के कारण प्रभावित व्यक्ति की ब्रेन हेल्थ भी प्रभावित होती है। क्योंकि डायबिटीज ब्लड वेसल्स को डैमेज कर सकती है, जिससे ब्रेन तक ब्लड फ्लो कम या ब्लॉक हो जाता है। ब्लड फ्लो के कम या ब्लॉक होने के कारण यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। जिनमें से ब्रेन फॉग (Brain Fog) भी एक है। हालांकि इसे डायबिटीज का एक लक्षण भी माना जाता है। जानिए क्या हैं डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) के लक्षण?

    और पढ़ें : टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड : यह स्वादिष्ट आहार कहीं बन ना जाए जी का जंजाल!

    देखिए टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ा ये खास 3डी मॉडल –

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग के लक्षण (Symptoms of Diabetes and Brain Fog)

    डायबिटीज के साथ ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। कुछ लोग इसमें सिर्फ माइनर कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट्स का अनुभव कर सकते हैं। जबकि, कुछ लोग अच्छे से काम करने और सही से सोचने में भी सक्षम नहीं होते हैं। डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) के अन्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    इसके अलावा लोग कुछ अन्य समस्याओं का अनुभव भी कर सकते हैं। जानिए ब्रेन फॉग (Brain Fog) के साथ डायबिटीज होने के कारण क्या हैं?

    और पढ़ें : ओरल हायपोग्लाइसेमिक ड्रग्स: टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट में हैं उपयोगी, उपयोग का तरीका है आसान 

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग के कारण (Causes of Diabetes and Brain Fog)

    ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या आमतौर पर तब होती है। जब ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को सही से मैनेज नहीं किया जाता है। इसलिए इसके मुख्य कारण बहुत अधिक या बहुत कम ब्लड शुगर को माना जाता है। जानिए, इनके बारे में विस्तार से:

    हाय ब्लड शुगर (High Blood Sugar)

    इंसुलिन ब्लडस्ट्रीम में मौजूद शुगर को शरीर के सेल्स में एंटर करने में मदद करती है। लेकिन जब शुगर सेल्स में एंटर नहीं कर पाती है, तो यह मरीज की ब्लडस्ट्रीम में जमा हो जाती है। जिससे यह हायपरग्लाइसेमिया (Hyperglycemia), यानी हाय ब्लड शुगर (High Blood Sugar) का कारण बनती है। हाय ब्लड शुगर के कारण ब्लड वेसल्स भी डैमेज हो सकते हैं। जिससे पुअर ब्लड सर्क्युलेशन (Poor Blood Circulation) हो सकती है। जब ब्रेन में सही से ब्लड सर्क्युलेशन नहीं हो पाती है, तो इससे रोगी को सही से सोचने में भी समस्या हो सकती है।

    यही नहीं, बहुत अधिक ब्लड शुगर, ब्रेन में सेरोटोनिन (Serotonin) और न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitters) को बढ़ा सकती है। इन केमिकल्स का नर्व सेल्स (Nerve Cells) और ब्रेन फंक्शन्स (Brain Functions) पर पॉजिटिव इफेक्ट होता है। हालांकि बहुत अधिक सेरोटोनिन (Serotonin) और न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitters) का विपरीत प्रभाव भी हो सकता है।

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog)

    और पढ़ें : आजमाएं ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) रोकने के 7 तरीकें

    लो ब्लड शुगर (Low Blood Sugar)

    ऐसा माना जाता है कि लो ब्लड शुगर (Blood Sugar) या हाइपोग्लाइसेमिया (Hypoglycemia) का भी दिमाग पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उन्हें यह समस्याएं हो सकती हैं थकावट (Fatigue), सिरदर्द  (Headaches), ब्रेन फॉग (Brain Fog)। जब शरीर एनर्जी के लिए पर्याप्त शुगर और ग्लूकोज प्राप्त नहीं कर पाता है, तो ब्रेन सेल्स सही से फंक्शन नहीं कर पाते हैं इससे ध्यान लगाने में समस्या होती है। डायबिटीज मेडिकेशन के साइड इफेक्ट्स के कारण भी लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है जैसे बहुत अधिक इंसुलिन लेना। इसके अलावा ब्लड शुगर (Blood Sugar) लो होने के कारण बहुत अधिक वर्कआउट करना या मील को स्किप करना आदि भी हो सकते हैं। जानिए इन समस्याओं का ट्रीटमेंट कैसे हो सकता है?

    और पढ़ें :  टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : डायबिटीज की इस दवा के बारे में जानते हैं आप?

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग का उपचार (Treatment of Diabetes and Brain Fog)

    डायबिटीज के कारण होने वाले ब्रेन फॉग (Brain Fog) के उपचार के लिए सबसे ज्यादा यही जरूरी है कि जितना हो सके ब्लड शुगर लेवल को मैनेज किया जाए। इसका अर्थ है कि आपकी ब्लड शुगर हेल्दी रेंज से न तो अधिक होनी चाहिए या ही कम। इसका उपचार इस तरह से संभव है:

    • रोगी डॉक्टर के बताए अनुसार अपने खानपान में सुधार करें।अगर आपको लगता है कि शुगर लेवल के सही होने के बाद भी आप में ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या में कोई सुधार नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह लें। ऐसे में डॉक्टर आपकी मेडिकेशन को एडजस्ट कर सकते हैं यही नहीं अपने खानपान में सुधार करने के लिए आप डायटिशियन की सलाह भी ले सकते हैं।
    • ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या से बचने के लिए डायबिटीज को मैनेज करना बेहद जरूरी है। अन्यथा यह स्थिति कई जानलेवा जटिलताओं का कारण बन सकती है, जैसे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease), नर्व डैमेज (Nerve Damage),  किडनी डैमेज (Kidney Damage) , किसी चोट या कट लगने के बाद इंफेक्शन की संभावना का बढ़ना (Infection) आदि।
    • डॉक्टर डायबिटीज के मरीज को ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को मैनेज करने के लिए सही दवाईयां देते हैं। रोगी को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवाई लेनी चाहिए। डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) की स्थिति में क्या करना चाहिए जानिए।

    और पढ़ें :  ग्रेड थ्री ब्रेन ट्यूमर : गम्भीर मानी जाती है ब्रेन ट्यूमर की ये स्थिति, समय पर पहचान है बेहद जरूरी

    मधुमेह में ब्रेन फॉग: यह समस्याएं होने पर क्या करें?

    डायबिटीज के मैनेज होने यानि ब्लड शुगर लेवल के सही होने पर ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या सुधर सकती है। लेकिन अगर आपको यह समस्या है, तो आपको इन चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए:

    • ब्लड शुगर (Blood Sugar)को हमारा आहार और शारीरिक गतिविधियां अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकती हैं। अगर आपको ब्रेन फॉग की समस्या है, तो आप सब इन चीजों को नोट करें कि आप क्या खा रहा हैं, क्या कर रहे हैं और आपमें क्या लक्षण नजर आ रहे हैं ? इससे आपको उन खाद्य पदार्थों या एक्टिविटीज के बारे में पता चल जाएगा। जिनसे यह समस्या बढ़ती है। यही नहीं ब्रेन फॉग (Brain Fog) से याददाश्त पर भी असर होता है। अगर आपको भी यह समस्या है, तो आप अपने साथ एक पेन या पेपर लें या अपने फोन पर ही यह जरूरी चीजों को नोट करते रहें।
    • इस समस्या में प्रभावित व्यक्ति सही फैसले भी नहीं ले पाता है, ऐसे में अगर आपको यह समस्या है तो कोई भी जरूरी फैसला लेने से बचें।
    •  नींद में हमारा शरीर खुद अपनी रिपेयर करता है। इसलिए आप रात को पर्याप्त नींद लेना न भूलें। कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेना जरूरी है। थकावट ब्रेन फॉग (Brain Fog) की परेशानी को बदतर बना सकती है।
    • एक्सरसाइज से इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) सुधरती है। जिससे शरीर शुगर को एनर्जी के रूप में बदलने में अधिक सक्षम होता है। अगर आपको ब्रेन फॉग की समस्या है तो व्यायाम करें। दिन में कम से कम कुछ समय व्यायाम या वाक के लिए अवश्य निकालें। इससे ब्लड शुगर (Blood Sugar) को मैनेज करने में भी आसानी होगी। अब जानिए, इनसे बचने के तरीकों के बारे में।

    और पढ़ें :  टाइप 2 डायबिटीज का आयुर्वेदिक उपचार: क्या इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है, जानें एक्सपर्ट की राय

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग से कैसे बचें? (Prevention of Diabetes and Brain Fog)

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) के लक्षणों से बचाव के लिए सबसे जरूरी है। ब्लड शुगर लेवल का सही होना। इससे दिमाग में ब्रेन केमिकल्स को बैलेंस होने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे ब्लड वेसल डैमेज से भी आप बच सकते हैं, जो कॉग्निटिव समस्याओं (Cognitive Problems) का कारण बन सकते हैं। सच बात तो यह है कि ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या स्थायी नहीं है। इसे सही उपचार के साथ रिवर्स किया जा सकता है। यह केवल अस्थायी ब्लड शुगर (Blood Sugar) का लक्षण है। हेल्दी डायट, सही उपचार आदि से ब्रेन फॉग के कारणों को मैनेज करना संभव है।

    अगर आप अपनी डायबिटीज को मैनेज कर के ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या से सुधार महसूस करते हैं, तो आपको शायद डॉक्टर के पास जाने की भी जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर ऐसा न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!

    और पढ़ें : बच्चों में यह लक्षण हो सकते हैं टाइप 2 डायबिटीज का संकेत, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!

    डायबिटीज और ब्रेन फॉग (Diabetes and Brain Fog) का न केवल प्रभावित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर असर होता है। बल्कि यह समस्याएं आने वाले समय में जटिलताओं का कारण भी बन सकती हैं। हालांकि ब्रेन फॉग याददाश्त में परेशानी, मूड स्विंग्स और ध्यान लगाने का कारण बनती है। लेकिन, इससे आपका सकारात्मक रहना भी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में अगर आप ब्रेन फॉग (Brain Fog) की समस्या से बचना चाहते हैं, तो अपनी ब्लड शुगर (Blood Sugar) को मैनेज करना सबसे जरूरी है। इसके लिए आप हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने और सही दवाईयों के साथ-साथ नियमित डॉक्टर से जांच भी कराएं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

    डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


    Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement