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ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर : ब्रेन ट्यूमर की ये स्थिति बन सकती है परेशानी का सबब

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर : ब्रेन ट्यूमर की ये स्थिति बन सकती है परेशानी का सबब

    हमारे शरीर का काम ठीक तरह से हो, इसके लिए जरूरी है कि हमारा ब्रेन स्वस्थ रहे। जब व्यक्ति का ब्रेन हेल्दी रहता है, तो किसी भी तरह की शारीरिक समस्या उसे हरा नहीं पाती। लेकिन जब व्यक्ति का ब्रेन ही अस्वस्थ हो जाए, तो शरीर भी साथ नहीं देता। इसलिए ब्रेन से जुड़ी डिक्काटें व्यक्ति को गम्भीर समस्याओं का सामना करने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी ही तकलीफ में से एक है ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor)। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन ट्यूमर की एक ऐसी स्थिति है, जो शुरुआती लेवल की मानी जाती है। इस स्थिति में मरीज का इलाज जल्द से जल्द करवाया जाए, तो उसके ठीक होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर के बारे में अधिक जानकारी लेने से पहले, आइए जान लेते हैं ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) से जुड़ी ये खास जानकारियां।

    और पढ़ें: Brain tumor: ब्रेन ट्यूमर क्या है?

    ब्रेन ट्यूमर क्या है? (Brain tumor)

    ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor), दिमाग में होने वाली असामान्य सेल्स ग्रोथ के कारण होता है। ब्रेन ट्यूमर अलग-अलग तरह के हो सकते हैं, जिसमें मैलिग्नैंट (Malignant), जो कैंसेरियस ट्यूमर होते हैं और बिनाइन ((Bening), जो नॉन कैंसेरियस ट्यूमर कहलाते हैं। जिन ट्यूमर की शुरुआत दिमाग से होती है, उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर यानी कि ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) कहा जाता है। वहीं जो ब्रेन ट्यूमर शरीर के अन्य भागों से शुरू होते हैं और धीरे-धीरे दिमाग में फैलते चले जाते हैं, उन्हें सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। इसलिए यदि ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर की लोकेशन और ग्रोथ रेट का ठीक से पता चल जाए, तो अलग-अलग थेरेपीज और ट्रीटमेंट के जरिए इससे छुटकारा पाया जा सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी हासिल करने से पहले आइए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या हो सकते हैं।

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर : लक्षणों को पहचाने इस तरह! (Grade 2 brain tumor Symptoms)

    जैसा कि आप सभी जानते हैं ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) का ट्रीटमेंट, इसके प्रकार, साइज के साथ-साथ लोकेशन पर भी निर्भर करता है। ऐसे में ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को पहचानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है। इसके लक्षण आपको कुछ इस तरह दिखाई दे सकते हैं –

    • गंभीर सिर दर्द
    • नॉशिया या उल्टी (Vomiting)
    • देखने में समस्या
    • आंखों की कमजोरी
    • बैलेंस करने में तकलीफ (Trouble balancing)
    • बोलने में परेशानी
    • बिहेवियर में बदलाव
    • सुनने में समस्या
    • सीज़र्स (Seizures)

    यह सारे लक्षण आपको ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) की स्थिति में दिखाई दे सकते हैं। यदि आपको ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में आपको समय ना गंवाते हुए जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट बुक कर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आइए अब जानते हैं, ब्रेन ट्यूमर होने के कारण क्या हो सकते हैं।

    और पढ़ें: Wilms’ Tumor: विल्म्स ट्यूमर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर : कारण समझना है जरूरी! (Grade 2 brain tumor Causes)

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor)

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) के कारणों में बहुत से फैक्टर्स काम कर सकते हैं। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन या उसके आसपास के टिशू मे पैदा होता है। ये ब्रेन के कुछ हिस्से जैसे कि मैंनिंजस, क्रेनियल नर्व्स, पिट्यूटरी ग्लैंड या पीनियल ग्लैंड में पनपना शुरू हो सकता है। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) में डीएनए में धीरे-धीरे बदलाव होने लगते हैं और इस म्यूटेशन की वजह से डीएनए के निर्माण में दिक्कत पैदा होती है। ये सेल्स तेजी से बढ़ते हैं और धीरे धीरे आसपास मौजूद हेल्दी सेल्स को खत्म करने लगते हैं। इन्ही असामान्य और खराब सेल्स के बढ़ने की वजह से ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर हो सकता है, इसलिए समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान देकर इलाज करवाना बेहद जरूरी माना जाता है। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर के लिए कई रिस्क फैक्टर भी काम करते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर – क्या हैं रिस्क फ़ैक्टर्स? (Grade 2 brain tumor Risk factors)

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) कई रिस्क फ़ैक्टर्स के कारण हो सकता है। जिसमें कुछ रिस्क फ़ैक्टर्स इस प्रकार हैं – 

    • उम्र, ब्रेन ट्यूमर की स्थिति में बड़ा रोल निभाती है। बुजुर्गों में ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर होना सामान्य माना जाता है। हालांकि ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) की तकलीफ आपको किसी भी उम्र में हो सकती है, खास तौर पर यह समस्या कुछ बच्चों में भी देखी जा सकती है।
    • इसका दूसरा रिस्क फैक्टर है रेडिएशन। कई तरह के रेडिएशन ऐसे होते हैं, जिनके संपर्क में आने से लोगों को ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। 
    • साथ ही साथ जिन लोगों के परिवार में पहले से ही ब्रेन ट्यूमर से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री हो, उन लोगों को ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ये सभी रिस्क फ़ैक्टर्स आपको ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) की स्थिति के करीब ले जाते हैं। आइए अब जानते हैं क्या है ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर की स्थिति।

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर : क्या है ब्रेन ट्यूमर की ये स्थिति? (Grade 2 brain tumor)

    मस्तिष्क में ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत धीरे-धीरे होती है। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर धीरे धीरे बढ़ता है और रेयरली आसपास के टिशूज में फैलता है। ब्रेन ट्यूमर की इसी स्थिति को ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर का नाम दिया गया है। ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) को आसानी से सर्जरी के दौरान निकाला जा सकता है, इसलिए यदि ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर के बारे में जल्द से जल्द पता चल जाए, तो ब्रेन ट्यूमर की स्थिति को समय पर संभाला जा सकता है। आइए अब जानते हैं ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) का निदान कैसे किया जाता है।

    ब्रेन ट्यूमर का निदान : डॉक्टर से सलाह लेना है बेहद जरूरी (Grade 2 brain tumor Diagnosis) 

    यदि आप कुछ समय से ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) से जुड़े लक्षणों को महसूस कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर आपको इन लक्षणों के बारे में जानकारी देनी चाहिए। ऐसे में डॉक्टर आपको कुछ तरह की जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं – 

    न्यूरोलॉजिकल एग्जामिनेशन (Neurological examination) : इस तरह के टेस्ट में आपके देखने, सुनने, संतुलन, सजगता इत्यादि की जांच की जाती है। इससे जुड़ी किसी भी तरह की शारीरिक समस्या से मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इस टेस्ट के दौरान शरीर के किसी भी हिस्से में हो रही परेशानी के बारे में सही जानकारी मिल जाती है।

    इमेजिंग टेस्ट (Imaging test) : मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग (MRI) या सिटी स्कैन की मदद से ब्रेन से जुड़ी हर एक जानकारी आपको मिल सकती है। इसके अलावा एंजियोग्राम एमआरए और एक्स-रे की मदद से भी डॉक्टर ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) का पता लगा सकते हैं।

    बायोप्सी (Biopsy) : बायोप्सी की मदद से भी ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर का पता चल सकता है। इस टेस्ट में ब्रेन टिशू की जांच की जाती है, जिससे ट्यूमर होने या ना होने की स्थिति का पता लगाया जा सके।

    इस तरह आप ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर का पता लगा सकते हैं। डॉक्टर आपकी ज़रूरत के मुताबिक़ आपको इनमें से किसी टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। आइए अब जानते हैं आप कैसे ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) की स्थिति में ट्रीटमेंट ले सकते हैं।

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    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर : ट्रीटमेंट के हैं कई तरीके (Grade 2 brain tumor Treatment)

    ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) आक्रामक नहीं माने जाते, इसलिए जल्द से जल्द इसका निदान कर नियमित निगरानी के साथ-साथ सर्जरी के द्वारा इसे निकाला जा सकता है। इसके बाद लगातार इस पर ध्यान रखा जाता है और इसका उपचार जारी रहता है। समय-समय पर ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर पर नियमित स्कैन के साथ नजर रखी जाती है। इस तरह ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) की स्थिति को संभाला जा सकता है। इसके अलावा कुछ थेरेपीज ऐसी होती हैं, जिनका सहारा उच्च श्रेणी के ट्यूमर की स्थिति में किया जाता है, जिसमें इनका समावेश होता है –

    हालांकि अलग-अलग ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) की स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह के ट्रीटमेंट दिए जा सकते हैं, इसलिए चाहे आपको ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) हो या इसके ग्रेड में बदलाव हुआ हो, आपको डॉक्टर से संपर्क में रहने की बेहद जरूरत है। इसके लिए डॉक्टर लंबे समय तक आपके ट्यूमर पर नजर रखेंगे और आपकी जरूरत के अनुसार आपको उपचार प्रदान करेंगे।

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    इसके अलावा ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर के ट्रीटमेंट के बाद आपको अपनी जीवनशैली में भी कुछ बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है, जिससे ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर दोबारा ना हो। इसलिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ आप ग्रेड टू ब्रेन ट्यूमर (Grade 2 brain tumor) की तकलीफ में बेहतर महसूस कर सकते हैं। 

    डिस्क्लेमर

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