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ब्रेन सर्जरी के बाद रिकवरी में मदद कर सकती हैं ये 3 थेरिपी, जरूर लें इनका सहारा

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2021

    ब्रेन सर्जरी के बाद रिकवरी में मदद कर सकती हैं ये 3 थेरिपी, जरूर लें इनका सहारा

    ब्रेन सर्जरी (Brain Surgery) के बाद रिकवर होने में कई दिन लग सकते हैं क्योंकि हीलिंग के लिए अतिरिक्त आराम की जरूरत होती है। रिकवरी में लगने वाला समय प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है जो कि कई बातों पर निर्भर करता है। जिसमें ब्रेन ट्यूमर को हटाने का प्रॉसीजर, ट्यूमर की ब्रेन में लोकेशन, सर्जरी के द्वारा ब्रेन के प्रभावित हिस्से और मरीज की उम्र और उसकी ओवरऑल हेल्थ आदि शामिल हैं। सर्जरी के बाद मरीज को तीन से दस दिन तक हॉस्पिटल में रुकना पड़ता है। हॉस्पिटल में रुकने वाला मरीज की रिकवरी स्पीड पर निर्भर करता है। साथ ही डॉक्टर ये भी चेक करते हैं ये मरीज को सर्जरी के बाद कोई परेशानी तो नहीं हो रही। हालांकि, ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation after brain surgery) थेरिपीज की मदद से रिकवरी को आसान किया जा सकता है। ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन थेरिपीज ब्रेन सर्जरी के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स के लक्षणों को कम करने में भी मददगार है।

    ब्रेन सर्जरी के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स (Brain Surgery side effects)

    सर्जरी के बाद बुरा अनुभव करना स्वाभाविक है। अगर मरीज इसके लिए तैयार नहीं था तो यह अपसेट करने वाला इवेंट बन सकता है। ब्रेन ट्यूमर (Brain tumor) को हटाना एक बड़ा ऑपरेशन होता है। ब्रेन सर्जरी (Brain Surgery) की वजह से ब्रेन में स्वेलिंग हो सकती है। डॉक्टर और नर्स इसे करीब से मॉनिटर करते हैं और इसका उपचार करते हैं, लेकिन इसकी वजह से कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

    • कमजोरी
    • चक्कर आना
    • संतुलन में कमी या संतुलन न कर पाना
    • व्यक्तित्व या व्यवहार में परिर्वतन
    • भ्रम की स्थिति
    • बोलने में परेशानी

    शुरुआत में ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं और आप ऐसे लक्षणों को भी नोटिस कर सकते हैं जो आपने पहले न किए हों, लेकिन रिकवरी के साथ ये लक्षण कम होने लगते हैं और धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। कई लोग सर्जरी से पूरी तरह रिकवर हो जाते हैं जबकि दूसरों को लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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    बेन सर्जरी के बाद लंबे समय तक होने वाली परेशानियां (Long term effects of brain surgery)

    ब्रेन सर्जरी (Brain Surgery) के बाद कई लोग पूरी तरह रिकवर नहीं कर पाते हैं और उन्हें लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसमें निम्न शामिल हैं।

    • चलने में परेशानी होना
    • हाथ और पैरों में कमजोरी का एहसास होना
    • बोलने में परेशानी होना
    • ध्यान केन्द्रित करने और चीजों को याद करने में परेशानी होना
    • व्यवहार में बदलाव (Behavioral changes)

    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation after brain surgery)

    ब्रेन ट्यूमर हो या ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी इसकी वजह से मरीज को कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सर्जरी के बाद पेशेंट को रिकवर होने के लिए मदद की जरूरत होती है। जिसमें फिजिकल थेरिपी (Physical therapy), ऑक्यूपेशनल थेरिपी (Occupational therapy) और स्पीच थेरिपी (Speech therapy) मदद कर सकती है। ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन थेरिपी (Rehabilitation after brain surgery therapy) बेहद जरूरी हो जाती है। बड़ों से लेकर बच्चों तक को इनका सहारा लेना पड़ता है। कई थेरिपीज को हॉस्पिटल ही प्रोवाइड करवाते हैं तो कुछ पेशेंट पर्सनली भी ले सकता है।

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    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन में फिजिकल थेरिपी का महत्व (Physical therapy after Brain Surgery)

    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलेशन (Rehabilitation after brain surgery)

    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation after brain surgery) में फिजिकल थेरिपी का उपयोग सर्जरी के बाद होने वाले फिजिकल चैलेंजेस को कम करने के लिए किया जाता है। इस दौरान फिजियोथेरिपिस्ट मसल्स स्ट्रेंथ (Muscle strength) को इम्प्रूव करने के लिए कुछ एक्सरसाइज करवा सकते हैं। जिसमें बैलेंस एक्सरसाइज (Balance exercise) और नेक एक्सरसाइज शामिल हैं। वे मरीज को सावधानी पूर्वक चलने और सीढ़ियां चढ़ने के संबंध में भी टिप्स देंगे। हॉस्पिटल में भी यह थेरिपी (Physical therapy) दी जाती है। घर पर आने के बाद भी मरीज को इस थेरिपी को जारी रखने की जरूरत होती है।

    अगर ब्रेन सर्जरी (Brain Surgery) की वजह से अंग कमजोर या पेरालाइज हो गया है तो थेरिपिस्ट उस लिम्ब (Limb) को मूव करेंगे और मरीज को भी उसे मूव करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मूविंग से प्रभावित अंग का रेंज ऑफ मोशन मेंटेन रहता है। इसके साथ ही अप्रभावित अंगों की रेगुलर एक्सरसाइज की जाएगी ताकि मसल टोन और स्ट्रेंथ बनी रहे। इसके साथ ही व्यक्ति से अन्य गतिविधियों का अभ्यास करने की अपेक्षा की जाती है, जैसे कि बिस्तर पर चलना, मुड़ना, स्थिति बदलना और बैठना। बिस्तर से उठने और कुर्सी या व्हीलचेयर पर सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित होने में सक्षम होना व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

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    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन में ऑक्यूपेशनल थेरिपी है जरूरी (Occupational therapy after brain Surgery)

    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation after brain surgery) में एक्यूपेशनल थेरिपी (Occupational therapy) का भी विशेष महत्व है। एक्यूपेशनल थेरिपिस्ट उनकी परेशानियों का हल निकालने में मदद करते हैं जिनका सामना मरीज जरूरी कामों को करते हुए करते हैं। वे मरीज की डे टू डे लाइफ (Day to day life) को आसान बनाने में मदद करते हैं। वे मरीज को रोज की एक्टिविटीज जैसे कि कपड़े पहनना, टॉयलेट का उपयोग, नहाना आदि के बारे में असिस्टेंस प्रदान करते हैं।

    वे उन गतिविधयों में शामिल होने में मदद करते हैं जो मरीज के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    थेरिपिस्ट मरीज के परिवार के सदस्यों,दोस्तों, टीचर्स और एम्प्लाईज को भी मरीज की डे टू डे एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अगर ब्रेन सर्जरी (Brain surgery) के बाद किसी मरीज को सिर में दर्द, आसानी से भ्रम होना या चीजों को याद रखना मुश्किल होता है एक्यूपेशनल थेरपिस्ट नए माहौल को अपनाने में मदद करते हैं। वे मेमोरी नोटबुक जैसे इक्विपमेंट को यूज करने के लिए भी कहते हैं। इसके अलावा वे मरीज की निम्न प्रकार से भी मदद करते हैं।

    • दिनभर के लिए शेड्यूल तैयार करते हैं
    • जानकारी को याद रखने के लिए स्टेट्रजी सिखाते हैं
    • मसल्स वीकनेस (Muscles weakness) आने या सेंसेशन के कम होने पर सुरक्षित रूप से खाना कैसे तैयार किया जा सकता है, कपड़े कैसे पहने जा सकते हैं और नहाया कैसे जा सकता है। ऐसी टिप्स भी बताते हैं।

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    स्पीच थेरिपी (Speech Therapy after brain surgery)

    ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन थेरिपीज में स्पीच थेरिपी की भी आवश्यकता पड़ सकती है। अगर ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) या ब्रेन सर्जरी अगर स्पीच को प्रभावित करती है तो ऐसे में स्पीच थेरिपी (Speech therapy) की जरूरत पड़ सकती है। स्पीच थेरपिस्ट मरीज की परेशानियों को समझकर उसका हल बताएगा। वह यह जानने की कोशिश भी करेगा कि परेशानी बोलने, भाषा या फिर सोचकर बोलने में हो रही है। वे मरीज को सालोइंग डिसऑर्डर के लिए भी इवैल्यूएट करेंगे। म्यूटिज्म (Mutism) जिसे गूंगापन भी कहते हैं। ब्रेन सर्जरी का एक कॉम्प्लिकेशन है। स्पीच थेरिपिस्ट इससे निकलने में मरीज की मदद करते हैं साथ ही वे मरीज को भाषा को समझने और बोलने में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

    स्पीच थेरिपिस्ट मरीजों रोगियों को अपनी भाषण प्रक्रिया में सुधार करवाते हैं और वे खुद को कैसे एक्सप्रेस करें जिसमें भी मदद करते हैं। वे खाने और निगलने में आने वाली परेशानियों को भी दूर करने में मदद करते हैं।

    उम्मीद है कि आपको ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन से संबंधित जानकारियां मिल गईं होगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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