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ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन में फिजिकल थेरिपी का महत्व (Physical therapy after Brain Surgery)

ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation after brain surgery) में फिजिकल थेरिपी का उपयोग सर्जरी के बाद होने वाले फिजिकल चैलेंजेस को कम करने के लिए किया जाता है। इस दौरान फिजियोथेरिपिस्ट मसल्स स्ट्रेंथ (Muscle strength) को इम्प्रूव करने के लिए कुछ एक्सरसाइज करवा सकते हैं। जिसमें बैलेंस एक्सरसाइज (Balance exercise) और नेक एक्सरसाइज शामिल हैं। वे मरीज को सावधानी पूर्वक चलने और सीढ़ियां चढ़ने के संबंध में भी टिप्स देंगे। हॉस्पिटल में भी यह थेरिपी (Physical therapy) दी जाती है। घर पर आने के बाद भी मरीज को इस थेरिपी को जारी रखने की जरूरत होती है।
अगर ब्रेन सर्जरी (Brain Surgery) की वजह से अंग कमजोर या पेरालाइज हो गया है तो थेरिपिस्ट उस लिम्ब (Limb) को मूव करेंगे और मरीज को भी उसे मूव करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मूविंग से प्रभावित अंग का रेंज ऑफ मोशन मेंटेन रहता है। इसके साथ ही अप्रभावित अंगों की रेगुलर एक्सरसाइज की जाएगी ताकि मसल टोन और स्ट्रेंथ बनी रहे। इसके साथ ही व्यक्ति से अन्य गतिविधियों का अभ्यास करने की अपेक्षा की जाती है, जैसे कि बिस्तर पर चलना, मुड़ना, स्थिति बदलना और बैठना। बिस्तर से उठने और कुर्सी या व्हीलचेयर पर सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित होने में सक्षम होना व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
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ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन में ऑक्यूपेशनल थेरिपी है जरूरी (Occupational therapy after brain Surgery)
ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation after brain surgery) में एक्यूपेशनल थेरिपी (Occupational therapy) का भी विशेष महत्व है। एक्यूपेशनल थेरिपिस्ट उनकी परेशानियों का हल निकालने में मदद करते हैं जिनका सामना मरीज जरूरी कामों को करते हुए करते हैं। वे मरीज की डे टू डे लाइफ (Day to day life) को आसान बनाने में मदद करते हैं। वे मरीज को रोज की एक्टिविटीज जैसे कि कपड़े पहनना, टॉयलेट का उपयोग, नहाना आदि के बारे में असिस्टेंस प्रदान करते हैं।
वे उन गतिविधयों में शामिल होने में मदद करते हैं जो मरीज के लिए महत्वपूर्ण हैं।
थेरिपिस्ट मरीज के परिवार के सदस्यों,दोस्तों, टीचर्स और एम्प्लाईज को भी मरीज की डे टू डे एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अगर ब्रेन सर्जरी (Brain surgery) के बाद किसी मरीज को सिर में दर्द, आसानी से भ्रम होना या चीजों को याद रखना मुश्किल होता है एक्यूपेशनल थेरपिस्ट नए माहौल को अपनाने में मदद करते हैं। वे मेमोरी नोटबुक जैसे इक्विपमेंट को यूज करने के लिए भी कहते हैं। इसके अलावा वे मरीज की निम्न प्रकार से भी मदद करते हैं।
- दिनभर के लिए शेड्यूल तैयार करते हैं
- जानकारी को याद रखने के लिए स्टेट्रजी सिखाते हैं
- मसल्स वीकनेस (Muscles weakness) आने या सेंसेशन के कम होने पर सुरक्षित रूप से खाना कैसे तैयार किया जा सकता है, कपड़े कैसे पहने जा सकते हैं और नहाया कैसे जा सकता है। ऐसी टिप्स भी बताते हैं।
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स्पीच थेरिपी (Speech Therapy after brain surgery)
ब्रेन सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन थेरिपीज में स्पीच थेरिपी की भी आवश्यकता पड़ सकती है। अगर ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) या ब्रेन सर्जरी अगर स्पीच को प्रभावित करती है तो ऐसे में स्पीच थेरिपी (Speech therapy) की जरूरत पड़ सकती है। स्पीच थेरपिस्ट मरीज की परेशानियों को समझकर उसका हल बताएगा। वह यह जानने की कोशिश भी करेगा कि परेशानी बोलने, भाषा या फिर सोचकर बोलने में हो रही है। वे मरीज को सालोइंग डिसऑर्डर के लिए भी इवैल्यूएट करेंगे। म्यूटिज्म (Mutism) जिसे गूंगापन भी कहते हैं। ब्रेन सर्जरी का एक कॉम्प्लिकेशन है। स्पीच थेरिपिस्ट इससे निकलने में मरीज की मदद करते हैं साथ ही वे मरीज को भाषा को समझने और बोलने में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
स्पीच थेरिपिस्ट मरीजों रोगियों को अपनी भाषण प्रक्रिया में सुधार करवाते हैं और वे खुद को कैसे एक्सप्रेस करें जिसमें भी मदद करते हैं। वे खाने और निगलने में आने वाली परेशानियों को भी दूर करने में मदद करते हैं।
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