पीठ के निचले हिस्से में (Lumbar Spine)
- पैर और टांग में सुन्नता और झुनझुनी (Numbness or Tingling in a Foot or Leg)
- पैर और टांग में कमजोरी (Weakness in a foot or Leg)
- एक या दोनों टांगों में दर्द (Pain or Cramping in one or Both Legs)
- पीठ में दर्द (Back Pain)
कारण और रिस्क फैक्टर (Causes and Risk Factors)
कुछ लोग छोटी स्पाइनल कैनाल के साथ पैदा होते हैं। लेकिन, अधिकतर स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या तब होती है, जब कुछ ऐसा होता है जिससे स्पाइन के बीच का खुला हुआ स्पेस तंग हो जाता है। इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:
- हड्डियों का अधिक बढ़ना (Overgrowth of Bone)
- हर्नियेटेड डिस्कस (Herniated disks)
- तंग लिगमेंटस (Thickened Ligaments)
- ट्यूमर (Tumors)
- स्पाइनल इंजरी (Spinal Injuries)
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रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors)
इस समस्या का अधिकतर शिकार पचास साल से अधिक उम्र के लोग होते हैं। हालांकि, यह कम उम्र के लोगों को भी हो सकता है। इसके रिस्क फैक्टर्स में ट्रॉमा शामिल है या जेनेटिक बीमारियां भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं।
स्पाइनल स्टेनोसिस का निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment of Spinal Stenosis)
स्पाइनल स्टेनोसिस के निदान के लिए डॉक्टर आपसे इसके लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं। इसके साथ ही वो फिजिकल जांच और मेडिकल हिस्ट्री भी जानेंगे। आपको कुछ टेस्ट्स कराने के लिए कहा जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:
स्पाइनल स्टेनोसिस का उपचार स्टेनोसिस की जगह और आपके लक्षणों की गंभीरता के अनुसार किया जाता है। अपने लिए सबसे सही उपचार के लिए डॉक्टर से बात करें। यदि आपके लक्षण हल्के हैं या आप किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं कर रहे हैं, तो आपका डॉक्टर नियमित फॉलोअप के द्वारा आपकी स्थिति का पता कर सकते हैं। इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर यह तरीके अपना सकते हैं
- मेडिकेशन्स (Medications)
- फिजिकल थेरेपी (Physical Therapy)
- स्टेरॉयड इंजेक्शंस (Steroid Injections)
- डीकम्प्रेशन प्रोसीजर (Decompression Procedure)
- सर्जरी (Surgery)
कायफोसिस (Kyphosis)
इस बारे में पीजीआई हॉस्पिटल के न्यूलॉजिस्ट डाॅक्टर अनंत का कहना है कि रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर के उपचार का लक्ष्य ट्यूमर को पूरी तरह से समाप्त करना होता है, लेकिन यह लक्ष्य रीढ़ की हड्डी और आसपास की नसों को स्थायी नुकसान के जोखिम से जटिल हो सकता हैहमारी स्पाइन थोड़ी गोल होती है क्योंकि यह पीछे की ओर जाती है। यह आमतौर पर 20-40 डिग्री एंगल तक मुड़ सकती है। लेकिन, अगर यह एंगल 50 डिग्री से अधिक हो तो इसे कायफोसिस (Kyphosis) कहा जाता है। हालांकि, यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन, उम्र के बढ़ने के साथ यह समस्या सामान्यतया स्पाइन में कमजोरी के कारण होती है। जो उन्हें संकुचित या दरार का कारण बनती है। कायफोसिस के साथ कई मामलों में, स्पाइन सामान्य दिख सकती है और स्थिति को कोई इलाज की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
हल्के कायफोसिस की स्थिति में अक्सर कोई लक्षण सामने नहीं आता है। लेकिन, कुछ लोग असामान्य रूप से घुमावदार रीढ़ के अलावा पीठ दर्द और कठोरता का अनुभव करते हैं।
कारण (Causes)
कायफोसिस की समस्या तब होती है, जब पीठ के ऊपरी हिस्से में कशेरुकाएं (Vertebrae) अधिक झुकी हुए आकार के हो जाती हैं। असामान्य कशेरुकाओं के कारण इस प्रकार हैं: