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अंगों की उम्र बढ़ना: कान (Ears)
उम्र बढ़ने के अलावा सुनाई देने की क्षमता आवाज से भी प्रभावित होती है। जो व्यक्ति अधिक आवाज के संपर्क में रहता है जल्दी ही उसकी सुनाई देने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। हालांकि तेज आवाज के संपर्क में आने के अलावा एजिंग भी सुनने (Hearing) की क्षमता कम कर देता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हाय पिच साउंड सुनने में दिक्कत होती है। इस बदलाव को बढ़ती उम्र से जोड़ा जाता है।
अंगों की उम्र बढ़ना: त्वचा (Skin)
अंगों के उम्र बढ़ने (Ageing organs) की प्रक्रिया में त्वचा पतली हो जाती है, इसका लचीलापन कम हो जाता है, यह ड्राय हो जाती है और झुर्रियां (wrinkle) पड़ने लगती हैं। वैसे धूप में ज्यादा देर तक रहने पर भी त्वचा रफ हो जाती है और झुर्रियां जल्दी पड़ने लगती है। जो लोग धूप के संपर्क में कम आते हैं वह अपनी उम्र के अन्य लोगों से युवा नजर आते हैं। कोलेजन (collagen) और इलास्टीन (elastin) त्वचा को जवां बनाए रखते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के सात ही शरीर में उनका उत्पादन कम होने लगता है, जिससे स्किन डल और उम्रदराज दिखने लगती है। त्वचा के अंदर की फैट लेयर (Fat layer) भी पतली होने लगती है, यह लेयर स्किन के लिए कुशन का काम करती है और इसकी हिफाजत करती है। फैट लेयर शरीर की गर्मी को सरंक्षित करने में मदद करती है, इसलिए जब यह लेयर पतली हो जाती है तो झुर्रियां विकसित हो जाती है और शरीर ठंड के प्रति संवेदनशील हो जाता है। त्वचा की नर्व एंडिंग्स (Nerve endings) घटने लगती है। परिणमस्वरूप लोग दर्द, तापमान और दबाव के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
पसीने की ग्रंथियो (sweat glands) और ब्लड वेसल्स की संख्या भी कम होने लगती है, जिससे त्वचा को रक्त प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता है। साथ ही आपकी त्वचा धूप के संपर्क में आने पर विटामिन डी को कम मात्रा में अवशोषित करती है जिससे विटामिन डी (Vitamin D) की कमी हो जाती है।
अंगों की उम्र बढ़ना: हार्ट और ब्लड वेसल्स (Heart and Blood Vessels)
हृदय और रक्तवाहीनिया सख्त हो जाती है। हृदय तक रक्त बहुत ही धीमी गति से पहुंचता है। स्टिफ आर्टरीज में जब ज्यादा ब्लड पंप किया जाता है तो वह बहुत फैल नहीं पाती जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इन बदलावों के बावजूद एक सामान्य बुजुर्ग इंसान का हृदय ठीक तरह से काम कर सकता है। बुजुर्गों और युवाओं के हृदय में बदलाव सिर्फ तभी नजर आता है जब हार्ट को ज्यादा ब्लड पंप करना पड़ता है, जैसे एक्सरसाइज या किसी बीमारी के समय। किसी बुजुर्ग का हृद्य उतनी तेजी और जल्दी ब्लड पंप (Blood pump) नहीं कर सकता जितना किसी युवा का हृदय (Heart) कर सकता है।