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जानें बढ़ती उम्र में स्किन इलास्टिसिटी कम क्यों हो जाती है? ऐसे कर सकते इसमें सुधार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/03/2021

    जानें बढ़ती उम्र में स्किन इलास्टिसिटी कम क्यों हो जाती है? ऐसे कर सकते इसमें सुधार

    ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी (Skin Elasticity) कम होना इस उम्र में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों में से एक है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। किसी व्यक्ति की स्किन में ये चेंजेस जल्दी दिखाई देने लगते हैं तो किसी में बाद में। ऐसा सन एक्सपोजर, जेनेटिक कारण, मेडिकल कंडिशन या किसी भी अन्य कारण से हो सकता है। स्किन की कम इलास्टिसिटी को आप शायद पहली बार तब नोटिस करते हैं जब मेकअप कर रहे होते हैं या अपनी आंखों को मलते हैं। अचानक आपको एहसास होता है कि अपकी स्किन पहले की तरह बाउंस नहीं हो रही है। स्किन इलास्टिसिटी स्किन की वह क्षमता है जिसमें वह स्ट्रेच होकर वापस अपने ओरिजनल शेप में आ जाती है। स्किन इलास्टिसिटी के कम होने को इलास्टियोसिस (Elastosis) कहा जाता है। ऐसा होने पर स्किन लटक जाती है और इस पर झुर्झियां भी आ जाती हैं। कुछ उपायों को अपनाकर ओल्ड एज में होने वाली स्किन इलास्टिसिटी की प्रॉब्लम को कम किया जा सकता है।

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    ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी कम क्यों हो जाती है? Why does skin elasticity decrease in old age?

    त्वचा की इलास्टिसिटी को समझना हो तो सबसे पहले उसकी बनावट को समझना जरूरी है। स्किन को तीन भागों में बांटा जा सकता है। सबसे बाहरी भाग को एपिडर्मिस कहा जाता है। यह भाग स्किन सेल, पिग्मेंट और प्रोटीन से बना होता है। इसके बाद आता है मध्य भाग या बीच का हिस्सा इसे डर्मिस के नाम से जाना जाता है। इसमें स्किन सेल, ब्लड वैसल्स, हेयर फॉलिकल, ऑयल ग्लैंड और नर्वस होते हैं। डर्मिस तक यदि दाग, धब्बे या किसी प्रकार की प्रॉब्लम हो तो उनका इलाज कुछ हद तक आसान होता है। यदि यही एपिडर्मिस तक पहुंच गए हों तो इनका उपचार कठिन हो जाता है। चूंकि एपिडर्मिस डर्मिस को पोषक तत्व पहुंचाती है। ऐसे में एपिडर्मिस का नुकसान डर्मिस पर जरूर दिखता है।

    अंत में आती है डर्मिस के नीचे की परत या लेयर। इसमें स्वैट ग्लैंड, हेयर फॉलिकल, फैट और ब्लड वैसल्स होती हैं। हर परत में कनेक्टिव टिशूज के साथ कोलेजन फाइबर होता है। इसके साथ ही इसमें इलास्टिन फाइबर भी मौजूद होता है। यही वह कारण हैं जो त्वचा में लचीलापन और टाइटनेस लाते हैं। बढ़ती उम्र के साथ यह लचीलापन और टाइटनेस कमजोर होने लगते हैं चूंकि बढ़ती उम्र के साथ स्किन सेल उतने कारगर तरह से काम नहीं कर पाते जितना पहले करते हैं।

    ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी कम क्यों हो जाती है?

    इलास्टियोसिस (Elastosis) से लेकर लेंटिगोस (lentigos)

    उम्र के साथ कनेक्टिव टिशू में बदलाव आने लगते हैं। इसके कारण स्किन लूज होने लगती है और अपनी इलास्टिसिटी खोने लगती है। इसे इलास्टोसिस (Elastosis) कहा जाता है। इलास्टोसिस शरीर के उन हिस्सों में ज्यादा दिखाई देता है जहां सन एक्सपोजर ज्यादा हुआ हो। बढ़ती उम्र का पता त्वचा के पलते होने के साथ भी चलने लगता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है मिलेनोसाइट्स जो पिग्मैंट के लिए जिम्मेदार होते हैं उन सेल में कमी आने लगती है। वहीं अन्य सेल्स की मात्रा बढ़ने लगती है। इसके कारण आप लेंटिगोस (lentigos) के शिकार हो जाते हैं। लेंटिगोस का अर्थ है एज स्पॉट्स की समस्या।

    ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी को ट्रिगर करने वाले कारण क्या हैं? What are the causes that trigger skin elasticity in the old age?

    बढ़ती उम्र के साथ त्वचा की इलास्टिसिटी खत्म होने लगती है। कुछ लोगों में यह जल्दी तो कुछ में यह देरी से होता है। यह अलग-अलग तरह से दिखता है। इस स्किन इलास्टिसिटी को प्रभावित करने वाले कई कारण होते हैं जैसे धूप, जैनेटिक कारण, स्किन की देखभाल ना करना और सही खान-पान ना होना आदि। आइए कुछ के बारे में जानते हैं

    सूरज की किरणें हो सकती हैं सबसे बड़ा कारण

    उम्र के शुरुआती दौर में सूरज की किरणों का त्वचा पर ज्यादा फर्क पता नहीं लगता, लेकिन कुछ वक्त के बाद इससे होने वाले नुकसान को ठीक कर पाना मुश्किल हो सकता है। अल्ट्रा वायलेट किरणें इलास्टिन फाइबर को क्षति पहुंचाती हैं। इसके कारण स्किन खींचने लगती है और अपने इलास्टिसिटी को खोने लगती है। इन हानिकारक किरणों के कारण त्वचा फटने लगती है, स्किन में पिग्मेंटेशन की समस्या पनपने लगती है।

    सोने का तरीका

    माथे से सोने के तरीके के बारे में पता चल जाता है। उम्र के साथ माथे पर पड़ने वाली लाइंस आपके सोने की पुजिशन को बताती हैं। अगर आप सिर के बल सोते हैं तो माथे पर लाइंस बनने लगती हैं। साथ ही इससे चेहरे पर झुर्झियों की समस्या बढ़ने लगती है जो आगे जाकर स्किन इलास्टिसिटी को नुकसान पहुंचाती है।

    स्किन में चेंजेस होने के निम्न कारण भी हो सकते हैं।

    • ब्लड वैसल्स डिजीज
    • डायबिटीज
    • हार्ट डिजीज
    • लिवर डिजीज
    • पोषक तत्वों की कमी
    • मोटापा
    • दवाओं के साथ रिएक्शन
    • स्ट्रेस
    • किसी पौधे या क्लाइमेट से एलर्जी
    • कपड़े
    • इंडोर हीटिंग

    कुछ उपायों को अपनाकर आप स्किन इलास्टिसिटी (Skin Elasticity) को बढ़ा सकते हैं।

    स्किन टाइप के अनुसार क्लिंजर का उपयोग करें

    अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही क्लिंजर का उपयोग करें। यदि आपकी स्किन ड्राई और सेंसिटिव है तो मिल्क बेस्ड माइल्ड क्लिंजर का उपयोग करें। जिससे कि आपकी स्किन में मॉश्चर की कमी न हो। वहीं यदि आपकी स्किन ऑयली है तो जेल बेस्ड क्लिंजर का उपयोग करें ताकि स्किन में त्यादा ऑयल न बनें। बढ़ती उम्र में भी इन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अक्सर लोग उम्र होने के बाद स्किन की केयर करना बंद कर देते हैं।

    ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी

    ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी को बेहतर कर सकते हैं कोलेजन सप्लिमेंट्स (Collagen supplements)

    कोलेजन को क्षति पहुंचने के कारण ही ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी पर फर्क पड़ता है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि कोलेजन सप्लिमेंट्स एजिंग प्रोसेस को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं। कोलेजन के उपयोग को लेकर कई तरह की स्टडी भी की गई हैं जिसमें लोगों की स्किन पर कोलेजन का पॉजिटिव असर दिखा है।

    हायल्यूरोनिक एसिड (Hyaluronic acid) से बने सीरम या क्रीम भी ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी को बढ़ाने में मददगार

    हायल्यूरोनिक एसिड का उपयोग ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी को बेहतर करने के लिए आजकल सबसे अधिक किया जा रहा है। स्किन प्रोडक्ट्स में यह बहुत इस्तेमाल किया जाने लगा है। नाइट क्रीम से लेकर अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स में यह इस्तेमाल किया जा रहा है। हायलरोनिक एसिड कनेक्टिव टिशूज में पाया जाता है। इसके कारण ही त्वचा में नमी रहती है। सूरज की किरणें या बढ़ती उम्र इसे कमजोर कर देती हैं। जिस कारण त्वचा खराब होने लगती है। यदि आप इससे बनी क्रीम या सीरम इस्तेमाल करें तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

    रेटिनोल (Retinol) से बढ़ेगी ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी

    रेटिनोल एक तरह का विटामिन ए का एक प्रकार है। यह ओवर द काउंटर मिलने वाले स्किन प्रोडक्ट्स में उपलब्ध होता है। यह भी अपकी त्वचा को हेल्दी बनाने में मदद कर सकता है। हायलरोनिक एसिड की तरह इसका इस्तेमाल भी फेशियल क्रीम और सीरम में किया जाता है। एक स्टडी में ऐसा दावा किया गया है कि रेटिनॉल के साथ विटामिन सी का उपयोग ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी को फिर से बेहतर कर सकता है।

    हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Hormone replacement therapy) भी है ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी बढ़ाने का उपाय

    हालांकि इस बारे में अभी रिसर्च जारी है, लेकिन कुछ स्टडीज में ये बात सामने आई है कि हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी के जरिए स्किन इलास्टिसिटी को बेहतर किया जा सकता है जो मेनोपॉज या एजिंग के कारण होती है।

    अन्य तरीके

    यदि आप स्किन प्रोडक्ट्स के बाद भी खुश नहीं हैं तो कैमिकल पिलिंग, लेजर ट्रीटमेंट का उपयोग भी किया जा सकता है। बोटोक्स (botox) से लेकर हर तरह के स्किन ट्रीटमेंट आज कल उपलब्ध हैं। इसके अलावा बढ़ती उम्र में भी आपको स्किन केयर केयर करनी चाहिए जो इलास्टिसिटी को बेहतर करने में मदद करती है। इसके लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं।

    मॉश्चराइज करें

    उम्र के साथ त्वचा नमी को खोने लगती है। इस कारण स्किन ड्राय होने लगने लगती है। 40-50 की उम्र में कई लोगों खुजली भी होने लगती है क्योंकि स्किन बहुत ज्यादा रूखी हो जाती है। इसलिए स्किन को मॉश्चराइज करना बहुत जरूरी है। दिन में दो से चार बार स्किन को मॉश्चराइज करना न भूलें ताकि स्किन में रुखापन न आएं।

    सनस्क्रीन का उपयोग है बहुत जरूरी Use of sunscreen is very important

    सनस्कीन का उपयोग करना इस उम्र में और भी ज्यादा जरूरी है। यदि आप धूप में जा रहे हैं तब भी और यदि आप घर पर हैं तब भी। 30 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन को हर दो से चार घंटे बाद स्किन पर लगाएं। सन एक्सपोजर से बचें। धूप में जाते हुए सनसक्रीन लगाएं और छाता या स्कार्फ का इस्तेमाल करें।

    हाइड्रेटेड रहें  Stay hydrated

    शरीर में यदि पानी की कमी हो तो त्वचा खिली-खिली नहीं लगती है। इसलिए दिन में 7 से 8 ग्लास पानी पिएं। इससे त्वचा में नमी भी आती है।

    एक्सरसाइज (Exerciese) करें व खान-पान पर ध्यान दें

    एक्सरसाइज और खान-पान पर ध्यान देने से न सिर्फ आपकी सेहत अच्छी रहेगी बल्कि आपकी त्वचा पर भी इसका पॉजिटिव असर दिखेगा। दिन में आधा घंटा फिजिकल एक्टिविटी को दें और हैल्दी फूड खाएं।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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