आय और ईयर से जुड़ी समस्याएं (eyes and ears)
उम्र बढ़ने के साथ आंखें कमजोर होने लगती हैं और कानों के सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है। लाइट बदलने पर आंखें सेंसिटिव हो सकती हैं। एजिंग के कारण आंखों के लेंस प्रभावित होते हैं और क्लाउड विजन की समस्या शुरू हो जाती है। आंखों के साथ ही कानों के सुनने की क्षमता भी कम होने लगती है। अधिक भीड़-भाड़ में आवाज सुनने में भी समस्या होती है।
आंख और कान से जुड़ी समस्याओं ऐसे पाएं निजात
आंख और कान की समस्याओं से बचने के लिए रेग्युलर चेकअप कराना बहुत जरूरी है। डॉक्टर से कॉन्टेक्ट लेंस, हियरिंग से संबंधित जानकारी के बारे में जरूर पूछें। जब भी घर के बाहर निकलें, तो धूप वाले चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें। अगर आपको अधिक शोर वाले स्थान में जाना पड़ता है, तो कानों में ईयरप्लग का यूज जरूर करें। अधिक उम्र में मोतियाबिंद की समस्या आम होती है। अगर आंखों में किसी प्रकार की समस्या महसूस हो, तो डॉक्टर से आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए।
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एजिंग बॉडी: ब्लैडर और यूरीनरी ट्रेक्ट (bladder and urinary tract) से संबंधित समस्याएं
एजिंग बॉडी में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। उन्हीं परिवर्तनों में एक है ब्लैडर की इलास्टिसिटी कम होना। उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति को बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होती है। उम्र बढ़ने के साथ ब्लैडर मसल्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर होने लगती हैं, इसलिए बार-बार ब्लैडर खाली करने की जरूरत महसूस होती है। पुरुषों में अधिक उम्र में इंलार्ज और इंफ्लेम्ड प्रोटेस्ट के कारण यूरिन पास करने की बार-बार जरूरत महसूस होती है। अधिक उम्र में इंकॉन्टिनेंसकी समस्या को अन्य फैक्टर भी प्रभावित करते हैं। कुछ फैक्टर्स जैसे कि ओवरवेट, डायबिटीज के कारण नर्व डैमेज, कुछ मेडिकेशन के कारण, कैफीन या एल्कोहॉल का अधिक सेवन करने के कारण भी यूरिन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
हेल्दी हैबिट्स ब्लैडर और यूरीनरी ट्रेक्ट(bladder and urinary tract) से संबंधित समस्याओं से निजात
अधिक उम्र में यूरीनरी ट्रेक्ट की समस्याओं से बचने के लिए आपको रेग्युलर शेड्यूल में ट्वाइलेट जाना चाहिए। प्रत्येक घंटे बाथरूम जाने की आदत बनाएंगे, तो बार-बार आपको परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर आपका वजन ज्यादा है, तो खानपान के साथ ही नियमित एक्सरसाइज भी करें। स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूरी बनाएं। ब्लैडर मसल्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाने के लिए कीगल एक्सरसाइज रोजाना करें। रोजाना 10 से 15 मिनट तक एक्सरसाइज करें। कैफीन, एसिडिक फूड, कार्बोनेटेड बेवरेज आदि इग्नोर करें। फाइबर युक्त फूड खाने से इंकॉन्टिनेंस की समस्या से राहत मिलती है।
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उम्र बढ़ने के साथ दांतों का स्वास्थ्य हो जाता है खराब
अधिक उम्र में मसूड़े दांतों से खिंचने लगते हैं। इस कारण से दांत कमजोर हो जाते हैं और टूट भी सकते हैं। कुछ दवाएं, जैसे कि जो एलर्जी, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के ट्रीटमेंट के दौरान भी दांतों को क्षति पहुंच सकती है। इस कारण से दांतों के साथ ही मसूड़ों का स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है और दातों में इन्फेक्शन भी हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ ही पायरिया की समस्या भी आम हो जाती है।
दांतों के स्वास्थ्य का रखें ख्याल
दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दांतों की सफाई बहुत जरूरी है। दांतों के बीच में भी सफाई करना बहुत जरूरी है। समय-समय पर दांतों की जांच कराना बहुत जरूरी है। डेंटल हाइजीनिस्ट दांतों की जांच कर आपको इन्फेक्शन या अन्य डेंटल प्रॉब्लम से बचाने में मदद कर सकता है। अगर अधिक उम्र में दांत टूट चुके हैं, तो बेहतर होगा कि आप दांत लगवा लें, ताकि आपको खाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें।
अधिक उम्र में स्किन (skin) खो देती है नैचुरल ऑयल
उम्र बढ़ने के साथ स्किन यानी त्वचा ढीली पड़ जाती है और इलास्टिसिटी खो देती है। स्किन के नीचे स्थित फैटी टिशू भी कम होने लगते हैं। इस कारण से स्किन में दरार पड़ जाती है। स्किन का नैचुरल ऑयल कम होने लगता है और चेहरे में झाईयां पड़ने लगती हैं। साथ ही स्किन में दाग, स्किन में निशान कॉमन हो जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ स्किन संबंधित समस्याएं बढ़ने लगती हैं। अगर स्किन की देखभाल ठीक से न की जाए, तो समस्या अधिक बढ़ सकती है।
“इस बारे में क्यूटिस स्किन स्टूडियो की त्वचा विशेषज्ञ और लेजर सर्जन, त्वचा पर नजर आने वाले उम्र को दर्शाने वाले 90 प्रतिशत से भी अधिक चिन्हों के लिए सूरज की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें जिम्मेदार होती हैं. इन चिन्हों में त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस, त्वचा का ढीला पड़ना और स्किन टोन का असमान होना शामिल हैं. इसके अलावा, फोटोएजिंग (समय से पहले त्वचा पर उम्र का दिखना) के साथ यू वी किरणों की वजह से उत्पन्न होने वाले फ्रेकल्स या चकत्तियां, भूरे धब्बे (लेंटिजिनेस) और अन्य परेशानियां तेजी से आपकी त्वचा की कुदरती चमक को बेजान और डल रूप में बदल डालते हैं. त्वचा के स्वास्थ्य तथा लम्बे समय तक इसे उम्र के निशान से बचाने के लिए 30 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का भरपूर मात्रा में, आवश्यक रूप से प्रयोग करें। इसका प्रयोग करते समय अपने हाथों, गर्दन और गले की सुरक्षा को भी ध्यान में रखें और उन पर भी इसका प्रयोग करें।”
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हेल्दी स्किन के लिए हाइड्रेशन है जरूरी