ऐसे बदलें अपने कार्ब्स को
स्वस्थ विकल्पों के साथ सामान्य प्रकार के सरल कार्बोहाइड्रेट को बदलना आसान है। उदाहरण के लिए:
- फिजी ड्रिंक्स की जगह प्राकृतिक फलों के रस पियें।
- ऐसे केक या कुकीज से दूर रहे जिनमें एडेड शुगर की मात्रा ज्यादा रहती है। इनकी जगह होल फ्रूट्स को चुनें।
- सफेद पास्ता की बजाय होल वेट पास्ता (whole wheat pasta) या क्विनोआ को शामिल करें।
- वाइट ब्रेड की जगह मल्टीग्रेन ब्रेड (multigrain bread) का इस्तेमाल करें।
- स्नैक्स में आलू के चिप्स के बजाय नट्स को शामिल करें।
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शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट है जरूरी
जबकि बहुत से लोग कार्बोहाइड्रेट फ्री डायट की बात करते हैं, लेकिन कार्ब्स आपकी सेहत के लिए बुरे नहीं हैं। वास्तव में, कार्बोहाइड्रेट स्वस्थ और संतुलित आहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं क्योंकि वे शरीर को फ्यूल और ऊर्जा देते हैं। जिससे शरीर रोजमर्रा के कामों को बखूबी करने में सफल हो पाता है। इसलिए, जरूरी है किचन में अच्छे कार्ब्स का स्टॉक हो। इसके साथ ही यह हमेशा याद रखें कि स्वस्थ भोजन के लिए संयम बहुत महत्वपूर्ण है।
शरीर को कैलोरीज पहुंचाने के लिए व्होल, अन प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन की मॉडरेट मात्रा और फैट, शरीर में ऊर्जा की निरंतर आपूर्ति के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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शरीर के लिए कितने कार्ब्स है जरूरी?
अब सवाल यह आता है कि कितने कार्ब्स का सेवन करना चाहिए? कार्बोहाइड्रेट, मुख्य रूप से अच्छे कार्ब्स में दैनिक कैलोरी का 45-50% शामिल होना चाहिए। एक स्वस्थ और संतुलित भोजन में अच्छे कार्ब्स, कुछ प्रोटीन और कुछ हेल्दी फैट का मिश्रण होना चाहिए।
बहुत सारे लोग आज कम कार्ब्स डायट का सहारा ले रहे हैं। आमतौर पर, एक लो कार्ब्स डायट, आहार में कार्बोहाइड्रेट को सीमित करता है। जो कि आमतौर पर साबुत अनाज, स्टार्चयुक्त सब्जियां और फलों में पाया जाता है। वहीं, लो-कार्ब डायट प्लान प्रोटीन और फैट में उच्च खाद्य पदार्थों पर जोर देता है। वजन कम करने के लिए लो कार्ब्स डायट प्लान फायदेमंद होता है। लेकिन, कुछ कम कार्ब वाले आहार से टाइप 2-डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़े जोखिम कारक बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, कुछ आहार कार्बोहाइड्रेट सेवन को एक हानिकारक सीमा तक सीमित करते हैं और इससे विटामिन या मिनरल्स की कमी, बोन लॉस और जठरांत्र संबंधी परेशानी (gastrointestinal disturbances) हो सकती है। यहां तक कि लो कार्ब्स डायट से कई क्रोनिक बीमारियों के जोखिम भी बढ़ सकते हैं। क्योंकि कम कार्ब आहार सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं कर सकते हैं।
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लो कार्ब लेने से सेहत को होने वाले नुकसान
कम कार्ब वाला आहार अगर बहुत लंबे समय तक लिया जाए तो ये कुछ स्वास्थ्य जोखिम आपको झेलने पड़ सकते हैं जैसे-
लो कार्ब डायट सबके लिए उपयुक्त नहीं होती है। कुछ लोगों को लो कार्बोहाइड्रेट डायट प्लान को डायटीशियन या डॉक्टर की सलाह लिए बिना फॉलो नहीं करना चाहिए। खासकर जिन्हें किडनी डिजीज है।
दरअसल, कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर में एनर्जी देने का काम करता है। यदि आप पूरी तरह से कार्बोहाइड्रेट लेना बंद कर देते हैं, तो आपके बॉडी में कमजोरी आने लगती है। शरीर के लिए जरूरी कार्बोहाइड्रेट न मिलने से थकान, चक्कर आना, नींद जैसा महसूस हो सकता है।
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कम कार्ब आहार के लिए विशिष्ट खाद्य पदार्थ
सामान्य तौर पर, कम कार्ब आहार प्रोटीन पर केंद्रित होता है, जिसमें मांस, मछली और अंडे, और कुछ नॉनस्टार्च सब्जियां शामिल हैं। एक कम-कार्ब आहार आमतौर पर अधिकांश अनाज, फलियां, फल और स्टार्च वाली सब्जियों को सीमित करता है। कम कार्ब आहार के साथ कार्बोहाइड्रेट की दैनिक सीमा 0.7 से 2 औंस (20 से 60 ग्राम) होती है। कार्बोहाइड्रेट की ये मात्रा 80 से 240 कैलोरी प्रदान करती है। कुछ कम-कार्ब डायट प्लान, आहार के प्रारंभिक चरण के दौरान कार्ब्स को बहुत प्रतिबंधित करते हैं और फिर धीरे-धीरे कार्ब्स की संख्या बढ़ाते हैं।
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ऐसा हो संतुलित आहार
एक संतुलित आहार में 50 फीसदी कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए ताकि इससे शरीर को रोजाना के कार्य के लिए जरूरी कैलोरी मिलती रहे। लगभग 50% कार्ब्स, 30% प्रोटीन और 10-20% फैट को डायट में शामिल किया जाना चाहिए। यह संतुलित आहार वजन घटाने सहित अन्य स्वास्थ्य लाभ के लिए भी अनुकूल होता है। ऐसे डायट प्लान का इस्तेमाल लंबे समय तक हमारे शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण होते हैं। शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खान-पान बेहद जरूरी हैं। कैलोरी की अधिकता होने के कारण अक्सर वेट लॉस करने के लिए लोग कम कार्बोहाइड्रेट को डायट में शामिल करते हैं। लेकिन, आहार में कम कार्बोहाइड्रेट लेना हमारे शरीर में कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है। मानसिक और शारीरिक सक्रियता के लिए कार्ब्स बहुत जरूरी है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स के जरिए जरूर बताएं। इसके अलावा इस विषय से जुड़ा कोई सवाल आपके मन में है, तो वह भी आप हमसे शेयर कर सकते हैं।