बुजुर्गों के खिलाफ हो रही हिंसा के आंकड़े अधूरे
दुनियाभर में एल्डर एब्यूज के जितने भी मामले दर्द किए गए हैं, वो सभी अधूरे हैं और साफ स्थिति दिखाने में सक्षम नहीं है। अगर, भारत की ही बात की जाए, तो न जाने कितने घरों में बुजुर्गों के साथ किसी न किसी रूप में हिंसा की जाती है। लेकिन, इसके मुकाबले न के बराबर मामले दर्ज किए जाते हैं। इसका कारण बुजुर्गों का अपने बच्चों या दूसरों पर निर्भर होना है। बुढ़ापे में विभिन्न बीमारियों या कमजोरी की वजह से बुजुर्ग अपने कार्य करने में सक्षम नहीं होते हैं, जिस वजह से वह शिकायत करने से डरते हैं, कि कहीं उन्हें मिल रही थोड़ी बहुत सहायता भी बंद न हो जाए। इसका दूसरा कारण यह भी होता है कि, बुजुर्गों के मन में डर भी रहता है कि, कहीं शिकायत के बाद उनके साथ और खतरनाक हिंसा न की जाए।
बुजुर्गों से दुराचार के संकेत क्या हैं?
एल्डर एब्यूज से बुजुर्गों को बचाने के लिए आपको और हम सभी को बुजुर्गों से दुराचार होने पर दिखने वाले संकेतों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आइए, इन संकेतों के बारे में जानते हैं, ताकि हम पता लगा पाए कि, कोई बुजुर्ग किसी प्रकार की हिंसा का शिकार हो रहा है या नहीं और उसकी मदद कर पाएं।
- प्रेशर मार्क्स, हड्डी में फ्रैक्चर, जले के निशान, पिटाई के निशान, चोट के निशान आदि, फिजिकल एब्यूज या हाथापाई के संकेत हो सकते हैं।
- स्तनों या जननांगों के आसपास नीले निशान, दबाव के निशान या खरोचें आदि सेक्शुअल एब्यूज के संकेत हो सकते हैं।
- आर्थिक स्थिति में आया अचानक बदलाव उनके साथ हो रहे फाइनेंशियल एब्यूज का संकेत हो सकता है।
- सामान्य गतिविधियों में बदलाव, सक्रियता में कमी, असामान्य डिप्रेशन एल्डर एब्यूज के इमोशनल एब्यूज का संकेत हो सकते हैं।
- मेडिकल जरूरतों का पूरा न होना, साफ-सफाई में गिरावट, अचानक वजन कम होना उन्हें अनदेखी करने का संकेत हो सकता है।
- डरा या सहमा हुआ रहना, असहाय या कोई राय न रखना आदि, मौखिक या भावनात्मक हिंसा का संकेत हो सकते हैं।
- बुजुर्गों और केयरगिवर्स में बार-बार लड़ाई-झगड़ा होना।