कुछ रोग या बीमारियां बहुत ही आम हैं, जो कभी भी किसी को भी हो सकती हैं। उन्हीं में से एक है गले की बीमारियां। आपने भी कभी न कभी गले से संबंधित समस्याओं का सामना अवश्य किया होगा जैसे गले में खराश, दर्द आदि। हमारा गला एक ट्यूब है जो खाने को एसोफैगस (Esophagus) तक और हवा को विंड पाइप और लारेन्स (Larynx) तक ले जाती। गले का टेक्निकल नाम फैरिंक्स (Pharynx)है। गले की बीमारियां (Throat Conditions) परेशान और बेचैन करने वाली होती हैं और कई बार जोखिम भरी भी हो सकती हैं। जानिए, गले के रोग के बारे में विस्तार से।
गले की बीमारियां कौन सी हैं (What are Throat Conditions)
गले की बीमारियां (Throat Conditions) कई कारणों से हो सकती हैं जैसे वायरल इंफेक्शन, एलर्जी आदि। इन सब के कारण और लक्षण आदि अलग होते हैं। इसलिए ,इनके उपचार के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं। गले से जुडी कुछ बीमारियां इस प्रकार हैं:
- गले में खराश (Sore throat)
- टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis)
- कैंसर (Cancer)
- क्रुप (Croup)
- लेरिन्जाइटिस (Laryngitis)
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गले की बीमारियों के बारे में पाएं पूरी जानकारी (Throat Conditions)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि गले की बीमारियां (Throat Conditions) कई प्रकार की होती हैं। इनके प्रकार के अनुसार कारण, लक्षण और उपचार भी अलग-अलग हो सकते हैं। जानिए इनके बारे में विस्तार से:
गले में खराश (Sore Throat)
अधिकांश गले में खराश के कारण वायरस या मैकेनिकल होते है और घर पर इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। गले में खराश के लक्षण इस प्रकार हैं:
- खांसी (Coughing)
- छींकें (Sneezing)
- बुखार (Fever)
- लिम्फ नॉड्स में सूजन (Swollen Lymph Nodes)
गले में खराश के कारण (Causes of Sore Throat)
गले की बीमारियां कई तरह की हैं, जिनमें से एक है गले में खराश। गले में खराश के कारण भी अनेक हो सकते हैं। जैसे सर्दी-जुकाम होने पर गले में खराश होना सामान्य है। जानिए क्या हैं इसके कारण:
- वायरल इंफेक्शंस (Viral Infection)
- बैक्टीरियल इंफेक्शंस (Bacterial infections)
- सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Diseases)
- कुछ विषैले तत्व (Toxins/Irritants)
- कुछ मेडिकल स्थितियां जैसे हार्ट प्रोब्लेम्स (Some Medical conditions)
- एलर्जी (Allergies)
- खांसी (Cough)
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease)
- ट्यूमर (Tumors)
- कोई चोट (Injury)
- अधिक चिल्लाना (Excessive Yelling or Screaming)
गले में खराश का निदान (Diagnosis of Sore Throat)
गले में खराश के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे लक्षणों के बारे में जानेंगे और आपकी शारीरिक जांच करेंगे। गले, कान और नेजल पैसेज की जांच के लिए वो एक इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग कर सकते हैं। लिम्फ नोड्स में सूजन की जांच के लिए वो आपके गले को टच करेंगे।
गले में खराश का उपचार (Treatment of Sore Throat)
अगर गले में खराश वायरल इंफेक्शन के कारण है तो यह कुछ दिनों में खुद ठीक हो जाता है और इसके लिए किसी मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती। दर्द और बुखार के उपचार के लिए एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) और अन्य दर्द दूर करने वाली दवाइयां ली जा सकती हैं। अगर इसका कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन है, तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दे सकते हैं।
टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis)
टॉन्सिलाइटिस टॉन्सिल्स में होने वाली सूजन है। टॉन्सिल्स गले के पीछे दो अंडे की शेप के टिश्यूस के पैड होते है। टॉन्सिलाइटिस होने पर टॉन्सिल्स लाल हो जाते हैं, उनमे सूजन और दर्द हो सकती है।टॉन्सिलाइटिस के लक्षण इस प्रकार हैं:
- लाल और सूजे हुए टॉन्सिल्स (Red, Swollen Tonsils)
- टॉन्सिल्स पर सफेद और पीली कोटिंग और पैचिंग (White or Yellow Coating or Patches on the Tonsils)
- गले में खराश (Sore Throat)
- कुछ भी निगलने में परेशानी (Difficult Swallowing)
- बुखार (Fever)
- गले की लिम्फ नॉड्स का बढ़ना (Enlarged Lymph Nodes in the Neck)
- पेट दर्द, सिरदर्द और गले में दर्द (Stomachache, Headache and Neck Pain )
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टॉन्सिलाइटिस के कारण (Causes of Tonsillitis)
गले की बीमारियां जैसे टॉन्सिलाइटिस सामान्यतया वायरस की वजह से होता है। हालांकि, इसका कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो सकता है। टॉन्सिलिटिस का सबसे आम कारण एक जीवाणु है, जिसे स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स कहा जाता है। यह जीवाणु खराब गले का कारण भी बनता है।
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टॉन्सिलाइटिस का निदान (Diagnosis of Tonsillitis)
टॉन्सिलाइटिस के निदान के लिए भी डॉक्टर पहले आपके गले, कान और नाक की जांच करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर कम्पलीट ब्लड सेल काउंट (Complete Blood Cell Count) की जांच के लिए ब्लड टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं।
टॉन्सिलाइटिस का उपचार (Treatment of Tonsillitis)
गले की बीमारियां जैसे टॉन्सिलाइटिस का कारण वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है इसलिए घर पर भी इसका उपचार हो सकता है। अगर इसका कारण कोई वायरस है, तो डॉक्टर आपको पर्याप्त तरल पदार्थ लेने, आराम करने, सही आहार लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको दर्द या बुखार है तो उसके लिए आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) आदि भी दी जा सकती है।
- अगर टॉन्सिलाइटिस का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन है, तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स देंगे।
- किन्ही स्थितियों में टॉन्सिल्स को निकाला भी जा सकता है, अगर यह टॉन्सिल्स बार-बार हो रहे हों।
गले का कैंसर (Throat Cancer)
गले का कैंसर उस कैंसर को कहा जाता है जो गले (Pharynx) या वॉइस बॉक्स (Larynx) में होता है। हमारा गला एक ट्यूब है जो आपकी नाक के पीछे से शुरू होता है और गर्दन के एंड में खत्म होता है। गले का कैंसर सबसे अधिक बार फ्लैट सेल्स में शुरू होता है। वॉइस बॉक्स गले के पीछे होता है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं
- खांसी (Cough)
- आवाज में परिवर्तन (Changes in Voice)
- निगलने में समस्या (Difficulty Swallowing
- कान में दर्द (Ear Pain)
- गले में खराश (Sore Throat)
- वजन कम होना (Weight Loss)
गले के कैंसर के कारण (Causes of Throat Cancer)
गले का कैंसर तब होता है जब आपके गले की कोशिकाओं में जेनेटिक म्युटेशन (Genetic Mutations) होता है। इस म्युटेशन के कारण यह सेल्स बिना किसी नियंत्रण के ग्रो होती रहती है और गले में ट्यूमर बनाती हैं।
गले के कैंसर के अन्य कारण इस प्रकार हैं:
विटामिन B या विटामिन D की कमी (Vitamin B or Vitamin D Deficiency)
ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (Human Papillomavirus Virus)
अधिक शराब का सेवन (Excessive Alcohol Consumption)
एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr Virus)
पुअर डायट (Poor Diet)
कैंसर की फैमिली हिस्ट्री (Family History of Cancer)
गले के कैंसर का निदान (Diagnosis of Throat Cancer)
गले के कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर आपके गले की जांच करेंगे, फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही आपको इन टेस्ट्स की भी सलाह दी जा सकती है:
- टिश्यू सैंपल की जांच (Tissue Sample for Testing)
- इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging Tests)
एक बार जब गले के कैंसर का निदान हो जाता है तो उसके बाद डॉक्टर इसकी स्टेज के बारे में जानेंगे। स्टेज के बारे जानने से ट्रीटमेंट विकल्प के बारे में जानने में मदद मिलेगी।
गले के कैंसर का उपचार (Treatment of Throat Cancer)
गले के कैंसर का उपचार कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कैंसर की लोकेशन और स्टेज। इसके साथ ही सेल्स के प्रकार, मरीज की हेल्थ आदि का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके उपचार के लिए कई तरीके अपनाएं जाते हैं, जैसे:
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
- सर्जरी (Surgery)
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- टार्गेटेड ड्रग थेरेपी (Targeted Drug Therapy)
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
क्रुप (Croup)
क्रुप अपर एयरवे से संबंधित इंफेक्शन है जिसके कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है। यह समस्या अक्सर बच्चों में देखी जाती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं :
- खांसी (Cough)
- बुखार (Fever)
- आवाज का ख़राब होना (Hoarse Voice)
- सांस लेते हुए आवाज आना (Breathing that may be Noisy)
क्रुप के कारण (Croup Causes)
गले की बीमारियां जैसे क्रुप वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) के कारण होता है और ज्यादातर पैराइन्फ्लुएंजा वायरस (Parainfluenza Virus) इसका कारण है।
क्रुप का निदान (Diagnosis of Croup)
क्रुप के निदान के लिए डॉक्टर आपके बच्चे की सांस, छाती और गले की जांच करेंगे। कई बार एक्स-रे की सलाह भी दी जा सकती है।
क्रुप का उपचार (Croup Treatment)
अधितर इस समस्या से पीड़ित लोग घर में ही उपचार से ठीक हो जाते हैं लेकिन फिर भी यह घातक हो सकता है, ऐसे में तुरतं अपचार की जरूरत हो सकती है।
इसके उपचार के लिए डॉक्टर आपको स्टेरॉयड दे सकते हैं इसके साथ ही आपको यह दवाईयां भी दी जा सकती हैं।
- डेक्सामेथासोन (Dexamethasone)
- एपिनेफ्रीन (Epinephrine)
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लेरिन्जाइटिस (Laryngitis)
वॉइस बॉक्स के अधिक प्रयोग, इंफेक्शन और अन्य समस्या के कारण उसमें सूजन को लेरिन्जाइटिस कहा जाता है। वॉइस कॉर्ड आराम से खुलते और बंद होते हैं, जिससे उनके संचालन और कंपन से आवाज़ आती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- गले का बैठना (Hoarseness)
- आवाज का कम निकलना (Weak Voice)
- गले में गुदगुदी का अनुभव होना (Tickling Sensation in your Throat)
- गले का ख़राब होना (Sore Throat)
- गले का रुखा होना (Dry Throat)
- सुखी खांसी (Dry Cough)
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एक्यूट लेरिन्जाइटिस के कारण (Causes of Acute Laryngitis)
कई मामलों में लेरिन्जाइटिस अस्थायी है और जल्दी ठीक हो जाता है, इसके कारण इस प्रकार हैं :
- वायरल इंफेक्शंस (Viral Infections)
- वोकल स्ट्रेन (Vocal strain)
- बैक्टीरियल इंफेक्शंस (Bacterial infections)
क्रोनिक लेरिन्जाइटिस के कारण (Causes of Chronic Laryngitis)
- इर्रिटेन्ट्स के कारण (Inhaled irritants)
- एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux)
- क्रोनिक साइनोसाइटिस (Chronic sinusitis)
- अधिक शराब का सेवन (Excessive alcohol use)
- आवाज जा अधिक प्रयोग (Habitual overuse of your voice)
- स्मोकिंग (Smoking)
इसके कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं :
- बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शंस (Bacterial or fungal infections)
- खास परजीवी के साथ इंफेक्शन (Infections with certain parasites)
लेरिन्जाइटिस का निदान (Diagnosis of Laryngitis)
गले की बीमारियां जैसे लेरिन्जाइटिस का सबसे सामान्य लक्षण है गले का बैठना। डॉक्टर आपकी आवाज की जांच करते हैं। अगर आपका गला बैठा हुआ है तो आपसे मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों के बारे में जांचा जाएगा। इसके निदान के लिए आपको यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाएगी:
- लैरिंगोस्कोपी(Laryngoscopy)
- बायोप्सी (Biopsy)
लेरिन्जाइटिस का उपचार (Treatment of Laryngitis)
एक्यूट लेरिन्जाइटिस कुछ हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। इसके लिए अधिक तरल पीने, आराम करने , कम बोलने आदि की सलाह दी जाती है। क्रोनिक लेरिन्जाइटिस का उपचार का लक्ष्य इसके कारणों को दूर करना है, जैसे हार्टबर्न, स्मोकिंग और अधिक शराब से बचना। इसके लिए कुछ दवाइयां भी दी जा सकती हैं, जो इस प्रकार हैं:
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
- कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids)
आप वॉइस थेरेपी का प्रयोग भी कर सकते हैं और कई मामलों में सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है।
गले की बीमारियां कैसे हो सकती है दूर (Stay Away From Throat Conditions)
गले की बीमारियां से बचने और उनसे राहत पाने के लिए आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। यही नहीं, आपको अपने जीवन में भी कुछ बदलाव लाने चाहिए, जैसे:
- स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचें
- हेल्दी डायट लें जैसे फल और सब्जियां। इसके साथ ही अनहेल्दी चीजों को खाने से बचे।
- अपने हाथों को धोते रहें, खासतौर पर टॉयलेट के प्रयोग के बाद, कुछ भी खाने से पहले और छींकने या खांसने के बाद।
- अगर साबुन और पानी मौजूद नहीं है। तो अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- अपने फोन,टीवी रिमोट, कंप्यूटर कीबोर्ड आदि को अच्छे से साफ करें।
- उन लोगों के संपर्क में आने से बचें, जो बीमार हैं।
- हवा को साफ करने के लिए घर में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें।
- अपनी आवाज को जितना हो सके आराम दें बहुत ऊंची आवाज में बोलने से बचें।
- व्यायाम और योग का सहारा लें।
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गले की बीमारियां आपके लिए घातक हो सकती हैं। इसलिए इनके लक्षणों को नजरअंदाज न करें बल्कि खास ध्यान रखें। गंभीर स्थितियों में गले की बीमारियां कैंसर का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में, आपको उन कारकों से बचना चाहिए जिनसे यह समस्याएं बढ़ सकती हैं। कोई भी संदेह होने पर अपने चिकित्सक से संपर्क करें।