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टॉन्सिलाइटिस के कारण (Causes of Tonsillitis)
गले की बीमारियां जैसे टॉन्सिलाइटिस सामान्यतया वायरस की वजह से होता है। हालांकि, इसका कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो सकता है। टॉन्सिलिटिस का सबसे आम कारण एक जीवाणु है, जिसे स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स कहा जाता है। यह जीवाणु खराब गले का कारण भी बनता है।
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टॉन्सिलाइटिस का निदान (Diagnosis of Tonsillitis)
टॉन्सिलाइटिस के निदान के लिए भी डॉक्टर पहले आपके गले, कान और नाक की जांच करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर कम्पलीट ब्लड सेल काउंट (Complete Blood Cell Count) की जांच के लिए ब्लड टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं।
टॉन्सिलाइटिस का उपचार (Treatment of Tonsillitis)
गले की बीमारियां जैसे टॉन्सिलाइटिस का कारण वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है इसलिए घर पर भी इसका उपचार हो सकता है। अगर इसका कारण कोई वायरस है, तो डॉक्टर आपको पर्याप्त तरल पदार्थ लेने, आराम करने, सही आहार लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको दर्द या बुखार है तो उसके लिए आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) आदि भी दी जा सकती है।

गले का कैंसर (Throat Cancer)
गले का कैंसर उस कैंसर को कहा जाता है जो गले (Pharynx) या वॉइस बॉक्स (Larynx) में होता है। हमारा गला एक ट्यूब है जो आपकी नाक के पीछे से शुरू होता है और गर्दन के एंड में खत्म होता है। गले का कैंसर सबसे अधिक बार फ्लैट सेल्स में शुरू होता है। वॉइस बॉक्स गले के पीछे होता है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं
- खांसी (Cough)
- आवाज में परिवर्तन (Changes in Voice)
- निगलने में समस्या (Difficulty Swallowing
- कान में दर्द (Ear Pain)
- गले में खराश (Sore Throat)
- वजन कम होना (Weight Loss)
गले के कैंसर के कारण (Causes of Throat Cancer)
गले का कैंसर तब होता है जब आपके गले की कोशिकाओं में जेनेटिक म्युटेशन (Genetic Mutations) होता है। इस म्युटेशन के कारण यह सेल्स बिना किसी नियंत्रण के ग्रो होती रहती है और गले में ट्यूमर बनाती हैं।
गले के कैंसर के अन्य कारण इस प्रकार हैं:
विटामिन B या विटामिन D की कमी (Vitamin B or Vitamin D Deficiency)
ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (Human Papillomavirus Virus)
अधिक शराब का सेवन (Excessive Alcohol Consumption)
एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr Virus)
पुअर डायट (Poor Diet)
कैंसर की फैमिली हिस्ट्री (Family History of Cancer)
गले के कैंसर का निदान (Diagnosis of Throat Cancer)
गले के कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर आपके गले की जांच करेंगे, फैमिली हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही आपको इन टेस्ट्स की भी सलाह दी जा सकती है:
- टिश्यू सैंपल की जांच (Tissue Sample for Testing)
- इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging Tests)
एक बार जब गले के कैंसर का निदान हो जाता है तो उसके बाद डॉक्टर इसकी स्टेज के बारे में जानेंगे। स्टेज के बारे जानने से ट्रीटमेंट विकल्प के बारे में जानने में मदद मिलेगी।
गले के कैंसर का उपचार (Treatment of Throat Cancer)
गले के कैंसर का उपचार कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कैंसर की लोकेशन और स्टेज। इसके साथ ही सेल्स के प्रकार, मरीज की हेल्थ आदि का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके उपचार के लिए कई तरीके अपनाएं जाते हैं, जैसे:
क्रुप (Croup)
क्रुप अपर एयरवे से संबंधित इंफेक्शन है जिसके कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है। यह समस्या अक्सर बच्चों में देखी जाती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं :
- खांसी (Cough)
- बुखार (Fever)
- आवाज का ख़राब होना (Hoarse Voice)
- सांस लेते हुए आवाज आना (Breathing that may be Noisy)
क्रुप के कारण (Croup Causes)
गले की बीमारियां जैसे क्रुप वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) के कारण होता है और ज्यादातर पैराइन्फ्लुएंजा वायरस (Parainfluenza Virus) इसका कारण है।
क्रुप का निदान (Diagnosis of Croup)
क्रुप के निदान के लिए डॉक्टर आपके बच्चे की सांस, छाती और गले की जांच करेंगे। कई बार एक्स-रे की सलाह भी दी जा सकती है।
क्रुप का उपचार (Croup Treatment)
अधितर इस समस्या से पीड़ित लोग घर में ही उपचार से ठीक हो जाते हैं लेकिन फिर भी यह घातक हो सकता है, ऐसे में तुरतं अपचार की जरूरत हो सकती है।
इसके उपचार के लिए डॉक्टर आपको स्टेरॉयड दे सकते हैं इसके साथ ही आपको यह दवाईयां भी दी जा सकती हैं।
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लेरिन्जाइटिस (Laryngitis)
वॉइस बॉक्स के अधिक प्रयोग, इंफेक्शन और अन्य समस्या के कारण उसमें सूजन को लेरिन्जाइटिस कहा जाता है। वॉइस कॉर्ड आराम से खुलते और बंद होते हैं, जिससे उनके संचालन और कंपन से आवाज़ आती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं: