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कॉन्डोम नहीं है STD से बचने की गारंटी, सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के बारे में ये बातें नहीं होगी पता

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    कॉन्डोम नहीं है STD से बचने की गारंटी, सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के बारे में ये बातें नहीं होगी पता

    सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) शब्द का उपयोग ऐसी बीमारियों के लिए किया जाता है जो सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के द्वारा एक से दूसरे में ट्रांसफर हो जाती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति एक ऐसे व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध (वजायनल सेक्स, एनल सेक्स, ओरल सेक्स ) रखने से जो एसटीडी से ग्रसित हो एसटीडी का शिकार हो सकता है। एसटीडी को सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) और वेनेरियल डिजीज (venereal disease) (VD) भी कहा जाता है। शायद आप ना जानते हों कि सेक्स के अलावा कुछ एसटीडी नीडल्स को शेयर करने और ब्रेस्टफीडिंग के द्वारा एक से दूसरे में ट्रांसफर हो जाती हैं। वहीं ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) का शिकार आप इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के गीले कपड़े, टॉवेल और टॉयलेट शीट को शेयर करने से भी हो सकते हैं। एसटीडी के बारे में ऐसे कई फैक्ट्स हैं जिनके बारे में लोग अनजान होते हैं। ऐसे ही कुछ 10 एसटीडी फैक्ट्स इस आर्टिकल में दिए जा रहे हैं। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

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    एसटीडी फैक्ट्स: STD FACTS

    महिलाएं पुरुषों की तुलना में एसटीडी (sexually transmitted disease) का जल्दी शिकार होती हैं।

    महिलाएं अपनी शारीरिक संरचना (anatomy) के चलते एसटीडी का जल्दी शिकार होती हैं। यहां तक कि कई मामलों में महिलाओं में एसटीडी का इलाज ना किया जाए तो पुरुषों की तुलना में उनकी स्थिति बुरी होती है। अनट्रीटेड क्लैमाइडिया (Chlamydia) यूटेरस और फैलोपियन ट्यूब में फैल जाता है और उसकी वजह से पेल्विक इंफ्लामेट्री डिजीज (pelvic inflammatory disease) हो सकती है जो क्रोनिक पेल्विक पेन (Pelvic pain) और इनफर्टिलिटी (infertility) का कारण बनती है। जबकि पुरुषों को क्लैमाइडिया के चलते लॉन्ग टर्म हेल्थ प्रॉब्लम्स नहीं होती।

    वहीं महिलाएंप्रेग्नेंट होने पर सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (sexual transmitted disease) को बच्चों तक ट्रांसफर कर सकती हैं। उदाहरण के लिए जो बैक्टीरिया सिफलिस (syphilis) का कारण बनता है मां से बच्चे में ट्रांसफर हो सकता है। जो बच्चे के लिए जानलेवा तक साबित हो सकता है। इसी तरह अगर महिला जेनिटल हर्पीस (genital herpes) से पीड़ित है तो डिलिवरी के दौरान यह बीमारी बच्चे को भी हो सकती है।

    और पढ़ें: STD टेस्टिंग: जानिए कब टेस्ट है जरूरी और रखें इन बातों का ख्याल

    एसटीडी फैक्ट्स: 25 से ज्यादा हैं सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (sexually transmitted disease)

    जिन सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज के बारे में लोग जानते हैं वे हैं गोनोरिया (Gonorrhea), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), एचआईवी (HIV), एचपीवी (HPV), सिफलिस (Syphilis), प्यूबिक लाइस (pubic lice), ट्राइकोमोनिएसिस (trichomoniasis) हैं, लेकिन आपको पता नहीं होगा कि अनप्रोक्टेड सेक्स की वजह से 25 से ज्यादा एसटीडी हो सकती हैं। सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन वायरल, बैक्टीरियल और पेरासाइट के द्वारा हो सकते हैं। जिनमें से कुछ का इलाज संभव है और कछ ना नहीं।

    कैंसर का कारण बन सकती है एसटीडी (STDs can cause cancer)

    ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) एक कॉमन एसटीडी है। इसके गंभीर परिणाम होते हैं। यह ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर का कारण बनती है। एचपीवी के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और हर साल लगभग एक करोड़ चालीस लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी का शिकार बनते हैं। अमेरिका में एचपीवी के कारण 8000 लोग कैंसर का शिकार हुए हैं। जिसमें गले का कैंसर (throat cancer) , एनल कैंसर (Anal Cancer) और पेनील कैंसर (Penile Cancer) शामिल है।

    सिर्फ व्यस्क ही नहीं होते एसटीडी (STD) का शिकार

    एसटीडी फैक्ट्स में आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि एसटीडी का शिकार होने वाले लोगों में 15-24 उम्र के लोगों का परसेंटेज ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार 25 प्रतिशत अमेरिकन एसटीडी का शिकार हैं। हर साल दो करोड़ नए केस सामने आते हैं। जिनमें से आधे केस इसी उम्र वर्ग के लोग के होते हैं। वहीं व्यस्कों और बुजुर्गों का भी इसका जोखिम है।

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    कुछ एसटीडी के लक्षण ही नहीं दिखाई देते (Some STDs Are Asymptomatic)

    कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपको या आपके पार्टनर को एसटीडी (sexually transmitted disease) हो और इसका पता भी ना चले। उदाहरण के लिए क्लैमाइडिया (Chlamydia) के विशेषकर महिलाओं में लक्षण दिखाई नहीं देते। इसी तरह एचआईवी (HIV) के लक्षणों को डेवलप होने में 10 साल तक का समय लग जाता है। जब एसटीडी (STD) के लक्षण दिखाई देते हैं तो ये दूसरे इंफेक्शन्स से मैच करते हैं इसलिए मरीज इन्हें पहचान नहीं पाते। इसीलिए सीडीसी सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन क्लैमायडिया, गोनोरिया और सिफलिस की जांच के लिए एनुअल स्क्रीनिंग की सिफारिस करता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं को भी एसटीडी स्क्रीनिंग कराने की सिफारिस की जाती है ताकि वे बच्चे को इंफेक्शन ट्रांसफर ना करें।एसटीडी फैक्ट्स

    अमेरिकन सबसे ज्यादा हैं एसटीडी का शिकार (The United States leads in STD)

    अमेरिका में सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का रेट पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। जबकि वहां हेल्थकेयर पर किसी भी देश से सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया जाता है। हर साल अमेरिका में 2 करोड़ लोग STD की चपेट में आते हैं। हर साल करीब 16 बिलियन डॉलर यूएस हेल्थकेयर सिस्टम STD के मैनेजमेंट में खर्च करता है।

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    हेपेटाइटिस बी (hepatitis B) एचआईवी (HIV) से ज्यादा संक्रामक है

    हेपेटाइटिस बी जो क्रोनिक लिवर डिजीज (chronic liver disease), सिरोसिस (Cirrhosis) और लिवर कैंसर (liver cancer) का कारण है एचआईवी वायरस (HIV virus) जो एड्स (AIDS) का कारण बनता है से सौ गुना ज्यादा संक्रामक है। बॉडी फ्लूइड के एक्सपोजर के कारण हेपेटाइटिस (Hepatitis) हो सकता है। इसके साथ ही अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति किसी पहले से संक्रमित व्यक्ति का टूथब्रश शेयर कर लेता है तो भी उसको हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) इंफेक्शन हो सकता है, हालांकि आधे से ज्यादा हेपेटाइटिस इंफेक्शन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड होते हैं।

    ज्यादातर डॉक्टर्स एसटीडी के लिए नहीं करते स्क्रीनिंग

    एसडीटी फैक्ट्स में ये फैक्ट जानना महत्वपूर्ण है। अगर आप एनुअल फिजिकल एग्जाम (Annual screening) करवाते हैं तो फिजिशियन रूटीन चेक अप में एसटीडी के लिए स्क्रीनिंग नहीं करेगा। जब तक कि आप इसके लिए स्पेशली रिक्वेस्ट नहीं करते हैं। हालांकि आपको रेग्युलर स्क्रीनिंग में एसटीडी के लिए टेस्ट कराने की जरूरत तब तक नहीं पड़ती जब तक आप डॉक्टर आपसे इसके लिए ना कहें। कई सारे सेक्शुअल पाटर्नर होने पर रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर जांच के लिए कह सकते हैं। सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने STD की स्कीनिंग रिकमंडेशन सेट की हैं। अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं तो डॉक्टर से पूछे कि आपके लिए कौन सा टेस्ट कराना सही होगा।

    एसटीडी फैक्टस

    एसटीडी फैक्ट्स में ये फैक्ट जानना है जरूरी, कंडोम एसटीडी से 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं देते (Condoms aren’t foolproof)

    एसटीडी फैक्ट्स में ये फैक्ट्स जानकर आपको झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंडोम पीनस को कवर करता है, लेकिन हर्पीस (Herpes) के घाव कवर्ड एरिया के बाहर यानी थाईज या हिप्स के पास हो सकते हैं। ऐसे में हर्पीस सोर्स (herpes sores) से कैसा भी कॉन्टैक्ट हर्पीस इंफेक्शन का कारण बन सकता है। हर्पीस के मरीज के साथ किया गया ओरल सेक्स (oral sex) भी जेनिटल हर्पीस (genital herpes) का कारण बन सकता है क्योंकि मुंह में कोल्ड सोर (cold sore) होने पर इंफेक्शन वजायना या पीनस में ट्रांसफर हो सकता है। पार्टनर को हर्पीस होने पर सेक्स ना करना ही बेहतर होगा। बता दें कि हर्पीस को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। उपचार से इसके लक्षणों को कम जरूर किया जा सकता है।

    एसटीडी फैक्ट्स: होमोसेक्शुअल्स (Homosexuals) में सिफलिस (Syphilis) के मामले सबसे ज्यादा

    अमेरिका में 2017 में प्राइमरी और सेकेंड्री सिफलिस (Syphilis) के मामलों में 73 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी। जिसमें से 70 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिसमें पुरुष ने पुरुष के साथ सेक्स किया था। प्राइमरी सिफलिस में बॉडी के उस हिस्से में एक दर्दरहित घाव होता है जहां से बैक्टीरिया प्रवेश करता है। पुरुषों में यह ज्यादातर पीनस के ऊपरी भाग पर पाया जाता है। सेकेंड्री सिफलिस (secondary syphilis) के लक्षणों में मुंह और जेनिटल एरिया में रैशेज और घाव होते हैं। साथ ही फीवर और मसल्स पेन भी होता है। सिफलिस दोनों स्टेज में बेहद संक्रामक है।

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    एसटीडी का उपचार किया जा सकता है, लेकिन इन्हें ठीक नहीं किया जा सकता (STDs Are Treatable, but Not All Are Curable)

    अनप्रोक्टेड सेक्स करने से पहले एसटीडी फैक्ट्स में से इस फैक्ट को जान लें और समझ लें कि एसटीडीज क्योरेबल नहीं है। क्लैमाइडिया, गोनोरिया और सिफलिस जैसी बैक्टीरियल एसटीडी को एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है। प्यूबिक लाइस, स्कैबीज को इंसेक्टिसाइड्स से ठीक किया जा सकता है। वायरल एसटीडी, जैसे कि हर्पीस, हेपेटाइटिस बी, एचआईवी, एचपीवी, और जेनिटल वॉर्ट्स जो एचपीवी के कारण होते हैं, लाइलाज हैं, हालांकि उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।

    यौन संचारित रोग न केवल आपका शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित करते हैं, यह आपको भावनात्मक रूप से भी कमजोर करते हैं। यह आपके रिश्तों पर भी भारी पड़ सकते हैं। यदि आपको एसटीडी है, तो साथ यौन संपर्क करने से पहले साथी को इसके बारे में जरूर बताएं और ईमानदार रहे। कुछ देशों में इस बात को छुपाना आपराधिक है। नए साथी के साथ सेक्स करने से पहले, एसटीडी के लिए दोनों का परीक्षण करवाना चाहिए।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और एसटीडी फैक्ट्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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