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जानें क्या करें
- अपने सेक्शुअल पार्टनर के साथ बात करें, साथी पार्टनर को भी टेस्ट कराने की सलाह दें
- हर्पीस के साथ सेक्स को लेकर बात करें, ऐसे कदम उठाए जिससे वायरस न फैले
- एक बार अपने पार्टनर को बीमारी के बारे में बता दिया है तो उसके बाद वो क्या कह रहे हैं उसपर ध्यान दें
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
हर्पिस होने का कतई अर्थ नहीं कि पार्टनर को डेटिंग करना बंद कर दें
हर्पिस होने का कतई अर्थ नहीं होता है कि आपकी डेटिंग लाइफ खत्म हो गई हो। बीमारी से ग्रसित व्यक्ति डेटिंग कर सकते हैं। लेकिन अपने पार्टनर को ईमानदारी पूर्वक बीमारी के बारे में बताकर रिलेशनशिप में रह सकते हैं।
पार्टनर से करें खुलकर बात
हर्पीस के साथ सेक्स और डेटिंग की बात करें तो यदि आपको हर्पीस की बीमारी का पता चल जाता है तो इसका यह अर्थ नहीं हुआ कि आपकी सेक्स और डेटिंग लाइफ खत्म हो गई है। आपको अपने डॉक्टर से बात कर सेक्शुअल कम्युनिकेशन के साथ इंतजाम कर बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं।
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सेफ इंटीमेसी के टिप्स
हर्पीस के साथ सेक्स की बात करें तो सही जानकारी और सही प्रोटेक्शन हासिल कर आप हेल्दी सेक्शुअल रिलेशनशिप में रह सकते हैं। बता दें कि सेक्स को लेकर आप इन उपाय को आजमाकर खुद और अपने पार्टनर को सुरक्षित रख सकते हैं।
- हर्पिस से साथ सेक्स में है रिस्क : हर्पीस के साथ सेक्स में रिस्क जुड़ा हुआ है। ऐसे में एक्सपर्ट यह सलाह देते हैं कि किसी दूसरे के साथ शारिरिक संबंध बनाने हमेशा सौ फीसदी प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना चाहिए।
- दवा का नियमित करें सेवन : रोजाना नियमित एंटीवायरल का सेवन कर बीमारी से बचा जा सकता है। एक शोध के अनुसार यह भी पाया गया कि नियमित तौर पर दवा का सेवन करने से ट्रांसमिशन के खतरे को रोका जा सकता है। हर इंसान का शरीर अलग-अलग है, ऐसे में यह हर किसी के साथ संभव नहीं है। लेकिन काफी हद तक दवा का सेवन कर बीमारी को फैलने से बचा सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य आपको किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं प्रदान करता है। सेक्स से जुड़े किसी भी मुद्दे पर अगर आपका कोई सवाल है, तो कृपया इस बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- जानें कॉन्डोम का सही से इस्तेमाल करना : हर्पीस के साथ सेक्स की सोच रहे हैं तो जरूरी है कि कॉन्डोम का सही से इस्तेमाल करना सीखना होगा। प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर आप हर्पीस को एक से दूसरे में फैलने से रोक सकते हैं। वहीं आप यदि एक्टिव हर्पीस की बीमारी से ग्रसित हैं तो ऐसे में बीमारी के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। एक्टिव हर्पीस के साथ सेक्स नहीं करना चाहिए, इसमें काफी खतरा रहता है। कॉन्डोम का इस्तेमाल करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सप्रेसिव थेरेपी सिर्फ 50 फीसदी ही इफेक्टिव होती है, ऐसा कर ट्रांसमेशन को फैलने से रोका जा सकता है।
- स्ट्रेस को मैनेज कर बीमारी से करें बचाव : तनाव के कारण हर्पीस की बीमारी और ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि स्ट्रेस मैनेजमेंट स्किल की मदद से और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर बीमारी को एक से दूसरे में फैलने से रोका जा सकता है।
- वाटर बेस्ड सेक्शुअल लूब्रिकेंट का इस्तेमाल : सेक्स के दौरान फ्रिक्शन होने की वजह स्किन को चोट पहुँच सकता है। संक्रमण के फैलने का खतरा रहता है। यह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि सेक्स के दौरान हमेशा वाटर बेस्ड लूब्रिकेंट का ही इस्तेमाल करें।
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हर्पीस के साथ सेक्स नहीं है आसान, लें डॉक्टरी सलाह
इस पूरे आर्टिकल से इतनी बात तो समझ में आ ही गई है कि हर्पीस की बीमारी के साथ सेक्स करना आसान है। यदि किसी को यह बीमारी हो जाती है तो उसके लिए सेक्स जोखिमों से भरा है। मरीज बीमारी से बचाव को लेकर कदम नहीं उठाता है तो संभव है कि यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। इसलिए जरूरी है कि हर्पीस की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति सेक्स के पहले डॉक्टरी सलाह लें। उनके बताए निर्देशों का ही पालन करें।