नियमित जांच
अपनी और अपने साथी की सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से संबंधित नियमित रूप से जांच कराएं। अगर आपको कोई समस्या है या कोई शंका है, तो अपने डॉक्टर से पूछें और सही सलाह लें।
ओरल सेक्स और अन्य इंफेक्शन
ओरल सेक्स से एचआईवी के अलावा अन्य इंफेक्शन का भी खतरा हो सकता है। यह इंफेक्शन भी आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। आइए, इनके बारे में भी जान लेते हैं, ताकि आप पूरी सावधानी से ओरल सेक्स का आनंद ले पाएं।
हर्पीज (Herpes)
जेनिटल हर्पीज एक आम सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है, जो कि किसी भी सेक्शुअली एक्टिव व्यक्ति को हो सकती है। अधिकतर लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन इसके बावजूद यह आपके पार्टनर तक फैल सकता है। जेनिटल हर्पीज ओरल सेक्स के द्वारा भी फैल सकता है। क्योंकि आमतौर पर मुंह में होने वाला हर्पीज संक्रमण (जो कि ओरल हर्पीज कहलाता है) एचएसवी-1 वायरस के कारण होता है। यह वायरस ओरल सेक्स के दौरान पार्टनर के जननांगों के संपर्क में आ सकता है और उसे भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए ओरल सेक्स के दौरान इस संक्रमण से बचाव के लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सिफलिस (Syphilis)
सिफलिस भी एक यौन संचारित संक्रमण है, जो कि सेक्स के द्वारा हो सकता है। हालांकि, इसका इलाज एंटीबायोटिक मेडिसिन के द्वारा आसानी से किया जा सकता है, लेकिन इलाज न मिलने पर यह परमानेंट डैमेज का कारण भी बना सकता है। इस संक्रमण में आपके जननांगों पर घाव, फोड़े या छाले हो सकते हैं। जो कि ओरल सेक्स के दौरान आपके पार्टनर को भी संक्रमित कर सकते हैं। सिफलिस आपके वजायना, एनस, पीनस, स्क्रोटम, होंठ और मुंह को संक्रमित कर सकता है। इससे बचाव के लिए भी कॉन्डोम या डेंटल डैम का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इससे समय पर निजात पाने के लिए आप रेगुलर टेस्टिंग/स्क्रीनिंग करवाते रहें।
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गोनोरिया (Gonorrhea)
गोनोरिया का एक प्रकार ओरल गोनोरिया भी है। हालांकि यह कितना आम है, इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी इसके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है। ओरल गोनोरिया अधिकतर उन लोगों में पाया जाता है, जो कि पुरुषों से यौन संबंध रखते हैं। संक्रमित व्यक्ति के एनस या जननांगों के साथ ओरल सेक्स करने से ओरल गोनोरिया का संक्रमण फैल सकता है। ओरल गोनोरिया किसिंग से भी एक-दूसरे में फैल सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाए, तो गले में घाव, फोड़ा या छाला होना, गले में जलन, बुखार, गले की लिंफ नोड्स में सूजन आदि से इस संक्रमण की पहचान की जा सकती है।
क्लेमेडिया (Chlamydia)
अन्य यौन संचारित संक्रमण की तरह क्लेमेडिया भी एक एसटीआई है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। हालांकि, यह वजायनल व एनल सेक्स के द्वारा ज्यादा फैलता है, लेकिन फिर भी कुछ मामलों में ओरल सेक्स के कारण भी इसका ट्रांसमिशन देखा गया है। क्लेमेडिया संक्रमण किसी महिला में वजायना से एनस तक फैल सकता है और ओरल सेक्स के दौरान इसके संपर्क में आने से किसी भी व्यक्ति में ओरल क्लेमेडिया का रूप ले सकता है। सेक्स के दौरान या हाथों के आंखों के संपर्क में आने से भी यह संक्रमण आई इंफेक्शन का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह महिलाओं से जन्म के दौरान उनके शिशु तक भी पहुंच सकता है। इस इंफेक्शन से बचाव के लिए भी कॉन्डोम का इस्तेमाल काफी जरूरी है।
हम उम्मीद करते हैं कि ओरल सेक्स और एचआईवी के रिश्ते और इससे होने वाले अन्य इंफेक्शन के बारे में आपको पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी बीमारी या इंफेक्शन से बचने के लिए सावधानी सबसे जरूरी है। इसलिए आप जब भी किसी के साथ सेक्शुअल रिलेशन बनाएं, तो कॉन्डोम, डेंटल डैम आदि का प्रयोग करना न भूलें। यह आपको विभिन्न यौन संचारित रोगों व संक्रमणों से बचाने में मदद करेगा। अगर आपको इस बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से परामर्श करें।