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क्या ओरल सेक्स से एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है? जानें सेफ ओरल सेक्स टिप्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/03/2021

    क्या ओरल सेक्स से एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है? जानें सेफ ओरल सेक्स टिप्स

    ओरल सेक्स संभोग का एक प्रकार है, जिसमें मुंह, जीभ और होंठों आदि का प्रयोग किया जाता है। इसे आप फोरप्ले करने का तरीका भी मान सकते हैं। ओरल सेक्स के माध्यम से चरमसुख तक पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें एक पार्टनर अपने मुंह, जीभ या होंठ आदि के माध्यम से अपने दूसरे पार्टनर के प्राइवेट पार्टस या संवेदनशील अंगों को उत्तेजित करता है। सेक्स का यह तरीका पुरुषों और महिलाओं दोनों में फेमस है। हालांकि कई लोग सेक्स के इस तरीके को पसंद नहीं करते। ऐसा माना जाता है कि ओरल सेक्स, एचआईवी की संभावना को बढ़ा देता है। जानिए ओरल सेक्स और एचआईवी में रिश्ता क्या है? क्या सच में ओरल सेक्स से एचआईवी का खतरा बढ़ सकता है?

    ओरल सेक्स और एचआईवी के जोखिमों के बारे में समझने से पहले हमें ओरल सेक्स के बारे में थोड़ी जानकारी होनी चाहिए। ताकि हम यह जान पाएं कि इससे एचआईवी कैसे फैल सकता है।

    ओरल सेक्स (Oral Sex) के बारे में जानकारी

    पुरुष

    पुरुषों को ओरल सेक्स करने के लिए उनके लिंग का इरेक्ट होना आवश्यक नहीं है। लेकिन, आप ओरल सेक्स से पहले इसे उत्तेजित करने के लिए अपने हाथ का उपयोग कर सकते हैं। पुरुषों का लिंग बेहद संवेदनशील होता है। ऐसे में ओरल सेक्स के दौरान महिला को थोड़ा ध्यान रखना चाहिए। आप ओरल सेक्स के दौरान जीभ, मुंह और सिर को अलग दिशा में हिला सकते हैं। लेकिन, इस दौरान दांतों का प्रयोग न करें।

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    और पढ़ें: Oral Sex: ओरल सेक्स के दौरान इन सावधानियों को नजरअंदाज करने से हो सकती है मुश्किल

    महिला

    महिलाओं के साथ ओरल सेक्स करने से पहले पुरुषों को कुछ समय महिला को किस करने और फोरप्ले के अन्य तरीको में बिताना चाहिए। इससे महिला को उत्तेजित होने में मदद मिलेगी। महिलाओं के प्राइवेट पार्ट भी बेहद संवेदनशील होते हैं। ऐसे में थोड़ा ध्यान रखें। शुरुआत आराम से करें। इसमें पुरुष अपनी जीभ का भी प्रयोग कर सकते हैं।

    क्या ओरल सेक्स करना सुरक्षित है? (Is it safe to have oral sex?)

    अगर आप गर्भवती नहीं होना चाहती, तो ओरल सेक्स बिलकुल सुरक्षित तरीका है। लेकिन, ओरल सेक्स से सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस होने की संभावना होती है। ओरल सेक्स से होने वाले इंफेक्शन इस प्रकार हैं:

    • दाद (herpes)
    • सूजाक (gonorrhoea)
    • उपदंश (syphilis)
    • क्लैमाइडिया (chlamydia)
    • जननांग मस्सा (genital warts)
    • हेपेटाइटिस A
    • हेपेटाइटिस B
    • हेपेटाइटिस C
    • HIV (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस)
    • प्यूबिक लाइस

    इन संक्रमणों का खतरा ओरल सेक्स के रिसीविंग एंड (लेने वाला) से ज्यादा गिवींग एंड (देने वाला) पर ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि गिवींग एंड पर व्यक्ति जननांगों से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आ सकता है।

    और पढ़ें: ओरल सेक्स क्या है? युवाओं को क्यों है पसंद?

    ओरल सेक्स और एचआईवी के जोखिम (Oral sex and HIV risk)

    यदि आप ओरल सेक्स और एचआईवी संक्रमण को लेकर चिंतित हैं। तो आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि ओरल सेक्स करना काफी सुरक्षित है। हालांकि, यह बिल्कुल जोखिम-रहित नहीं है। लेकिन अगर आप सही सावधानी बरतते हैं, तो वायरस फैलाने की संभावना बहुत कम होती है।

    • ऐसा माना जाता है कि ओरल सेक्स अधिक जोखिम भरा है। क्योंकि, अगर आपके मुंह में कोई कट या छाला है। जिसके बारे में आपको पता भी नहीं है, तो यह एचआईवी का कारण बन सकता है। आपको आपके पार्टनर के फ्लूइड से भी इस रोग के होने का खतरा है, जो आपके मुंह और गले के द्वारा आपके संपर्क में आ सकता है।
    • माउथ टू वजायना (मुंह से वजायना) के मुकाबले माउथ टू पीनस (मुंह से लिंग) ओरल सेक्स ज्यादा जोखिम भरा होता है।
    • ओरल- एनल सेक्स से एचआईवी के संक्रमण का जोखिम हो सकता है। लेकिन, यह संभावना कम है। इस सेक्स का बड़ा जोखिम यह है कि आप अपने साथी के एनस में रहने वाले अन्य वायरस या बैक्टीरिया के कारण बीमार हो सकते हैं। इन स्थितियों में, एचआईवी की संभावना तब होती है, जब एचआईवी वाला कोई व्यक्ति अपने यौन साथी के मुंह में स्पर्म रिलीज (वीर्य स्खलन) कर दे।

    रल सेक्स के दौरान आपको एचआईवी किन स्थितियों में हो सकता है? (In what situations can you get HIV during oral sex?)

    वजायनल फ्लूइड (योनि स्राव) और स्पर्म (वीर्य) जैसे शरीर के तरल पदार्थों में एचआईवी वायरस होता है। अगर किसी व्यक्ति को यह संक्रमण है, तो यह वायरस ओरल सेक्स के माध्यम से किसी ऐसे व्यक्ति की ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश कर सकते हैं, जिसे एचआईवी नहीं है। जानिए किन और स्थितियों में ओरल सेक्स से एचआईवी होने का खतरा बढ़ता है:

    एचआईवी शारीरिक तरल पदार्थों के आदान-प्रदान से फैलता है जैसे:

    • वीर्य संबंधी तरल
    • वजायनल फ्लूइड (जिसमें मासिक धर्म का फ्लूइड भी शामिल है )
    • ब्रेस्ट मिल्क
    • रक्त
    • मलाशय में पाया जाने वाला श्लेष्मा
    • प्री-कम (द्रव जो पीनस इजैक्युलेशन से पहले निकलता है)

    आपको ओरल सेक्स के दौरान एचआईवी होने की संभावना बहुत अधिक है, अगर:

    • आपके मुंह, योनि या लिंग में कोई घाव, कट या छाला है, ऐसा मुंह में किसी खुले घाव या जननांग अल्सर के कारण हो सकता है।
    • आपके मसूड़ों से खून निकल रहा है।
    • अगर मासिक धर्म के दौरान निकलने वाले खून के संपर्क में आए हों।
    • आपको कोई और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) हो।

    और पढ़ें: कंडोम के साथ ओरल सेक्स करना कितना सुरक्षित है, जानिए इस आर्टिकल में

    ओरल सेक्स के जोखिम पर अध्ययन (Risk Factors of Oral Sex)

    एक अध्ययन के मुताबिक ओरल सेक्स से एचआईवी होने की संभावना कम होती है। लेकिन, इसे पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। यदि ओरल सेक्स करते हुए पार्टनर में से एक को मसूड़ों से खून आना, मुंह के छाले, मसूड़ों की बीमारी, जननांग घाव और अन्य यौन संचारित संक्रमण हैं, तो यह समस्या हो सकती है। कई रिपोर्टों से पता चलता है कि बहुत दुर्लभ मामलों में लोगों को ओरल सेक्स के माध्यम से एचआईवी होता है। कई अध्ययनों के द्वारा ओरल सेक्स के जोखिमों के सही कारण का पता लगाने की कोशिश की है, लेकिन अभी इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं मिली है। कुछ परिस्थितियों में ओरल सेक्स भी एचआईवी का एक कारण हो सकता है। लेकिन, अधिकतर मामलों में ओरल सेक्स को एचआईवी का कारण नहीं माना जाता।

    बीमारियों के उपचार के रूप में योगा के बारे में जानिए इस वीडियो के माध्यम से:

    सुरक्षित ओरल सेक्स और एचआईवी के लिए टिप्स

    मुंह का रखें ध्यान

    अगर आपके पार्टनर के मुंह में छालें हैं, तो आप ओरल सेक्स से बचें। अपने मुंह का ध्यान रखें अगर आपके मसूड़ों में से खून निकल रहा है, अल्सर, कट, छाले या इंफेक्शन हो, तो आपको एचआईवी होने का खतरा बढ़ जाता है।

    प्राइवेट पार्टस की जांच

    अपने पार्टनर के प्राइवेट पार्टस को जांचें कि उनमें कोई घाव, कट या चोट आदि तो नहीं है। अगर ऐसा कुछ है, तो भी ओरल सेक्स करने से बचें। प्री-कम, वजायनल फ्लूइड और मेंस्ट्रुअल ब्लड को निगलने से बचें।

    पुरुष लेटेक्स कंडोम (latex condom) का प्रयोग करें

    ओरल सेक्स के लिए पुरुष लेटेक्स या पॉलीसोप्रीन कॉन्डोम का उपयोग करें। बाजार में यह फ्लेवर के साथ भी मौजूद हैं, जो बिना ल्यूब्रिकेंट के आते हैं। अगर आप ओरल सेक्स कॉन्डोम के बिना करते हैं, तो इजैक्युलेशन बाहर ही करें। स्पर्म को निगलने की जगह थूक दें। महिला के मासिक धर्म के दौरान योनि के साथ ओरल सेक्स करने से बचें।

    और पढ़ें: कैसे होती है AIDS या HIV की बीमारी?

    दांतों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें

    • एनल सेक्स या पुरुषों को ओरल सेक्स करते हुए डेंटल डैम या कट- ओपन कॉन्डोम का प्रयोग करना चाहिए। डेंटल डैम लेटेक्स से बने होते हैं, इसे मुंह का कॉन्डोम भी कहा जाता है। इस का प्रयोग एचआईवी और अन्य यौन रोगों से बचने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर चोकोर या वर्गाकार के होते हैं और यह कई फ्लेवर्स में आते हैं।

    साफ-सफाई

    • अगर आप किसी सेक्स टॉय का प्रयोग करते हैं, तो प्रयोग के बाद इसे साफ करें। साफ करने के बाद ही इसका प्रयोग करें।
    • अपने प्राइवेट पार्टस की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
    • अगर आप यौन रूप से एक्टिव हैं, तो ध्यान रहे कि बहुत सारे लोगों के साथ सेक्शुअली एक्टिव न रहें। इस स्थिति में अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो आपको भी संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके बाद आप से यह संक्रमण आपके दूसरे पार्टनर तक भी पहुंचेगा।

    नियमित जांच

    अपनी और अपने साथी की सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से संबंधित नियमित रूप से जांच कराएं। अगर आपको कोई समस्या है या कोई शंका है, तो अपने डॉक्टर से पूछें और सही सलाह लें।

    ओरल सेक्स और अन्य इंफेक्शन

    ओरल सेक्स से एचआईवी के अलावा अन्य इंफेक्शन का भी खतरा हो सकता है। यह इंफेक्शन भी आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। आइए, इनके बारे में भी जान लेते हैं, ताकि आप पूरी सावधानी से ओरल सेक्स का आनंद ले पाएं।

    हर्पीज (Herpes)

    जेनिटल हर्पीज एक आम सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है, जो कि किसी भी सेक्शुअली एक्टिव व्यक्ति को हो सकती है। अधिकतर लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन इसके बावजूद यह आपके पार्टनर तक फैल सकता है। जेनिटल हर्पीज ओरल सेक्स के द्वारा भी फैल सकता है। क्योंकि आमतौर पर मुंह में होने वाला हर्पीज संक्रमण (जो कि ओरल हर्पीज कहलाता है) एचएसवी-1 वायरस के कारण होता है। यह वायरस ओरल सेक्स के दौरान पार्टनर के जननांगों के संपर्क में आ सकता है और उसे भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए ओरल सेक्स के दौरान इस संक्रमण से बचाव के लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    सिफलिस (Syphilis)

    सिफलिस भी एक यौन संचारित संक्रमण है, जो कि सेक्स के द्वारा हो सकता है। हालांकि, इसका इलाज एंटीबायोटिक मेडिसिन के द्वारा आसानी से किया जा सकता है, लेकिन इलाज न मिलने पर यह परमानेंट डैमेज का कारण भी बना सकता है। इस संक्रमण में आपके जननांगों पर घाव, फोड़े या छाले हो सकते हैं। जो कि ओरल सेक्स के दौरान आपके पार्टनर को भी संक्रमित कर सकते हैं। सिफलिस आपके वजायना, एनस, पीनस, स्क्रोटम, होंठ और मुंह को संक्रमित कर सकता है। इससे बचाव के लिए भी कॉन्डोम या डेंटल डैम का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इससे समय पर निजात पाने के लिए आप रेगुलर टेस्टिंग/स्क्रीनिंग करवाते रहें।

    और पढ़ें : कंडोम के नुकसान : इस्तेमाल करने से पहले ही जान लें

    गोनोरिया (Gonorrhea)

    गोनोरिया का एक प्रकार ओरल गोनोरिया भी है। हालांकि यह कितना आम है, इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी इसके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है। ओरल गोनोरिया अधिकतर उन लोगों में पाया जाता है, जो कि पुरुषों से यौन संबंध रखते हैं। संक्रमित व्यक्ति के एनस या जननांगों के साथ ओरल सेक्स करने से ओरल गोनोरिया का संक्रमण फैल सकता है। ओरल गोनोरिया किसिंग से भी एक-दूसरे में फैल सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाए, तो गले में घाव, फोड़ा या छाला होना, गले में जलन, बुखार, गले की लिंफ नोड्स में सूजन आदि से इस संक्रमण की पहचान की जा सकती है।

    क्लेमेडिया (Chlamydia)

    अन्य यौन संचारित संक्रमण की तरह क्लेमेडिया भी एक एसटीआई है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। हालांकि, यह वजायनल व एनल सेक्स के द्वारा ज्यादा फैलता है, लेकिन फिर भी कुछ मामलों में ओरल सेक्स के कारण भी इसका ट्रांसमिशन देखा गया है। क्लेमेडिया संक्रमण किसी महिला में वजायना से एनस तक फैल सकता है और ओरल सेक्स के दौरान इसके संपर्क में आने से किसी भी व्यक्ति में ओरल क्लेमेडिया का रूप ले सकता है। सेक्स के दौरान या हाथों के आंखों के संपर्क में आने से भी यह संक्रमण आई इंफेक्शन का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह महिलाओं से जन्म के दौरान उनके शिशु तक भी पहुंच सकता है। इस इंफेक्शन से बचाव के लिए भी कॉन्डोम का इस्तेमाल काफी जरूरी है।

    हम उम्मीद करते हैं कि ओरल सेक्स और एचआईवी के रिश्ते और इससे होने वाले अन्य इंफेक्शन के बारे में आपको पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी बीमारी या इंफेक्शन से बचने के लिए सावधानी सबसे जरूरी है। इसलिए आप जब भी किसी के साथ सेक्शुअल रिलेशन बनाएं, तो कॉन्डोम, डेंटल डैम आदि का प्रयोग करना न भूलें। यह आपको विभिन्न यौन संचारित रोगों व संक्रमणों से बचाने में मदद करेगा। अगर आपको इस बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से परामर्श करें।

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