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जीभ का कैंसर क्या है? कब बढ़ जाता है ये कैंसर होने का खतरा?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2020

    जीभ का कैंसर क्या है? कब बढ़ जाता है ये कैंसर होने का खतरा?

    जीभ शरीर के प्रमुख अंगों में से एक है। यह न केवल बोलने का साथी है, बल्कि इससे आप स्वाद की भी परख करते हैं। पर इन सबके बाद भी लोग जीभ पर उतना ध्यान नहीं देते जितना आंख व चेहरे पर देते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। दरअसल, वर्तमान में जीभ का कैंसर फैलाता जा रहा है। ऐसे में आपको ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है, ताकि समय रहते आप भी किसी भी तरह की समस्या को जान सकें। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि जीभ का कैंसर क्या है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?

    क्या है जीभ का कैंसर?

    जीभ के काम के बारे में तो आप अच्छे से जानते होंगे, लेकिन जीभ के बारे में शायद ही आपको विस्तार से पता हो। दरअसल हमारी जीभ दो भागों में बंटी होती है। पहला भाग होता है वो जिसका इस्तेमाल हम बोलने के लिए करते हैं। इसे ओरल जीभ के नाम से भी जाना जाता है। वहीं दूसरा भाग होता है निचला भाग, जिसे बेस जीभ के नाम से जाना जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, कैंसर के जीवाणु किसी भी भाग में पैदा हो सकते हैं। जीभ के ऊपर के भाग में हुए कैंसर को मुंह का कैंसर कहा जाता है, जबकि निचली जीभ में हुए कैंसर को ओरोफैरिंगल कैंसर के नाम से जाना जाता है। जीभ का कैंसर और मुंह के कैंसर के लक्षण मिलते-जुलते ही होते हैं।

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    क्या हैं जीभ का कैंसर का कारण?

    जीभ का कैंसर किस कारण से होते हैं? यहां हम आपको बता रहे हैं, ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में।

    •  धूम्रपान करना, शराब पीना  व तंबाकू का अधिक सेवन करना।
    • टूटे दांतों के बीच की ठीक से सफाई न होना।
    • मुंह के अंदर त्वचा में लगातार जलन होना।
    • कमजोर इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली)।
    • परिवार में ओरल या किसी दूसरे कैंसर का इतिहास।
    • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीबी) संक्रमण।
    • अधिक देर तक धूप में रहना भी एक कारण हो सकता है।
    • खराब आहार व पोषण आदि।

    क्या हैं जीभ के कैंसर के लक्षण?

    यदि समय पर इलाज ना कराया जाए तो जीभ का कैंसर बढ़ सकता है। समय रहते इलाज कराने के लिए जरूरी है कि हम इसके लक्षणों को समय रहते जान लें। यहां हम आपको बताएंगे इसके लक्षणों के बारे में।

    जीभ में पेन

    खाना खाते वक्त या कुछ भी चबाते वक्त अगर आपको जीभ में दर्द महसूस हो तो आपको सावधान होने की जरूरत है। यह कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसलिए अगर किसी भी खाद्य पदार्थ को जीभ के संपर्क में आने की वजह से परेशानी महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें।

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    जीभ में धब्बे

    अगर जीभ पर लाल और सफेद रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि जीभ पर होने वाले धब्बों से ब्लड भी आने लगता है। यही नहीं अगर जीभ पर दवाब डाला जाए तो धब्बों पर दबाव पड़ता है और ऐसी स्थिति में इनसे आसानी से खून आने लगता है। यह ध्यान रखना चाहिए की जीभ पर दबाव खाना खाने के दौरान, चबाने या पानी पीने के दौरान भी पड़ सकता है। अगर ऐसी स्थिति नजर आ रही है, तो यह भी कैंसर का लक्षण हो सकता है।

     मुंह में छाले

    कई बार मुंह में छाले कब्ज की वजह से होते हैं, लेकिन मुंह में छाले अगर लगातार हो रहे हैं तो यह गंभीर समस्या है। जीभ पर लगातार छाले आना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसलिए कब्ज की समस्या से बचें या अगर कब्ज की परेशानी रहती है, तो इसका इलाज अवश्य करवाएं।

    गले में खराश

    अगर गले में खराश की समस्या लगातार बनी हुई है तो इसका चेकअप करना चाहिए। यह भी कैंसर का लक्षण है।

    खाना निगलने में दर्द

    इस स्थिति में अक्सर कुछ खाने के बाद उसे निगलने में दर्द होने लगता है।

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    कान में दर्द

    अगर आपको जीभ के साथ कान में भी दर्द हो रहा है, तो यह स्थिति भी खतरनाक है। यह भी जीभ का कैंसर हो सकता है।

    आवाज का बदलना

    जीभ का कैंसर होने पर आवाज में बदलाव आने लगता है। अगर समय रहते आप इसको समझ जाएंगे तो इलाज संभव है।

    सांसों में बदबू

    जीभ का कैंसर होने पर पीड़ित की सांसों में बदबू आने लगती है। अगर यह लक्षण दिखे तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

    वजन घटना

    जीभ का कैंसर होने पर वजन तेजी से घटने लगता है।

    इन लक्षणों के साथ-साथ जीभ के कैंसर पेशेंट अपना मुंह पूरा ठीक तरह नहीं खोल पाते हैं। अगर ऐसे लक्षण नजर आ रहें हैं, तो इलाज में देरी न करें। कैंसर का नाम सुनकर घबराये नहीं। क्योंकि घबराहट की वजह से अन्य परेशानी बढ़ सकती है।

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    जीभ के कैंसर का उपचार क्या है?

    डॉक्टरों के अनुसार, जीभ का कैंसर सर्जरी, रेडियोथेरिपी और कीमोथेरिपी के जरिए ठीक हो सकता है। इसका उपचार एक बार में करना बेहतर है। मुंबई स्थित डॉ. मिथिला राउ शिंदे का कहना है कि इसमें सर्जरी का विकल्प सबसे बेहतर है। अगर मरीज की पूरी जीभ में कैंसर फैल गया है, तो सर्जरी के माध्यम से पूरी जीभ निकाली जाती है, लेकिन इस प्रक्रिया से पहले डॉक्टर रेडियोथेरिपी और कीमोथेरिपी की सलाह देते हैं। हालांकि, कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स भी हैं। इन दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए दवा दी जाती है।

    हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए डॉ मिथिला राउ ने बताया कि इन बातों का ख्याल रख आप जीभ का कैंसर होने से दूर रह सकते हैं।

    • धूम्रपान, तंबाकू व शराब का सेवन बंद कर दें।
    • धूप में ज्यादा देर तक न रहें, अगर रहना बहुत जरूरी है तो धूप में जाने से पहले 35 से अधिक एसपीएफ वाले लिप बाम जरूर लगाएं।
    • ज्यादा से ज्यादा एक्सरसाइज करें व सक्रिय रहने की कोशिश करें। फ्लोर पर चढ़ने के लिए लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
    • बाहर का खाना खाने से बचें। जंक फूड से दूरी बनाएं।
    • ताजे फल, हरी सब्जियों को अपने आहार में रोजाना शामिल करें।

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    जीभ का कैंसर हो या मुंह का कैंसर कोई भी कैंसर आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि ओरल हेल्थ पर ध्यान दें। यदि कैंसर के कोई भी लक्षण आपको नजर आ रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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