दांतों में सेंसिटिविटी : सरसों का तेल और सेंधा नमक
दांतों में सेंसिटिविटी को दूर करने के लिए सरसों के तेल और सेंधा नमक का इस्तेमाल काफी पुराने समय से ही किया जा रहा है। सेंधा नमक में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण दांतों की संवेदनशीलता को खत्म करने में उपयोगी होते हैं। वहीं, सरसों का तेल मसूड़ों को मजबूती देकर मसूड़ों में संवेदनशीलता को कम करता है। इसके प्रयोग के लिए एक छोटा चम्मच सेंधा नमक और सरसों का तेल डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अब इस पेस्ट से दांत और मसूड़ों में अच्छी तरह से मसाज करें। दो से तीन मिनट के बाद गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
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शहद के फायदे से दांतों की समस्या होगी छूमंतर
शहद के एंटीबैक्टीरियल गुण यानी बैक्टीरिया को खत्म करता है और यह घाव को जल्दी भरने में भी मदद करता है। हीलिंग की प्रक्रिया को तेज करके शहद दर्द और सूजन को कम करता है। दांतों में सेंसिटविटी को कम करने के लिए भी इसे प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए एक चम्मच शहद को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं। अब इस पानी से कुल्ला करें इससे दांतों में झनझनाहट से राहत मिलती है।
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दांतों में सेंसटिविटी के लिए हल्दी के फायदे
हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन को खत्म करने वाले) गुण होते हैं। दांतों में सेंसटिविटी और ओरल केयर के लिए दांतों में हल्दी से मसाज करना अच्छा रहता है। इसके लिए एक चम्मच हल्दी में आधा चम्मच नमक और आधा चम्मच सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट को दांतों और मसूड़ों पर लगाकर हल्की-हल्की मसाज करें। फिर गर्म पानी से कुल्ला करने से आराम मिलेगा। ऐसा नियमित रूप से रात में करें।
दांतों में सेंसटिविटी के लिए लौंग तेल (Clove oil)
लौंग में एनेस्थेटिक गुण, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते है। ये सारी प्रॉपर्टीज मुंह के इंफेक्शन से लड़ने के साथ ही दांत के दर्द को भी कम करता है। इसके लिए लौंग के तेल में रूई को भिगोकर दांत पर लगाने से संवेदनशीलता दूर होती है और दांत में ठंडा गर्म की समस्या से आराम मिलता है।