ओरल हाइजीन मसूड़ों (Gums) के साथ रखता है सेहत का ख्याल
मुंह में बहुत सारे बैक्टीरिया पाए जाते हैं। कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं जो बीमारी और संक्रमण का कारण बनते हैं। यदि आप ठीक से फ्लॉस या ब्रश नहीं करते हैं, तो हानिकारक बैक्टीरिया आपके मुंह में जन्म ले लेते हैं और दांतों पर प्लाक (plaque) जमना शुरू हो जाता है। इससे मसूड़ों में सूजन और मसूड़ों (Gums) के रोगों (जैसे-पीरियोडोंटाइटिस, जिंजीवाइटिस) की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में, नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करने से मुंह से हानिकारक बैक्टीरिया दूर रहते हैं।
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कैंसर रिस्क भी होता है कम
मसूड़ों (Gums) की बीमारी कुछ प्रकार के कैंसर में योगदान दे सकती है, खासतौर से अग्नाशय का कैंसर (pancreatic cancer)। हालांकि, शोधकर्ता इस कनेक्शन को पूरी तरह से नहीं समझते हैं। लेकिन, हो सकता है कि मुंह में बैक्टीरिया से निकलने वाले पदार्थ कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हों। ऐसे में ओरल हाइजीन के फायदे ये होते हैं कि नियमित ब्रश और फ्लॉस से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और कैंसर जैसे रोग की संभावना कम हो जाती है।
कैसे बचे मुंह के कैंसर से?
विशेषज्ञ इस बात को सही से बताने में असमर्थ हैं कि मुंह के कैंसर की असली वजह क्या है, लेकिन मुंह के कैंसर से बचने के लिए इन चीजों का ध्यान रखें और सावधानियां बरतें।
- अपने खान-पान को सही रखें और इसमें खूब सारे फलों और सब्जियों को शामिल करें।
- अगर डेंचर यानी नकली दांतों का प्रयोग कर रहे हैं तो रात को उसे खोल कर सोएं और रोजाना साफ करें।
- अपने दांतों और मुंह की सफाई पर खास ध्यान दें।
- इसमें कोई संदेह नहीं कि मसूड़ों में सूजन या अन्य रोग और मुंह के कैंसर का सीधा संबंध है। इसलिए, आपको अपने दांतों और मसूड़ों का खास ध्यान रखना चाहिए।
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हार्ट अटैक का खतरा होता है कम
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार, मसूड़ों (Gums) के रोग होने से दिल का दौरा (heart attack) पड़ने का खतरा लगभग 50% तक बढ़ सकता है। दरअसल, मसूड़ों (Gums) से खून आने की वजह से बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करके आपके पूरे शरीर में फैल सकते हैं। इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, ओरल हाइजीन को मेंटेन करने से दिल की बीमारियों (heart diseases) का खतरा कम किया जा सकता है।
फेफड़े रहते हैं हेल्दी
मसूड़ों (Gums) की बीमारी और संक्रमण का दूर रहना अच्छी डेंटल हाइजीन के फायदे हैं जो की हमारे लंग्स के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। ओरल केयर न करने से मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया की वजह से मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण हो सकता है। ये बैक्टीरिया सांस के द्वारा फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। इससे श्वसन संबंधी संक्रमण जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंसी में मसूड़ों (Gums) का रखें ध्यान
ओरल हाइजीन के फायदे यहीं खत्म नहीं होते हैं। अच्छी डेंटल हाइजीन से हेल्दी प्रेग्नेंसी को भी बढ़ावा मिलता है। कुछ अध्ययनों में गम डिजीज और प्रेग्नेंसी कॉम्प्लीकेशन्स (प्री-मेच्योर/प्री-टर्म प्रेग्नंसी और लो-बर्थ वेट) के बीच संबंध पाया गया। गर्भावस्था के दौरान खराब मौखिक स्वच्छता से मां और शिशु के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
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बढ़ रहे हैं दांतों के मरीज
दांतों की बीमारियां भारत में एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रहीं हैं। भारत में दांतो की खराबी से 60 से 65 प्रतिशत और पेरियोडोंटल बीमारियों (Periodontal diseases) से 50 से 90 प्रतिशत जनसंख्या प्रभावित है। ज्यादातर दांतों की समस्याएं इनेमल (enamel) पर एसिड के प्रभाव की वजह से होती हैं। जिसका मुख्य कारण आजकल का अनहेल्दी खानपान है।