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गले में क्लैमिडिया होने के कारण क्या हैं? (Cause of Chlamydia in Throat)
अगर अभी तक ऊपर दी गई जानकारी के आधार पर अगर आप सोच रहें है कि इसका कारण सिर्फ ओरल सेक्स या एनल सेक्स तक ही सिमित है, तो ऐसा नहीं है। थ्रोट क्लैमिडिया इंफेक्शन के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- टॉयलेट शीट के संपर्क में आने पर
- किस करने से
- हग (गले मिलने पर) करने पर
- क्लैमिडिया से इन्फेक्टेड व्यक्ति के टॉवल यूज करने पर
हमसभी जानते हैं कि कोई भी इंफेक्शन हो, वह तेजी से फैलता है। ठीक उसी तरह क्लैमिडिया भी बिना ओरल या एनल सेक्स के फैल सकता है।
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गले में क्लैमिडिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Chlamydia Throat)
गले में क्लैमिडिया होने पर डॉक्टर कॉटन स्वैब टेस्ट करते हैं। इस टेस्ट के दौरान मुंह के फ्लूइड को लैब टेस्ट के लिए भेजा जाता है, जिससे बैक्टीरिया की पहचान की जाती है। यह ध्यान रखें कि टेस्ट पॉजिटिव आने पर आप अपने पार्टनर से दूरी बनाकर रखें।
गले में क्लैमिडिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Chlamydia Throat)
यूएस नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार एंटीबायोटिक्स प्रिस्क्राइब कर इस इंफेक्शन का इलाज किया जाता है। तकरीबन एक सप्ताह के लिए दवा दी जाती है। रिसर्च में यह भी समझाया गया है कि जो व्यक्ति एंटीबायोटिक का सेवन करते हैं, उन्हें एक दवा के कोर्स के दौरान सेक्शुअल एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए। डॉक्टर्स के अनुसार जिन लोगों में इंफेक्शन की संभावना ज्यादा रहती है, उन्हें 3 महीने में फिर से टेस्ट करवाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति खुद और अपने पार्टनर को संक्रमण से मुक्त रख सकता है।
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क्लैमिडिया के कारण किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है? (Risk of Chlamydia Throat)
यह एक तरह का इंफेक्शन इसलिए गले में क्लैमिडिया या प्राइवेट पार्ट में क्लैमिडिया होने पर इसे नजरअंदाज ना करें, क्योंकि आसानी से ठीक होने वाला इंफेक्शन गंभीर शारीरिक परेशानी की शुरुआत करने में पीछे नहीं रह सकता। ठीक तरह से इसका इलाज नहीं करवाने पर निम्नलिखित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जैसे:
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
- प्रीटर्म डिलीवरी
- जेनाइटल ट्रैक्ट के ऊपरी हिस्से पर सूजन आना
- पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिजीज
- पेल्विक पेन
- लिवर को सुरक्षा प्रदान करने वाले ऑर्गेन में सूजन आना
- पेरीहेपेटाइटिस
- रिएक्टिव आर्थ्राइटस
इन ऊपर बताई गई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।