
परिचय
गले में छाले क्या है?
जब आपके गले में किन्हीं कारणों की वजह से घाव या फोड़ा हो जाता है, तो उसे अल्सर कहा जाता है। कभी-भी यह आपके गले और पेट को जोड़ने वाली नली इसोफेगस में भी हो जाते हैं और इसके साथ आपकी वॉकल कॉर्ड पर भी। जब आपके गले की लाइनिंग पर कोई बीमारी या चोट लग जाती है या फिर म्यूकस मेंब्रेन टूटकर खुल जाता है और ठीक नहीं हो पाता, तो अल्सर बन जाता है। गले में छाले या घाव लाल रंग के हो सकते हैं और इनमें सूजन आ सकती है। जिसकी वजह से आपको कुछ खाने, पीने या बात करने में दिक्कत हो सकती है।
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लक्षण
गले में छाले की वजह से कौन-से लक्षण दिखते हैं?
गले में छाले के साथ या इसकी वजह से आपको इन लक्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है। जैसे-
- मुंह में छाले
- कुछ निगलने में परेशानी
- बुखार आना
- सांस में बदबू
- सीने में दर्द
- जबड़ा हिलाने में दर्द
- सीने में जलन
- गले में सफेद या लाल रंग के पैच
- गले या मुंह में दर्द
- गर्दन में लंप (उभार) बनना
- जोड़ों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी
- उल्टी में खून
- कान में दर्द
- मुंह के स्वाद में बदलाव
- गले में कुछ फंसने का एहसास
- आवाज का बदलना, आदि
ध्यान रखें कि, यह जरूरी नहीं कि सभी व्यक्तियों में गले में छाले की वजह से या उसके दौरान एक जैसे लक्षण दिखाई दें। विभिन्न व्यक्तियों में गले में छाले के साथ विभिन्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा, यह भी जरूरी नहीं कि, सभी में ऊपर बताए गए सभी लक्षण दिखाई दें, व्यक्ति को इनमें से एक या दो लक्षण या फिर इनसे अलग कुछ लक्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है। अगर, आपके मन में इस बीमारी से जुड़े लक्षणों के बारे में कोई सवाल या शंका है, तो अपने डॉक्टर से चर्चा जरूर करें।
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कारण
गले में छाले के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं?
जैसा कि हमने बताया कि, गले में छाले के साथ-साथ आपकी इसोफेगस नली और वॉइस बॉक्स में भी छाले हो सकते हैं और दोनों के कारणों में भी अंतर हो सकता है। आइए जानते हैं कि, किन-किन कारणों की वजह से गले में छाले होते हैं।
- सबसे पहली बात की कैंसर की वजह से गले में छाले या घाव हो सकते हैं।
- इसके साथ ही, कैंसर के ट्रीटमेंट जैसे कीमोथेरिपी और रेडिएशन ट्रीटमेंट की वजह से भी गले में छाले हो सकते हैं।
- बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी आपको गले में घाव की शिकायत हो सकती है।
- हेर्पेंजाइना (Herpangina) जैसे वायरल इंफेक्शन के कारण मुंह और गले में छाले हो सकते हैं।
- थ्रश की तरह फंगल इंफेक्शन के कारण गले में छाले होना। जो कि कैनडीडा अल्बिकंस द्वारा होने वाला एक यीस्ट इंफेक्शन है।
- बेहसेट सिंड्रोम के कारण भी मुंह, गले की लाइनिंग और त्वचा पर सूजन हो सकती है।
- गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज के कारण इसोफेगस में छाले हो सकते हैं।
- अत्यधिक शराब या कुछ दवाओं के सेवन की वजह से भी इसोफेगस में छाले हो सकते हैं।
- ज्यादा उल्टी होने की वजह से भी इसोफेगस में छाले हो सकते हैं।
- एलर्जी के कारण इसोफेगस में छाले होना।
- ज्यादा बोलने या गाने की वजह से हुई इर्रिटेशन की वजह से वॉइस बॉक्स में छाले हो सकते हैं।
- बार-बार अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होने की वजह से वॉइस बॉक्स में छाले होना।
- सर्जरी या एमरजेंसी स्थिति में सांस लेने के लिए इंट्यूबेशन की वजह से चोट लगने पर वॉइस बॉक्स में छाले हो सकते हैं।
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निदान
गले में छाले या घाव का पता किन टेस्ट से चलता है?
गले में छाले के बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपकी मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जांच करता है। इसके साथ ही वह माउथ स्वैब के जरिए थ्रोट कल्चर, ब्लड टेस्ट या यूरिन टेस्ट भी कर सकता है। इन सभी टेस्टों के अलावा निम्नलिखित टेस्ट भी किए जा सकते हैं। जैसे-
- इसोफेगस नली से जुड़ी किसी भी समस्या को जानने के लिए इसोफेजियल एंडोस्कॉपी की सहायता लेना।
- इसोफेगल नली के सिकुड़ने, हर्निया या घाव का पता लगाने के लिए बैरियम स्वैलो एक्स-रे में बैरियम लिक्विड सॉल्यूशन पिलाया जाता है, जो कि गले की लाइनिंग, इसोफेगस और पेट पर कोटिंग करता है।
- लैरिंगोस्कोपी की मदद से लैरिंक्स और हाइपोफैरिंक्स की जांच की जाती है।
- लैरिंजियल वीडियोस्ट्रोबोस्कोपी की मदद से वॉकल कॉर्ड और वॉइस बॉक्स की जांच करना व वीडियो रिकॉर्ड करना।
- पैनएंडोस्कोपी की मदद से मुंह, नाक, गले, इसोफेगस और ट्रेकिआ से जुड़े कैंसर की आशंका जांची जाती है।
- सीटी स्कैन या एमआरआई टेस्ट करना।
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नियंत्रण और सावधानी
गले में छाले या घाव को नियंत्रित कैसे करें?
गले में छाले या घाव को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं। जैसे-
- एसिडिक या मसालेदार खाना, माउथवॉश और एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स या तंबाकू उत्पाद और धूम्रपान न करना।
- ठंडे या हल्के गर्म आहार, ड्रिंक्स, फ्रोजन फ्रूट्स आदि का सेवन करना।
- मुलायम, क्रीम वाले या माइल्ड फूड्स का सेवन करना, जैसे चीज, योगर्ट, उबले आलू आदि।
- रफ और पक्के फूड्स जैसे चिप्स, नट्स, कुछ फल या सब्जियों का सेवन न करना।
- पानी में नमक और बेकिंग सोडा को डालकर गरारे करना और मुंह धोना। लेकिन, ध्यान रहे इस पानी को पीना नहीं है।
- हर मील से पहले कुछ क्रीमी खाना, जिससे घाव या छाले को नुकसान न पहुंचे।
- सोने से पहले ज्यादा व फैटयुक्त आहार का सेवन न करना।
- नियंत्रित वजन रखना और टमाटर, नींबू, मिंट, चॉकलेट जैसी एसिडिक चीजों का सेवन न करना।
ध्यान रखें कि, यहां बताए गए तरीके किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए, अगर आपको ज्यादा परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
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उपचार
गले में छाले या घाव का उपचार कैसे किया जाता है?
गले में छाले के साथ इसोफेगस और वॉइस बॉक्स में छाले का भी इलाज करना पड़ता है और उसके लिए निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे-
- बैक्टीरिया या यीस्ट की वजह से होने वाले इंफेक्शन का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स व एंटीफंगल्स दवाओं का सेवन करवाना
- एसिटामिनोफेन जैसी दर्द निवारक दवा का सेवन करने की सलाह
- एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए एंटासिड या एच2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स व प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स का सेवन करवाने की सलाह देना।
- वॉकल कॉर्ड या वॉइस बॉक्स में छाले का इलाज करने के लिए आवाज को आराम देना, वॉकल थेरिपी की सलाह और जरूरी होने पर सर्जरी करना।
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