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अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर के रिस्क फैक्टर क्या हैं? (Risk Factors of Other Blood Disorders)
ब्लड डिसऑर्डर के विकास के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक खास बीमारी के साथ भिन्न होते हैं। इनहेरिटेड डिसऑर्डर्स इन विकारों का पारिवारिक इतिहास होना आपको जोखिम में ड़ाल सकता है। इसी तरह, ब्लड कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होने से भी अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर के विकास का जोखिम बढ़ता है। अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर के रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं
- एजिंग (Aging)
- ऑटोइम्यून डिजिज (Autoimmune Diseases)
- किसी खास दवाई या केमिकल के सम्पर्क में आना (Exposure to Certain Drugs and Chemicals)
- लिवर, किडनी या थायराइड डिजिज (Liver, Kidney or Thyroid Disease)
- पुअर डायट (Poor Diet)
- गर्भावस्था, मोटापा, दिल संबंधी समस्या, हाय ब्लड प्रेशर, हाय कोलेस्ट्रॉल (Pregnancy, Obesity, Heart Disease, High Blood Pressure, High Cholesterol)
- स्मोकिंग (Smoking)
- ट्रामा, सर्जरी (Trauma, Surgery)

ब्लड डिसऑर्डर्स का निदान कैसे किया जा सकता है? (Diagnosis of Other Blood Disorders)
अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर्स के निदान (Diagnosis of Other Blood Disorders) के लिए डॉक्टर आपसे हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही वो ब्लड रिलेटेड अन्य समस्याओं के लक्षणों के लिए आपकी जांच कर सकते हैं। इसके बाद डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं जैसे:
ब्लड डिसऑर्डर्स का उपचार (Treatment of Other Blood Disorders)
अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर्स (Other Blood Disorders) के उपचार स्थिति के प्रकार और गंभीरता के आधार पर भिन्न होते हैं। लेकिन, अक्सर इसमें कीमोथेरेपी या विकिरण चिकित्सा शामिल हो सकते हैं। जानिए, कैसे होता है इनका उपचार:
एनीमिया ट्रीटमेंट (Anemia Treatment)
एनीमिया के उपचार का पहला स्टेप है इसके कारण को जानना। इसके संभावित उपचार में विटामिन और न्यूट्रिशनल थेरेपी, रेड ब्लड सेल्स को बनाने के लिए दवाईयां आदि शामिल है। गंभीर मामलों में लाल रक्त कोशिकाओं को जल्दी से भरने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूज़नस (Blood Transfusions) आवश्यक हो सकता है। दुर्लभ एनीमिया जैसे अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia) के मामले में बोन मेरो ट्रांप्लांट (Bone Marrow Transplant) या ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Blood Stem Cell Transplant) भी किया जा सकता है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर ट्रीटमेंट (Bleeding Disorder Treatment)
इस स्थिति में डॉक्टर ब्लीडिंग डिसऑर्डर खास क्लॉटिंग फैक्टर को दवाईयों और ट्रांसफ्यूज़नस (Transfusions) से ठीक करते हैं। यह ब्लीडिंग डिसॉडर के प्रकार पर निर्भर करता है।
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क्लॉटिंग डिसऑर्डर ट्रीटमेंट (Clotting Disorder Treatment)
क्लॉटिंग डिसऑर्डर का उपचार एंटीकौयगुलांट (Anticoagulants) और थ्रांबोलिटिकस (Thrombolytics) के साथ संभव है। एंटीकौयगुलांट को ब्लड थिनर के नाम से जाना जाता है। हालांकि यह ब्लड को पतला नहीं करते हैं, बल्कि वो ब्लड क्लॉट्स को बनने से रोकते हैं। इसके उपचार के लिए कई बार कैथिटर-बेस्ड प्रोसीजर (Catheter-Based Procedure) का प्रयोग भी किया जा सकता है।
ब्लड कैंसर ट्रीटमेंट (Blood Cancer Treatment)
रक्त कैंसर के लिए उपचार में कीमोथेरेपी (Chemotherapy), विकिरण चिकित्सा (Radiation Therapy), टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapies) और बायोलॉजिक्स (Biologics) शामिल हो सकते हैं। कुछ मामलों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone Marrow Transplant)या ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Blood Stem Cell Transplant) एक विकल्प है।
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ब्लड डिसऑर्डर के जोखिम को कम करने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव करने चाहिए? (Lifestyle Change for Other Blood Disorder)
किसी बीमारी के जोखिम को कम करना मुख्य रूप से उन रिस्क फैक्टर्स को बदलने पर निर्भर करता है जो आपके नियंत्रण में हैं। इनहेरिटेड रक्त विकारों की स्थिति में, आपके लिए रिस्क फैक्टर्स को कम करना संभव नहीं हो सकता। अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर्स (Other Blood Disorders) के लिए आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

- संतुलित आहार का सेवन करें और अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार सप्लीमेंट्स (Supplements) भी ले सकते हैं।
- क्रोनिक मेडिकल स्थितियों का सही तरीके से उपचार कराएं।
- नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें और हेल्दी वेट बनाए रखें।
- दवाओं या उपचार के संभावित दुष्प्रभावों को समझें और उन्हें मॉनिटर करें।
- तनाव (Depression) से बचें।
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अन्य प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर्स (Other Blood Disorders) होने पर रेगुलर मेडिकल केयर हर किसी के लिए जरूरी है। इससे आपको शुरुआत में ही समस्या के लक्षणों का पता चल जाता है। अगर आप ब्लड डिसऑर्डर्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर इस बारे में बात करें। इसके साथ ही उनसे यह भी जानें कि आप खुद को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं। समय पर इस समस्या का निदान आपको बड़ी परेशानी से बचा सकता है।