सामान्यीकृत दौरे (Generalized seizure)
ऐसे दौरे, जिसमें मस्तिष्क के सभी क्षेत्र शामिल हो जाते हैं, ये सामान्यीकृत दौरे के तौर पर जाने जाते हैं। इसके भी कई प्रकार हैं, जो निम्नवत हैं:-
- टोनिक दौरे (Tonic-clonic)
ऐसे दौरे जब आते हैं, तो इसमें मरीज की मांसपेशियां अकड़ने लगती हैं। हाथ-पैर और पीठ की मांसपेशियों पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से मरीज कई बार गिर भी जाते हैं।
अनुपस्थित दौरे (Absence seizure) यह एक वक्त पेटिट मल दौरे (Petit mal) के तौर पर भी जाना जाता था, जिसका शिकार अक्सर बच्चे होते हैं। इसमें बच्चा किसी एक चीज को लगातार देखता रहता है। चटकारे लेने में उसे परेशानी होती है। आंख झपकाने में दिक्कत होती है। इसी तरह की छोटी-छोटी अन्य परेशानियां भी होती हैं।
- फीब्राइल दौरे (febrile seizure)-
ऐसे दौरे भी ज्यादातर बच्चों को ही आते हैं। इसमें बच्चे को तेज बुखार आ जाता है। यह कुछ मिनटों तक ही रहता है। हालांकि, यह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है।
- म्योक्लौनिक दौरे (Myoclonic seizure)
इसमें मरीज के हाथ और पैर में अचानक छोटे-छोटे झटके महसूस होने लगते हैं।
- एटोनिक दौरे (Atonic seizure)
ड्रॉप दौरे (Drop seizure) भी इसे कहते हैं। इसमें मांसपेशियों पर से नियंत्रण कुछ वक्त के लिए खत्म हो जाता है, जिसकी वजह से मरीज अचानक से गिर पड़ते हैं।
- फोकल दौरे (Focal seizure)
इस तरह के दौरे तब आते हैं, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में विद्युत गतिविधियां असामान्य हो जाती हैं। इस तरह के दौरे में मरीज की चेतना जा भी सकती है और बनी भी रह सकती है। एक नजर डालते हैं इन दोनों प्रकार के दौरों पर:-
चेतना के साथ वाले फोकल दौरे (Focal onset aware seizure)
सीजर्स डिसऑर्डर के कारण इस तरह के दौरे जब आते हैं, तो मरीज की चेतना बनी रहती है। फर्क बस यह होता है कि उसकी महसूस करने, किसी चीज का स्वाद चखने, किसी चीज को सूंघने, देखने या फिर सुनने का तरीका बदल जाता है। उदाहरण के लिए हाथ या पैर में झुनझुनी आ सकती है। चमकती रोशनी दिख सकती है या फिर चक्कर आ सकते हैं।
बिना चेतना वाले फोकल दौरे (Focal onset impaired awareness seizure)
सीजर्स डिसऑर्डर के कारण इस तरह के दौरे जब आते हैं, तो मरीज की चेतना या उसकी जागरूकता कुछ वक्त के लिए खत्म हो जाती है। उसका व्यवहार सामान्य नहीं रहता। वह अचानक चबाना शुरू कर देता है। निगलने लगता है। चलने की गति उसकी थम जाती है। किसी एक चीज को एकटक देखता है। हाथों को बार-बार रगड़ता है।
सीजर्स डिसऑर्डर के कारण क्या हैं?
आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि सीजर्स डिसऑर्डर के कारण इस तरह के दौरे क्यों आते हैं। दरअसल, हमारे मस्तिष्क में कोशिकाएं विद्युत आवेगों का निर्माण करती हैं। इनका ये परस्पर आदान-प्रदान करती हैं। इसी प्रक्रिया की वजह से तंत्रिका कोशिकाओं का एक-दूसरे से संवाद हो पाता है। किसी वजह से जब यह बाधित हो जाता है, तो वैसे मैं दौरे आते हैं। वैसे तो मुख्य रूप से मिर्गी की वजह से दौरे आते हैं, लेकिन मिर्गी ही हर दौरे की वजह हो, निश्चित तौर पर ऐसा नहीं कहा जा सकता। सीजर्स डिसऑर्डर के कारण अन्य भी हो सकते हैं, जो निम्नवत हैं:-
- दिमाग को चोट पहुंचने की वजह से
- अल्जाइमर की वजह से
- स्ट्रोक के कारण
- धूम्रपान बंद करने वाली थेरेपी की वजह से
- दर्द निरोधक या एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों की वजह से
- जन्म के वक्त खून की कमी के कारण
- जिगर या गुर्दे के ठीक से काम न करने की वजह से
- नींद कम लेने के कारण
- तेज बुखार की वजह से
- ब्रेन ट्यूमर के कारण
- कोकिन (Coccin) या एम्फेटामाइन (Amphetamine) के सेवन से