पुशअप्स करने के लिए सबसे पहले प्लैंक की स्थिति में आ जाएं, जिसमे आपकी हथेलियां कंधे के नीचे हों। अपनी पीठ को सीधा रखते हुए आप अपनी कोहनी को नीचे झुकाकर अपने शरीर को तब तक नीचे लाएं, जब तक आपकी छाती लगभग फर्श को न छू ले। अब एकदम से अपने शरीर को शुरुआती स्थिति में ले आएं। इस प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं। यह भी पढ़ें: योगा या जिम शरीर के लिए कौन सी एक्सरसाइज थेरिपी है बेस्ट
स्क्वाट (Squat)
स्क्वाट न केवल अच्छी स्ट्रेंथ एक्सरसाइज है। बल्कि, यह एक से ज्यादा मसल ग्रुप पर काम करती है जिसमें ग्लूटस, क्वाड्स और कोर शामिल है।
कैसे करें
- स्क्वाट करने के लिए जमीन पर इस तरह से खड़े हो जाएं कि आपके पैरों के बीच में कुछ अंतर हो।
- अब बिलकुल सीधा देखें।
- छाती को बाहर, कंधे पीछे, और एब्स को टाइट रखें। अब धीरे-धीरे अपने कूल्हों को नीचे की ओर जितना हो सके उतना ले कर जाएं।
- ध्यान रहे, आपका वजन एड़ी में होना चाहिए, आपके पैर की उंगलियों में नहीं।
- जब आप खड़े हों तो भी आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
- इसी तरह से इस स्ट्रेंथ एक्सरसाइज(strength exercise) को दोहराएं।
ओवरऑल स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज के फायदे (benefits of strength exercise)
चाहे पुरुष हो या महिला, हर उम्र के लोग स्ट्रेंथ एक्सरसाइज कर सकते हैं। लेकिन, इन्हें करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। खासतौर पर अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं। नियमित रूप से दिन में 20 से 30 मिनटों तक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग(strength training) एक्सरसाइज करने से आपको निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
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मसल्स मास को बढ़ाने में लाभदायक
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, मसल्स मास कम होने लगता है। लेकिन स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से मसल मास बढ़ता है।
हड्डियां रहें मजबूत
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और फ्रैक्चर का खतरा कम होता है। यानी हड्डियों को मजबूत बनाने में यह लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
हड्डियों के जॉइंट को बनाएं लचीला
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से हड्डियों के जोड़ लचीले बनते हैं, जिससे आर्थराइटिस के लक्षण भी कम हो जाते हैं।
वजन रहे नियंत्रित
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से जैसे ही आप मांसपेशियों को शेप में लाते हैं, आपका शरीर कैलोरी को आसानी से बर्न करना शुरू कर देता है। जिससे आपके वजन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है। यह हमारे मेटाबोलिज्म को भी बढ़ाता है। इससे भी कैलोरी बर्न होने में मदद मिलती है।
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संतुलन को सुधारे
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करने से लचीलापन बढ़ता है। जिससे शरीर को बैलेंस बनाने में आसानी होती है और हम गिरने या चोट के खतरे से बच जाते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) कई पुरानी स्थितियों, जैसे गठिया, पीठ दर्द, मोटापा, हृदय रोग, अवसाद और मधुमेह के लक्षणों को कम करने में भी प्रभावी है।
सोचने की क्षमता बढ़ाए
कुछ शोध बताते हैं कि नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और एरोबिक व्यायाम बुजुर्गों में सोचने और सीखने के कौशल को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज(strength exercise) करने से आप अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं और रोजाना की एक्टविटीज को भी सुधार सकते हैं। मांसपेशियों की मजबूती से भी बेहतर संतुलन में योगदान मिलता है।
बिगनर्स के लिए स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise for beginners )कौन सी होनी चाहिए?
अगर आपने अभी व्यायम की शुरुआत की है और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करना चाहते हैं। तो आपको बहुत सोच-समझ और सही मार्गदर्शन के बाद ही इन एक्सरसाइजेज को करना चाहिए। बिगनर्स के लिए कुछ स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise for beginners)इस प्रकार हैं:
केटलबेल डेडलिफ्ट (Kettlebell Deadlift )