वजायनल स्पैकुलम का उपयोग (Uses of vaginal speculum)
वजायनल स्पैकुलम का उपयोग पेल्विक एग्जाम अलावा निम्न प्रॉसीजर में भी किया जाता है।
पेप टेस्ट या पेप स्मीयर्स (Pap Tests or Pap Smears)
पेप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए रिकमंड किया जाता है। अक्सर डॉक्टर इसे एनुअल टेस्ट में रिकमंड करते हैं। हालांकि इस टेस्ट की जरूरत 21 साल से कम उम्र की महिलाओं को नहीं होती है। अगर किसी महिला की उम्र 30 साल है और उसने नॉर्मल तीन पेप टेस्ट करवा लिए हैं तो वह डॉक्टर से 5 साल में एक बार इस टेस्ट को करवाने के बारे में पूछ सकती है। पेप स्मीयर टेस्ट में अगर सर्विक्स में किसी प्रकार के असामान्य बदलाव नजर आते हैं तो कोलपोस्कॉपी (Colposcopy) किया जाता है। यह भी एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है जिसमें डॉक्टर सर्विक्स को और पास से देखते हैं।
पेप स्मीयर टेस्ट का प्रॉसेस (Pap Smear Process) भी पेल्विक एग्जाम की तरह ही होता है। बस इसमें डॉक्टर लुब्रिकेटेड वजायनल स्पैकुलम (Vaginal speculum) इंसर्ट करके एक ब्रश या स्बैव का उपयोग करके सर्विक्स से सैंम्पल सेल कलेक्ट कर लेते हैं। यह प्रॉसेस जेंटली की जाती है। कई महिलाओं को इस दौरान किसी प्रकार का सेंसेशन नहीं होता वहीं कुछ माइल्ड डिसकंफर्ट हो सकता है। सैम्पल लेने के बाद वजायनल स्पैकुलम (Vaginal speculum) को बाहर निकाल लिया जाता है।
इस दौरान मसल्स को जितना हो सके उतना रिलैक्स रखने की कोशिश की जानी चाहिए। इसके लिए डीप ब्रीदिंग करना सही होगा। यह वजायनल मसल्स को रिलैक्स रखने में मददगार हेागी और एग्जाम में डिसकंफर्ट नहीं होगा। डिसकंफर्ट टेंस्ड मसल्स के कारण होता है।
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वजायनल हिस्टेरेक्टॉमी (Vaginal Hysterectomies)
वजायनल हिस्टेरेक्टॉमी में भी वजायनल स्पैकुलम (Vaginal speculum) का उपयोग किया जाता है। बता दें कि हिस्टेरेक्टॉमी को कई तरह से परफॉर्म किया जाता है। वजायनल हिस्टेरेक्टॉमी में यूटेरस और सर्विक्स को पेट के बजाय योनि के माध्यम से हटा दिया जाता है।
डायलेशन एवं क्यूरेटेज (Dilation & Curettage (D&C)
इस प्रॉसेस में भी वजायनल स्पैकुलम (Vaginal speculum) का उपयोग होता है। प्रॉसेस के दौरान सर्विक्स डायलेटेड होता है। टिशूज को यूटेरस के इनर लाइनिंग से हटा दिया जाता है। गर्भपात के अलावा डीएनसी का उपयोग फायब्रॉइड्स या इंफेक्टेड टिशूज को हटाने के लिए भी किया जाता है।
आईयूआई (Intrauterine Insemination (IUI)

इंट्रायूटेराइन इंसेमिनेशन के दौरान भी वजायनल स्पैकुलम का यूज होता है। यह एक ऐसी प्रॉसेस है जिसमें स्पर्म को यूटेरस में प्लेस कर दिया जाता है ताकि एग के फर्टिलाइज होने की संभावना को बढ़ाया जा सके।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)
इस प्रॉसेस में भी वजायनल स्पैकुलम (Vaginal speculum) की मदद ली जाती है। यह एक असिस्टिव रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी है जिसमें भ्रूण को यूटेरस में प्लेस किया जाता है।
इंट्रायूटेराइन डिवाइस प्लेसमेंट (Intrauterine Device (IUD) Placement)
इंट्रायूटेराइन डिवाइस प्लेसमेंट की प्रक्रिया में टी शेप डिवाइस को यूटेरस के अंदर इंसर्ट किया जाता है ताकि प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। इस प्रॉसेस में भी वजायनल स्पैकुलम का उपयोग होता है। आईयूडी बर्थ कंट्रोल का लॉन्ग टर्म मेथड है।
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