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Pelvic Ultrasound : पेल्विक अल्ट्रासाउंड क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/05/2020

Pelvic Ultrasound : पेल्विक अल्ट्रासाउंड क्या है?

परिभाषा

पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound) क्या है?

पेल्विक अल्ट्रासाउंड एक नॉनइनवेसिव डायग्नोस्टिक एग्ज़ाम है जिसमें छवियों के माध्यम से फीमेल पेल्विस के अंदर अंगों और सरंचनाओं का मूल्यांकन किया जाता है। पेल्विक अल्ट्रासाउंड फीमेल पेल्विक अंगों और सरंचनाओं की छवी तुरंत दिखता है जिसमें गर्भाशय, सर्विक्स, वजाइना, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय शामिल है।

पेल्विक अल्ट्रासाउंड क्यों किया जाता है?

पेल्विक अल्ट्रासाउंड आपकी स्वास्थ्य स्थिति को डायग्नोस करने या गर्भ में पल रहे बच्चे की स्वासथ्य जांच के लिए किया जाता है।

डॉक्टर महिलाओं में पेल्विक अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल कर सकता हैः

  • अंडाशय या गर्भाशय की सरंचना में किसी तरह की समस्या का पता लगाना
  • ब्लैडर, गर्भाशय और अंडाशय में कैंसर की जांच
  • इंट्रायूट्राइन डिवाइस ढूंढ़ने के लिए
  • नॉन कैंसरस ट्यूमर, फायब्रॉयड और सिस्ट के विकास की जांच
  • असामान्य रक्तस्राव और दर्द की वजह का पता लगाना
  • इनफर्टिलिटी समस्या का मूल्यांकन और जांच
  • प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के विकास की निगरानी
  • पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिसीज- जो गर्भाशय, अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब का संक्रमण होता है की जांच
  • अस्थानिक गर्भावस्था (फर्टिलाइज़ अंडा जो गर्भाशय के बाहर बढ़ता है) को डायग्नोस करना
  • एंडोमेट्रियल बायोप्सी के दौरान गर्भाशय से टिशू सैंपल निकालने के लिए उसकी खोज करना
  • किडनी स्टोन की जांच के लिए

पुरुषों में पेल्विक अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जाता है:

  • ब्लैडर, प्रोस्टेट ग्लैंड और सेमिनल वेसिकल्स की समस्याओं की जांच के लिए
  • किडनी स्टोन की जांच
  • ब्लैडर ट्यूमर की खोज के लिए
  • और पढ़ें: Allergy Blood Test : एलर्जी ब्लड टेस्ट क्या है?

    एहतियात/चेतावनी

    पेल्विक अल्ट्रासाउंड से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?

    पेल्विक अल्ट्रासाउंड एक सुरक्षित प्रक्रिया है। टेस्ट में किसी तरह का जोखिम नहीं है और एक्स-रे की तरह रेडिएशन का भी इस्तेमाल नहीं होता है। पेट के अल्ट्रासाउंड में किसी तरह की चोट नहीं पहुंचती।

    ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड के दौरान जब ट्रांसड्यूसर डाला जाता है, तो आपको थोड़ी असुविधा महसूस हो सकती है।

    प्रक्रिया

    पेल्विक अल्ट्रासाउंड के लिए कैसे तैयारी करें?

    यदि आपके पेट का अल्ट्रासाउंड किया जाना है तो आपका ब्लैडर फुल होना चाहिए। टेस्ट से एक घंटे पहले ज्यादा से ज्यादा पानी पीना लाभकारी होता है। अल्ट्रासाउंड होने के बाद आप बाथरूम जा सकते हैं।

    ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड के लिए ब्लैडर खाली होना चाहिए। आप टेस्ट के पहले बाथरूम जा सकते हैं।

    परीक्षण के दौरान ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें। प्रक्रिया के दौरान आपको गाउन पहने के लिए दिया जा सकता है।

    और पढ़ें: Serum glutamic pyruvic transaminase (SGPT): एसजीपीटी टेस्ट क्या है?

    पेल्विक अल्ट्रासाउंड के दौरान क्या होता है?

    ट्रांसएबडोमिनल अल्ट्रासाउंड में 30 मिनट का समय लगता है। ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड में 15 से 30 मिनट का समय लगता है। ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड में भी 15-30 मिनट का समय लगता है। टेस्ट के बाद आप उसी दिन घर जा सकते हैं।

    पेल्विक अल्ट्रासाउंड में ट्रासड्यूसर डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है जो ध्वनि तरंगों को प्रसारित करता है। यह ध्वनि तरंगे आपके अंगों और ऊतकों में तेजी आती है और फिर ट्रांसड्यूसर में वापस आ जाती हैं। एक कंप्यूटर ध्वनि तरंगों को आपके अंगों की तस्वीर में परिवर्तित करता है, जो एक वीडियो स्क्रीन पर दिखाई देता है।

    आपका डॉक्टर इन तीन में से एक तरीके से परीक्षण कर सकता है।

  •  ट्रांसएबडोमिनल अल्ट्रासाउंड पेट के जरिए किया जाता है। आप पीठ के बल परीक्षण टेबल पर लेट जाते हैं। तकनीशियन ट्रांसड्यूसर पर थोड़ा सा जेल लगाता है जिसकी मदद से वह आसानी से काम करता है और वह त्वचा के बीच हवा को जाने से रोकता है। तकनीशियन ट्रांसड्यूसर को आपके पेट पर आगे-पीछे घुमाता है।
  • ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड आपके वजाइना के माध्यम से किया जाता है। आप परीक्षण टेबल पर पीठ के बल लेट जाते हैं। आपको घुटनों को मोड़ना होगा। ट्रांसड्यूर के ऊपर जेल, प्लास्टिक या लेटेक्स का कवर लगाया जाता है, फिर उसे वजाइना में टैंपून की तरह डाला जाता है।
  • पुरुषोम में ट्रांसरेक्टलअल्ट्रासाउंड मलाशय (रेक्टम) के जरिए किया जाता है। आपको करवट लेकर टेबल पर लेटना होता है। डॉक्टर ट्रांसड्यूर के ऊपर एक कवर लगाकर उसे रेक्टम में डालता है।
  • डोपलर अल्ट्रासाउंड एक अन्य तरह का अल्ट्रासाउंड है। यह पेट के अंदर धमनियों और नसों में बहने वाले रक्त की गति और दिशा को मापता है। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्तर आपकी रक्तवाहिकाओं में किसी तरह के ब्लॉकेज का पता लगाता है।
  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड के बाद क्या होता है?

    रेडियोलॉजिस्ट अल्ट्रासाउंड छवियों का मूल्यांकन करने के बाद डॉक्टर को रिपोर्ट भेजेगा। पेल्विक अंग, रक्त वाहिका या भ्रूण में किसी तरह की समस्या होने पर आपके रिपोर्ट में दिखेगी।

    डॉक्टर आपको आपके परिणामों के बारे में समझाएगा। यह सुनिश्चित करें कि आपके परिणामों का क्या मतलब है और यह कैसे आपके इलाज को प्रभावित करेगा।

    यदि आपके मन में पेल्विक अल्ट्रासाउंड से जुड़ा कोई सवाल है, तो कृपया अधिक जानकारी और निर्देशों को बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    और पढ़ें: Pap Smear Test: पैप स्मीयर टेस्ट क्या है?

    परिणामों को समझें

    टेस्ट के परिणाम क्या होंगे?

    गर्भाशय

    पोजीशन बताता है कि क्या गर्भाशय आगे की ओर झुका या पीछे की ओर झुका हुआ है। या फिर इनबिटवीन यानी की बीच में है। लगभग 80 प्रतिशत समय गर्भाशय आगे की ओर झुका होता है और 20 प्रतिशत समय पीछे की ओर झुका या फिर बीच में होता है।

    रेट्रोवर्टेड या पीछे की ओर झुका गर्भाशय आमतौर पर सामान्य होता है, लेकिन यह यदि स्कैन में आया है तो इसे क्लिनिकल पिक्चर के साथ संबंद्ध करना महत्वपूर्ण है।

    आकार आमतौर पर दोनों तरह से देखा जाता है, उदाहरण के लिए, ‘गर्भाशय भारी दिखाई देता है’ और उद्देश्यपूर्ण रूप से गर्भाशय का व्यास। एक बांझ महिला में सामान्य एथेरोपोस्टीरियस (एपी) व्यास लगभग 3-5 सेमी के साथ सामान्य गर्भाशय की लंबाई 3-5 सेमी होती है।

    ये आंकड़े उन महिलाओं में अधिक होते हैं जिनके बच्चे हैं और पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में यह कम होता है।एक गर्भाशय लगभग कभी असामान्य रूप से छोटा नहीं होता है। फाइब्रॉएड के कारण लगभग हमेशा गर्भाशय बड़ा हो जाता है। यदि संभव हो तो, सोनोग्राफर प्रत्येक को मापेगा और उनकी स्थिति को सबम्यूकोसल (गुहा के भीतर) सबसेरोसल (गुहा के बाहर) या इंट्रामायोमेट्रियल (दीवार के भीतर) के रूप में वर्णित करेगा।

    आईयूडी या आईयूएस पर विचार करते समय यह विवरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड के कारण एक कॉइल बाहर जा सकता है। फाइब्रॉएड को आमतौर पर रेफरल की आवश्यकता नहीं होती है जब तक कि उससे रक्तस्राव या दबाव के लक्षण नहीं पैदा होते।

    फायब्रॉयड के कारण होने वाले परिवर्तनों के अलावा भ्रूण संबंधी असमान्यताओं से के कारण गर्भाषय का आकार अलग-अलग हो सकता है।

    क्लिनिकल इंप्लिकेशन मरीज के प्रजेंटेशन पर निर्भर करता है, जिसमें मेनोरेजिया, एमेनोरिया, सबफर्टिलिटी और रिकरेंट मिसकैरिज शामिल हो सकते हैं।

    इकोटेक्स्चर और इकोपैटर्न में मायोमेट्रियम की अल्ट्रासाउंड उपस्थिति का वर्णन करता है। उदाहरण के लिए, विवरण ‘सामान्य’ हो सकता है, ‘फाइब्रॉएड परिवर्तन का सजेस्टिव’ या ‘एडेनोमायोसिस का सजेस्टिव।’

    और पढ़ें: Fetal fibronectin test : फीटल फाइब्रोनेक्टिन टेस्ट क्या है?

    एंडोमेट्रियम

    एंडोमेट्रियम की सामान्य उपस्थिति चिकनी और नियमित रूप से एक बाधित उपस्थिति है। एंडोमेट्रियम की उपस्थिति और मोटाई मेन्स्ट्रुअल साइकल के विभिन्न चरणों के साथ अलग होती है।

    एंडोमेट्रियल की मोटाई पीरियड के दौरान 1-4 मिमी, प्रोलिफेरेटिव चरण में 5-7 मिमी, पेरिओवुलरी चरण में 11 मिमी तक और सक्रिटरी चरण में 7-14 मिमी होती है।

    असामान्य मोटाई पॉलिप्स, फाइब्रॉएड, हाइपरप्लासिया और कैंसर के कारण हो सकती है।

    गर्भाशय

    अंडाशय की तरह ही गर्भाशय की उपस्थिति के बारे में भी सब्जेक्टिव कमेंट और आकार व इकोटेक्स्चर के बारे में ऑब्जेक्टिव कमेंट किया जाता है। औसत सामान्य आकार 3.5cm x 2.5cm x 1.5cm है। मेनोपॉज के बाद अंडाशय आमतौर पर 2 सेमी x 1.5 सेमी x 1 सेमी या उससे कम हो जाता है।

    अंडाशय में सिस्ट हो सकते हैं। इनमें कूपिक अल्सर, कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट, रक्तस्रावी अल्सर, एंडोमेट्रियोमास, सरल अल्सर और पॉलीसिस्टिक अंडाशय दिखाई दे सकते हैं।

    सिस्ट> 5 सेमी को आगे रेफरल की आवश्यकता होगी, क्योंकि यह ओवेरियन सिस्ट एक्सिडेंट की संभावना को बढ़ा देते हैं। प्रीमेनोपॉजल महिला में सिम्पटोमैटिक सिस्ट को मेरिट रेफरल की जरूरत है। पोस्टमेनोपॉजल महिला में किसी भी नए सिस्ट को बाहर करने के लिए रेफरल की आवश्यकता होती है।

    डगलस की थैली

    डगलस की थैली में मौजूद तरल पदार्थ को मापा जा सकता है।

    इसकी उपस्थिति आमतौर पर टूटे हुए फॉलिक्यूलर से फिज़ियोलॉजिकल होती है, लेकिन यह टूटे हुए ओवेरियन सिस्ट या पीआईडी से भी जुड़ी हो सकती है।

    सभी लैब और अस्पताल के आधार पर पेल्विक अल्ट्रासाउंड की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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