यह तो थे, इस बीमारी के कुछ सामान्य कारण। लेकिन,पुरुषों और महिलाओं में इस रोग का अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
पुरुषों में इस रोग के कारण (Causes of Urinary Hesitancy in Men)
पुरुषों में यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) का एक सामान्य कारण है और वो है बिनाइन, एन्लार्जड प्रोस्टेट (Enlarged Prostate)। यह किसी भी उम्र के पुरुषों में हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों में इसकी संभावना अधिक होती है।
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महिलाओं में इस रोग के कारण (Causes of Urinary Hesitancy in Women)
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) की संभावना कम होती है। लेकिन, महिलाओं में गर्भावस्था और शिशु के जन्म के बाद यह समस्या हो सकती है। इन स्थितियों के कारण महिलाओं को शिशु के जन्म के बाद यूरिनरी हेसिटेंसी (Urinary Hesitancy) रोग हो सकता है:
- एपीसीओटॉमी (Episiotomy)
- पेरिनियल टेयरिंग (Perineal Tearing)
- प्रसव के दौरान फोरसेप्स या वैक्यूम का उपयोग (Use of Forceps or Vacuum during Childbirth)
- एपिड्यूरल का उपयोग (Epidural Use)
- शिशु का वजन 4000 ग्राम से अधिक होना (Baby Weighing over 4000 Grams)
यूरिनरी हेसिटेंसी की समस्या शिशु के जन्म के बाद ब्लैडर या यूरिनरी ट्रैक्ट के आसपास की नर्वस को चोट लगने से हो सकती है। उचित पोस्टपार्टम ब्लैडर केयर (Proper Postpartum Bladder Care), जिसमें मूत्राशय को हर 6 घंटे में एक बार खाली करना शामिल है, बच्चे के जन्म के बाद यूरिनरी हेसिटेंसी(Urinary Hesitancy) को रोकने और इससे राहत पहुंचाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, महिलाओं में इस रोग का अन्य सामान्य कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शंस (Urinary Tract Infections) हो सकते हैं।
यूरिनरी हेसिटेंसी से जुड़ी जटिलताएं (Complications of Urinary Hesitancy)