यदि व्यक्ति को इनमें से कोई भी लक्षण है तो उसे अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। रोग का सही समय से इलाज करने से उसकी जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
इस समस्या को अनदेखा करने से किडनी की अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
पेशाब करने में परेशानी या समस्या होना एक मेडिकल इमर्जेंसी की स्थित होती है, ऐसे में व्यक्ति को अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
अगर पेशाब संबंधी कोई समस्या है या पेशाब में खून आ रहा हो तो डॉक्टर से जांच करना अनिवार्य होता है। इससे अन्य स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से बचा जा सकता है।
खून आ रहा है, तो डॉक्टर द्वारा ही उसकी जांच की जानी चाहिए, ताकि अन्य किसी गंभीर स्थिती का पता लगाया जा सके। कुछ दुर्लभ मामलों में मूत्राशय और गुर्दे में क्षति के कारण बीपीएच की समस्या हो सकती है।
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प्रोस्टेट का परीक्षण कैसे होता है?
यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहें हों, तो डॉक्टर आपको प्रोस्टेट या बीपीएच की जांच के लिए सलाह दे सकते हैं। पेशाब करते समय दर्द या जलन हो रही है या आप पेशाब करने में परेशानी हो रही हो तो ऐसे में अपने डॉक्टर से तुरंत मिलें।
डॉक्टर निम्म आधार पर आपका परीक्षण करते हैं–
इसमें डॉक्टर सबसे पहले मरीज से उसके परिवार में पहले किसी को रोग हुआ हो तो उसके बारे में जानते हैं। इसके बाद शारीरिक परीक्षण किया जाता है और अंत में मेडिकल परीक्षण किया जाता है, जिसमें डिजिटल रेक्टल परीक्षण (DRE) शामिल है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपको निम्न परीक्षण करने की सलाह दे सकते हैं।
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) – इसमें मूत्रमार्ग या मूत्राशय की जांच की जाती है।
पोस्ट वोइड रेसिड्यूल वॉल्यूम (Post-void residual volume) – पेशाब करने के बाद मूत्राशय में बचे मूत्र को मापा जाता है।
पीएसए ब्लड टेस्ट(PSA blood test) – प्रोस्टेट कैंसर की जांज के लिए इस परीक्षण को किया जाता है।