एसिड रिफ्लक्स को हार्ट बर्न भी कहा जाता है, इसमें कुछ भी खाने के बाद सीने और गले में जलन महसूस होने लगती है। हम से सभी के साथ कभी कदार ऐसा हो ही जाता होगा कि कुछ न कुछ खा लेने के बाद सीने में जलन महसूस होने लगे। लेकिन जिन लोगों में यह समस्या लगातार बनी रहती है, उन्हें क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स हाे सकता है। इन दोनों के बीच यह फर्क है कि यदि आपमें यह समस्या दो से तीन महीने में एक बार होती है, तो आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। लकिन यह समस्या हर सप्ताह बनी रहे और वो भी सप्ताह में एक से दो बार, तो आपमें क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स की संभावनाएं ज्यादा हो सकती हैं। जो कि खतरे का संकेत है, क्योंकि क्रॉनिक एसिड रिफ्लक्स आगे जाकर इसोफैगल कैंसर के रूप में भी बदल सकता है। इसोफेगस पेट और गले से जुड़ी हुई एक लंबी नली होती है। जब एसिड पेट से इसोफेगस में आने लगे, तो इसोफेगस कैंसर के होने का खतरा बढ़ जाता है। इसोफेगस में होने वाले कैंसर दो प्रकार के होते हैं,एडीनोकार्सिनोमा और स्क्वैमस सेल।
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इसोफेगल कैंसर के लक्षण (symptoms of esophageal cancer) क्या हैं?
इसाेफेगल होने का जो सबसे आम लक्षण है, वो है खाने काे निगलने में कठनाई होना, जिसे हम डिस्पैगिया भी कहते हैं। ऐसे में खाना खाते समय दर्द और कठनाई महसूस करते हैं, क्योंकि इसोफैगस में होने वाले टयूमर के कारण उन्हें कुछ भी खाने और पीने में काफी दिक्कत होती है। ठीक से खानपान न होने के कारण लोगों का वजन भी तेजी से घटने लगता है। जिसके कारण और भी कई तरह की समस्याएं होने लगती है। घटती डायट के साथ उनका मेटाबॉलिज्म भी कमजाेर होने लगता है। कुछ लोगों में इसके अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे कि:
- अवाज बैठ जाना
- खांसी आना
- गले में सूजन आना
- खाना नहीं पचाना आदि