उपचार
बैरेट इसोफैगस के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे इस बीमारी के लक्षण जानेंगे। हालांकि इसके लक्षण अन्य रोगों के समान हो सकते हैं, इसलिए आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए कहा जा सकता है।
एंडोस्कोपी
बैरेट इसोफैगस की बीमारी होने पर आमतौर पर एंडोस्कोपी कराई जाती है। इसके लिए कैमरे के साथ वाली एक ट्यूब गले में डाली जाती है, ताकि बदलते हुए इसोफैगस टिश्यू के बारे में पता चले। सामान्य इसोफैगस में टिश्यू पीले और चमकीले होते हैं। लेकिन बैरेट इसोफैगस की स्थिति में यह टिश्यू लाल और वेलवेटी हो जाते हैं। अगर आपके टिश्यू लाल और वेलवेटी हैं, तो डॉक्टर बायोप्सी से इन टिशूओं को आपके गले से निकाल देंगे। बायोप्सी किये हुए टिश्यू कितने बदले हैं यह जानने के लिए उन्हें पहले जांचा जाता है।
टिश्यू में परिवर्तन की जांच
डॉक्टर इन टिशूओं की जांच करेंगे क्योंकि इसोफैगस में डिसप्लेसिया का निदान करना मुश्किल हो सकता है। आपके टिश्यू को इस तरह से तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है:
- अगर बैरेट इसोफैगस की समस्या है, लेकिन कोशिकाओं में कोई प्रीकैंसरस परिवर्तन नहीं पाए जाएं, तो कोई डिस्प्लेसिया नहीं होता।
- अगर आपके सेल्स प्रीकैंसरस परिवर्तन के कुछ लक्षण दिखाएं तो लौ-ग्रेड डिस्प्लेसिया होता है।
- अगर आपके सेल्स में अधिक परिवर्तन दिखाई दे तो लौ-ग्रेड डिस्प्लेसिया होता है।
बैरेट इसोफैगस की स्क्रीनिंग
जिन लोगों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज(GERD) के लक्षण दिखाई दें और जिन्हे प्रोटोन पंप इन्हीबिटर दवाइयों के सेवन से कोई फर्क न पड़े, उन्हें स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इन स्थितियों में भी स्क्रीइंग कराई जा सकती है।
- पचास साल की अधिक उम्र के होना
- पेट में अधिक वसा होना
- भविष्य या वर्तमान में धूम्रपानकरना
- बैरेट इसोफैगस की फैमिली हिस्ट्री होना
- जबकि महिलाओं को बैरेट इसोफैगस होने की संभावना काफी कम है। लेकिन, अगर किसी महिला को असंतुलित रिफ्लक्स या अन्य कोई गंभीर समस्या हो तो उसकी स्क्रीनिंग भी की जा सकती है।
बैरेट इसोफैगस का उपचार
इस बीमारी का उपचार इसोफैगस में पेट की कोशिकाओं के विकास की दर और रोगी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
डिस्प्लेसिया न होना
अगर आपकी बायोप्सी यह दर्शाती है कि अपने शरीर में कोई डिस्प्लेसिया नहीं है तो आपको एक साल तक लगातार एंडोस्कोपी करानी चाहिए और उसके बाद हर तीन साल के बाद एंडोस्कोपी कराएं।
- GERD का उपचार : इस स्थिति में दवाइयां और जीवनशैली में परिवर्तन इसके लक्षणों में राहत दे सकते हैं।
लौ ग्रेड डिस्प्लेसिया
अगर आपको बायोप्सी लौ ग्रेड डिस्प्लेसिया दिखाती है तो डॉक्टर आपको हर 6 महीने बाद एंडोस्कोपी के लिए कह सकते हैं। लेकिन इसोफैगस कैंसर का जोखिम होने पर आपको उपचार की सलाह तभी दी जा सकती है जब निदान पूरा हो जाए। इसका उपचार इस प्रकार है:
- इंडोस्कोपिक रिसेक्शन : इसमें जिन कोशिकाओं को नुकसान हुआ है, उन्हें एंडोस्कोपी की सहायता से निकाल दिया जाता है।
- रेडियोफ्रीक्वेंसी अबलेशन : इसमें असमान्य इसोफैगस टिश्यू को निकालने के लिए हीट का प्रयोग किया जाता है।
हाई ग्रेड डिस्प्लेसिया
हाई ग्रेड डिस्प्लेसिया की स्थिति में इन उपचारों का सहारा लिया जाता है:
- क्रायोथेरेपी : क्रायोथेरेपी में इसोफैगस में असामान्य कोशिकाओं पर एक ठंडा तरल या गैस लगाने के लिए एंडोस्कोप का उपयोग किया जाता है। कोशिकाओं को गर्म करने की अनुमति दी जाती है और फिर फिर से उन्हें जमा दिया जाता है।
- फोटोडायनामिक थेरेपी : फोटोडायनामिक थेरेपी में असामान्य कोशिकाओं को लाइट के प्रति संवेदनशील बना कर नष्ट कर दिया जाता है।
- सर्जरी : सर्जरी द्वारा इसोफैगस का ख़राब हिस्सा निकाल दिया जाता है और बचे हुए हिस्से को पेट के साथ जोड़ दिया जाता है।
उपचार के बाद भी बैरेट इसोफैगस की समस्या फिर से हो सकती है। इसके लिए आपको समय-समय पर अपने डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए। अगर आप असामान्य इसोफैगस टिश्यू को निकालने के लिए सर्जरी के अलावा कोई अन्य उपचार चाहते हैं तो डॉक्टर आपको दवाइयां दे सकते हैं। जिससे आपके शरीर में एसिड कम होगा और इसोफैगस को ठीक होने में मदद मिलेगी।
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घरेलू उपाय
कुछ घरेलू उपाय और लाइफस्टाइल में परिवर्तन कर के आप बैरेट इसोफैगस से राहत पा सकते हैं, यह उपाय इस प्रकार हैं :
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।