
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं मुंह का जायका बदलने के लिए कुछ खास चीजें ट्राई करती हैं। चॉकलेट भी उन्हीं में से एक है। प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना मजेदार हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अचानक से रात में भूख लगती है। भूख ज्यादा लगने पर चॉकलेट खाना बेहतरीन उपाय होता है। कभी-कभी यूं भी महिलाएं चॉकलेट खा लेती हैं, लेकिन क्या प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना सेफ है ? इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना ठीक है या नहीं।
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कैफीन और चॉकलेट का संबंध
हो सकता हो कि आपको जानकारी न हो, लेकिन चाय और कॉफी की तरह ही चॉकलेट में भी कैफीन पाई जाती है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंट महिला को एक दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन नहीं लेनी चाहिए। अगर चॉकलेट की थोड़ी सी मात्रा दिन में ली जाती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला को कोई भी परेशानी नहीं होगी, लेकिन अगर महिला ड्रिंक में यानी कैफीनेटेड बेवरेज के साथ ही डॉर्क चॉकलेट का भी सेवन कर रही है तो उसके शरीर में कैफीन की मात्रा ज्यादा हो जाएगी।
प्रेग्नेंसी के दौरान कब नहीं खानी चाहिए चॉकलेट?
- अगर प्रेग्नेंट महिला का ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा हो।
- अगर महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हो।
- प्रेग्नेंसी में अचानक से वजन बढ़ गया हो।
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प्रेग्नेंसी में चॉकलेट कम मात्रा में खा सकते हैं?
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि चॉकलेट में कैफीन पाई जाती है। कैफीन की अधिक मात्रा प्रेग्नेंसी में नहीं लेनी चाहिए। ये भी बात सही है कि अगर आप प्रेग्नेंसी में चॉकलेट कम मात्रा में खाते हैं तो ये आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर डार्क चॉकलेट की बात करें तो इसमें फ्लेवोनॉयड्स होते है। फ्लेवोनॉयड्स नैचुरल रूप से पाए जाने वाले पॉलीफेनोल का हिस्सा है, जिसमे एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कई खाद्य पदार्थों में फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं, जिनमें सब्जियां, जामुन, रेड वाइन और ग्रीन टी शामिल हैं। शोध के अनुसार फ्लेवोनॉयड्स हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और अन्य सामान्य बीमारियों के जोखिम को कम करने का काम करते हैं। साथ ही फ्लेवोनोइड्स (vasodilation) वासोडेलेशन यानी रक्त वाहनियों को चौड़ा करने और रक्तचाप को सुधार में सहायता करता है।
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स्ट्रेस को मैनेज करने में करता है हेल्प
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के हार्मोन में बदलाव आता रहता है जिसकी वजह से उन्हें स्ट्रेस हो सकता है। एक रिचर्स में ये बात सामने आई है कि चॉकलेट खाने से स्ट्रेस लेवल में कमी आती है। साथ ही रिचर्स में ये बात भी सामने आई है कि उचित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से स्ट्रेस कम होता है। रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में चॉकलेट खाती हैं तो उनमें मिसकैरिज की संभावना 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। वैसे तो मिसकैरिज को रोकने की ये कोई विधि नहीं है, ये रिसर्च में सामने आए आकड़ें हैं।
चॉकलेट खाने से क्या होता है शरीर को लाभ?
प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने से लाभ तो होता है। साथ ही शरीर को अन्य फायदे भी पहुंचते हैं। चॉकलेट में कोकोआ पाया जाता है जो त्वचा की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। जिन महिलाओं को झुर्रियों की समस्या होती है, उनके लिए भी चॉकलेट खाना फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने से महिलाओं की स्किन की चमक बढ़ सकती है। कुछ शोधों से पता चलता है कि कोकोआ त्वचा की समस्याओं के लिए उपचार के तौर पर प्रभावकारी है।
जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान अनियमित धड़कन की समस्या होती है, उनके लिए प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना लाभकारी होता है। जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के पहले या प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर संबंधी समस्या होती है उनके लिए भी प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना फायदेमंद साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या है तो भी प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना अच्छा साबित हो सकता है। चॉकलेट में कोको होता है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है। कोकाओ इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर सकता है और संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है। हालांकि, कोको रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करता है।
उचित मात्रा में चॉकलेट खाने से हो सकते हैं फायदे
भले ही आपने ज्यादा चॉकलेट खाने के नुकसान पढ़ें हो, लेकिन उचित मात्रा में ली गई चॉकलेट प्रेग्नेंट महिला को फायदा पहुंचा सकती है। हाल के अध्ययनों में ये बात सामने आई है कि चॉकलेट का दैनिक सेवन प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप) के जोखिम को कम कर सकता है। उचित मात्रा में चॉकलेट का सेवन करने से प्रीक्लेम्पसिया का खतरा 50 फीसदी तक कम हो जाता है। साथ ही चॉकलेट की थोड़ी मात्रा फीटल ग्रोथ में भी हेल्प करती है। आप प्रेग्नेंसी के बाद ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं तो चॉकलेट खाना सही रहेगा या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लें। प्रेग्नेंसी में अगर आप पहले से ही दूसरी दवाइयां ले रहे हैं तो भी चॉकलेट खाना है या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें। प्रेग्नेंसी में अगर महिला को किसी भी प्रकार की समस्या (एलर्जी) हो या डिसऑर्डर या फिर कोई हेल्थ कंडिशन है तो चॉकलेट खाने से पहले एक बार डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें।
प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने के साइड- इफेक्ट्स हो सकते हैं?
यह जरूरी नहीं है कि हमेशा प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने के साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। हर महिला का शरीर चॉकलेट के प्रति अलग क्रिया कर सकता है। प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान की भी संभावना हो सकती है, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। अगर आपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले ली है तो कोई भी समस्या नहीं होगी। ये हो सकते हैं साइड-इफेक्ट्स।
- सिरदर्द, माइग्रेन, जलन, घबराहट, चिंता और चक्कर आना।
- मुंहासे, स्किन एलर्जी।
- गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर।
- बोन डेंसिटी में कमी, एक्जिमा।
- कोलेस्ट्रॉल के लेवल में बढ़ोतरी।
- इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार और इंसुलिन के लेवल में बढ़त।
- इरेगुलर हार्ट रिदम, यूरिन में ऑक्सलेट का लेवल बढ़ जाता है।
- चिड़चिड़ापन, घबराहट, किडनी डिसऑर्डर।
- गर्दन में दर्द, घबराहट, शैकिनेस, नींद की गड़बड़ी।
जरूरी नहीं कि प्रेग्नेंसी में चॉकलेट का इस्तेमाल करने वाली सभी महिलाएं इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव करें। कुछ साइड इफेक्ट्स हमारी लिस्ट में नहीं भी हो सकते हैं। साइड इफेक्ट्स यदि आप की चिंता का सबब बना हुआ है तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
प्रेग्नेंसी में चॉकलेट लेना सही रहेगा या फिर नहीं, इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान को लेकर डॉक्टर की राय सबसे सही रहेगी।
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