प्रोलैप्स ब्लैडर की समस्या में ब्लैडर अपनी जगह से खिसक जाता है। प्रोलैप्स ब्लैडर की समस्या महिलाओं में अधिक होती है। ब्लैडर अपनी जगह से खिसक कर योनी यानी वजायना की ओर खिसक जाता है। महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद ये स्थिति पैदा हो सकती है। डिलिवरी के बाद वजायना वॉल कुछ डैमेज हो जाती है, इस कारण से वजायना ब्लैडर को सपोर्ट नही दे पाती है। महिलाओं को खांसते, छींकते या फिर अचानक से थक्का लगने पर यूरिन लीकेज की प्रॉब्लम हो जाती है। प्रोलैप्स ब्लैडर के कारण बार-बार यूरिन होना, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, यूरिन पास करने में दिक्कत आती समस्याएं आती हैं। ऐसे में महिलाओं को सेक्स के दौरान भी पेन हो सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोजाना कीगल एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। साथ ही भारी सामान न उठाने और वेट कंट्रोल की सलाह भी दी जाती है। डॉक्टर सर्जरी की मदद से भी इस बीमारी का ट्रीटमेंट करते हैं।
और पढ़ें: बार बार पेशाब आना: इस समस्या को दूर कर देंगे ये आसान घरेलू उपाय
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction)
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या पुरुषों से जुड़ी हुई है। पुरुषों में इस बीमारी के कारण सेक्स के दौरान इरेक्शन में समस्या होती है। पेशाब संबंधी परेशानियों के कारण भी पुरुषों को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अगर पुरुषों को नपुंसकता की समस्या है, तो बेहतर होगा कि बिना देरी किए डॉक्टर से मिले और बीमारी का ट्रीटमेंट कराएं। डॉक्टर दवाइयों की सहायता से या फिर टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट मैथड से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का ट्रीटमेंट करते हैं।
ब्लैडर कैंसर (Bladder cancer)
ब्लैडर कैंसर कॉमन टाइप कैंसर है, जो ब्लैडर सेल्स से शुरू होता है। कैंसर की शुरुआती यूरोथेलियल सेल्स (Urothelial cells) से होती है। ये सेल्स किडनी और यूरेटर्स (ureters) ट्यूब में पाई जाती हैं, जो किडनी और ब्लैडर को जोड़ने का काम करती है। यूरोथेलिकल कैंसर किडनी और यूरेटर्स में कॉमन होता है लेकिन ये ब्लैडर में भी हो सकता है। ब्लैडर कैंसर को अर्ली स्टेड में डायग्नोज हो जाता है। अर्ली स्टेज कैंसर (Early stage cancer) के ट्रीटमेंट के बाद दोबारा वापस आ सकते हैं। कैंसर ट्रीटमेंट के बाद फॉलोअप टेस्ट बहुत जरूरी होते हैं। ब्लैडर कैंसर के कारण ब्लड में यूरिन आने की समस्या, पेशाब करते समय दर्द महूसस होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। ब्लैडर कैंसर म्यूटेशन के कारण हो सकता है। एब्नॉर्मल सेल्स ट्यूमर का कारण बनती हैं। अगर सही समय पर ट्रीटमेंट न कराया जाए, तो कैंसर सेल्स पूरे शरीर में फैल सकती हैं। पुरुषों में ब्लैडर कैंसर का खतरा अधिक रहता है।
और पढ़ें: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जांच निगेटिव आए तो हो सकती हैं ये बीमारियां