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IUD आईयूडी के बावजूद प्रेग्नेंट होने का खतरा
आईयूडी का इस्तेमाल के बावजूद महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के मामले सामने जरूर आए हैं लेकिन, इनकी संख्या ज्यादा नहीं है। करीब 2 से 10 प्रतिशत मामलों में आईयूडी अपनी जगह से थोड़ा खिसक सकती है या पूरी तरह गर्भाशय से बाहर आ सकती है। यदि ऐसा होता है तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं।
कई बार आपको अहसास भी नहीं होता कि आईयूडी अपनी जगह से बाहर आ गई है। कई मामलों में आईयूडी के प्रभावी न होने की स्थिति में महिलाएं प्रेग्नेंट हो जाती हैं। डॉ. अनीता अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताती हैं कि कई बार महिलाएं आईयूडी लगवाने के बाद इसे बार-बार चेक करती हैं, जिससे यह अपनी जगह से खिसक जाती है और महिला गर्भवती हो जाती है।
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क्वालिफाइड डॉक्टरों की तंगी भी जिम्मेदार
उनके मुताबिक, ‘इसके इस्तेमाल की जानकारी रखने वाले प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी भी महिलाओं में इसको लेकर गलतफहमी पैदा करती है। कुछ मामलों में डॉक्टर प्रशिक्षित नहीं होते हैं और इसे गलत जगह लगा देते हैं। ऐसे में आईयूडी कारगर साबित नहीं होती है। ‘ कॉपर आईयूडी, पेरागार्ड तुरंत प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए एक्टिव हो जाती हैं लेकिन, सामान्य आईयूडी जैसे मिरेना और स्कायला प्रभावी होने में सात दिनों का समय लेती हैं। यदि आप इस अवधि के दौरान बिना कंडोमया किसी अन्य गर्भनिरोधक के सेक्स करती हैं तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं।
एक्सपायरी डेट से ज्यादा इस्तेमाल
यदि आप आईयूडी की एक्सपायरी डेट से ज्यादा वक्त तक इसका इस्तेमाल करती हैं तो यह खराब हो जाती है। ऐसी स्थिति में भी आप प्रेग्ननेंट हो जाती हैं। डॉ. अनीता के मुताबिक, ‘आईयूडी लगाने के बाद इसकी नियमित जांच बेहद जरूरी है। पहली जांच शुरुआती महीने में और इसके बाद तीसरे महीने में होनी चाहिए। साथ ही इस्तेमाल के छठे महीने पर इसकी जांच होनी चाहिए कि यह ठीक से कार्य कर रही है या नहीं।