जेस्टेशनल सरोगेसी और पारंपरिक सरोगेसी के लिए अलग-अलग मेडिकल प्रोसिजर का इस्तेमाल होता है। जेस्टेशनल सरोगेसी में आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल होता है। डोनर एग (मां) और स्पर्म (पिता) को फर्टिलाइज करके सरोगेट मदर के गर्भ में डाला जाता है। पारंपरिक सरोगेसी में भी आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन आमतौर पर इसमें आईयूआई यानी इंट्रायूट्राइन इन्सेमिनेशन तकनीक का इस्तेमाल होता है। आईयूआई प्रक्रिया सिंपल है और इसमें सरोगेट मदर को प्रक्रिया से पहले ढेर सारे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती है।
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सरोगेसी प्रोफेशनल
कुछ सरोगेसी विशेषज्ञों को पारंपरिक सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी (Traditional and gestational surrogacy) में विशेषज्ञता प्राप्त होती है। पारंपरिक सरोगेसी में कानूनी और भावनात्मक जटिलताएं अधिक होती हैं, जबकि जेस्टेशनल सरोगेसी में यह कम होती है। इसलिए जेस्टेशनल सरोगेसी के विशेषज्ञ आसानी से मिल जाते हैं। पारंपरिक सरोगेसी अपनाने वाले कपल्स के पास सरोगेसी प्रोफेशनल के बहुत कम विकल्प रहते हैं।
चूंकि जेस्टेशनल सरोगेसी में सरोगेट मदर का बच्चे से कोई बायलॉजिकल रिश्ता नहीं होता इसलिए बच्चे को देते समय भावनात्मक परेशानी नहीं होती, जबकि पारंपरकि सरोगेसी में सरोगेट मदर का बच्चे से बायलॉजिकल रिश्ता होता है ऐसे में उसके लिए बच्चे को जन्म के बाद दूसरे को देना मुश्किल हो जाता है। पारंपरिक सरोगेसी के लिए योग्य सरोगेट मदर ढूंढ़ने में कपल्स को अधिक समय लगता है।
सरोगेसी की लागत
पारंपरिक सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी (Traditional and gestational surrogacy) में एक अंतर ये है कि पारंपरिक सरोगेसी जेस्टेशनल से किफायती होती है, क्योंकि पारंपरिक सरोगेसी के लिए आईयूआई तकनीक का इस्तेमाल होता है जो आईवीएफ से सस्ती है।
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ट्रेडिशनल सरोगेसी या पारंपरिक सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी (Traditional and gestational surrogacy) के फायदे
- जो महिला किसी कारणवश गर्भधारण नहीं कर सकती, उसके लिए सरोगेसी एक वरदान है। यदि उसके अंडाणुओं की क्वालिटी खराब है तो भी वह पारंपरिक सरोगेसी के जरिए मां बन सकती है।
- यदि किसी हादसे में पति-पत्नी में से किसी की मौत हो जाए तो भी सरोगेसी के जरिए एक पार्टनर बच्चे की ख्वाहिश पूरी कर सकता है।
- सिंगल पुरुषों या समलैंगिक जोड़े भी जेस्टेशनल सरोगेसी के सहारे माता-पिता बन सकते हैं।
- जो लोग शादी नहीं करना चाहते, लेकिन बच्चा चाहते हैं उनके लिए भी सरोगेसी किसी वरदान से कम नहीं है। कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने भी सरोगेसी का सहारा लिया है।
- यदि कोई महिला सरोगेसी अपनाती है, लेकिन बच्चे में अपने जींस या गुण चाहती है तो जेस्टेशनल सरोगेसी का सहारा ले सकती है।