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पेरेंट्स बनने के लिए आईयूआई तकनीक है बेस्ट!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/03/2021

    पेरेंट्स बनने के लिए आईयूआई तकनीक है बेस्ट!

    कई बार प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण न हो पाने पर कपल्स को मेडिकल तकनीक का सहारा लेना पड़ता है। इसमें आईवीएफ (IVF) और आईसीएसआई (ICSI) जैसी कई आधुनिक तकनीक हैं, जो गर्भावस्था का सुखद अहसास करा सकती हैं। आईयूआई यानी इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन ऐसी ही एक तकनीक है। वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि की गई है कि आईयूआई प्रेग्नेंसी अन्य मेडिकल उपचारों के मुकाबले काफी हद तक नैचुरल और सेफ है। मेडिकली इसके रिजल्ट भी अच्छे आते हैं। “हैलो स्वास्थ्य’के इस लेख में हम इसी विषय के बारे में बताएंगे। यहां आपको विस्तार से बताएंगे कि आईयूआई क्या है और इसे कैसे किया जाता है।

    IUI (आईयूआई प्रेग्नेंसी) क्या है ?

    IUI जिसे इन इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन कहते हैं। प्रेग्नेंसी में आ रही जटिलताओं को कम कर प्रेग्नेंसी की संभावना को बढ़ाने में मददगार होती है। दरअसल आईयूआई की मदद से पुरुषों में इनफर्टिलिटी के बावजूद महिला को गर्भवती किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में स्पर्म डोनर के स्पर्म को महिला के यूट्रस में ऑव्युलेशन के दौरान कैथेटर ट्यूब की मदद से पहुंचाया जाता है, लेकिन आईयूआई से प्रेग्नेंट होने के लिए महिला का फैलोपियन ट्यूब सामने होना जरूरी है। आईयूआई प्रेग्नेंसी तकनीक सबसे एडवांस तकनीक मानी जाती है। 35 साल से कम उम्र की महिलाओं में 30 प्रतिशत तक गर्भवती होने की संभावना होती है।

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    आईयूआई प्रेग्नेंसी किन कपल्स के लिए सही विकल्प नहीं है?

    • महिला को फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी अगर कोई परेशानी
    • पेल्विक इंफेक्शन
    • एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis) की परेशानी

    10% से 30% तक IUI सक्सेसफुल मानी जाती है। आईयूआई से प्रेग्नेंसी सक्सेसफुल हो इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

    आईयूआई को सफल बनाने के लिए टिप्स और सुझाव क्या हैं?

    आईयूआई को सक्सेसफुल बनाने के लिए जीवनशैली में बदलाव कर और कुछ टिप्स अपनाए जा सकते हैं। जैसे-

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    1. आईयूआई प्रेग्नेंसी एक्सपर्ट से ही मिलें

    IUI प्रॉसेस से गर्भवती होने से पहले सबसे IUI प्रेग्नेंसी एक्सपर्ट से मिलें और इससे जुड़ी जानकारी हासिल करें। यह भी समझें कि यह तकनीक आपकी शारीरिक बनावट के अनुसार ठीक है या नहीं ? क्योंकि फैलोपियन ट्यूब, पेल्विक इंफेक्शन और एंडोमेट्रिओसिस जैसी परेशानी होने पर आईयूआई प्रेग्नेंसी संभव नहीं है। वहीं IUI के अलावा IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक से भी प्रेग्नेंसी की संभावना हो सकती है।

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    2. पौष्टिक आहार लें

    पौष्टिक आहार से आईयूआई प्रेग्नेंसी ज्यादा सफल हो सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है और कार्ब्स की मात्रा कम कर शरीर को IUI के लिए फिट फिट बनाया जा सकता है। पीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या होने पर भी संतुलित और पौष्टिक आहार से गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।

    3. एक्सरसाइज है जरूरी

    हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार आईयूआई के बाद भी आसान और नहीं थकाने वाले एक्सरसाइज किए जा सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहें और एक ही अवस्था में ज्यादा देर तक न बैठें। वॉक करना भी लाभदायक होता है।

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    4. स्मोकिंग बिलकुल न करें

    रिसर्च के अनुसार स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में आम महिलाओं की तुलना में इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ती जा रही है। इसलिए आईयूआई प्रेग्नेंसी सक्सेसफुल बनाने के साथ-साथ स्वस्थ रहने के लिए स्मोकिंग न करें

    5. स्ट्रेस या एंजायटी से बचें

    स्ट्रेस या एंजायटी के कारण आप चिंतित रह सकती हैं। इसलिए पुरुष और महिला (कपल्स) को स्ट्रेस या एंजायटी से दूर रहना चाहिए। इससे IUI रिजल्ट पॉजिटिव आने की संभावना ज्यादा होती है।

    6. एक्यूपंक्चर की मदद

    एक्यूपंक्चर शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है, जिससे एग की क्वॉलिटी बेहतर होती है और इससे प्रेग्नेंसी की उम्मीद बढ़ सकती है। एक्यूपंक्चर एक्सपर्ट्स IUI के कम से कम 3 महीने पहले एक्यूपंक्चर शुरू कर सकते हैं।

    7. सप्लीमेंट्स

    डॉक्टर द्वारा बताए गए सप्लीमेंट्स का ही इस्तेमाल करें। बॉडी चेकअप में आई रिपोर्ट्स के अनुसार ही डॉक्टर भी आपको सप्लीमेंट्स की सलाह देंगे।

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    8. सेक्स

    IUI होने के बाद भी कपल्स सेक्स कर सकते हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता है बल्कि इससे फैलोपियन ट्यूब तक स्पर्म को पहुंचने में आसानी होती है। आईयूआई प्रेग्नेंसी में यह काफी सहायक विकल्प माना जाता है।

    9. खुश रहें

    ऐसा काम करें जिससे आपको खुशी और अच्छा महसूस हो। प्रेग्नेंसी के दौरान वैसे भी खुश रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास में सहायता होगी।

    IUI से जुड़े रिस्क क्या हैं ?

    इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) के कारण निम्नलिखित परेशानी हो सकती हैं। जैसे-

    • कैथेटर ट्यूब की मदद से यूट्रस में स्पर्म पहुंचाया जाता है। कैथेटर ट्यूब की वजह से पेट में दर्द हो सकता है।
    • कभी-कभी ऑव्युलेशन बढ़ाने के लिए दवा दी जाती है। अगर ऑव्युलेशन ज्यादा हो जाता है, तो ओवेरियन हाइपर स्टिमुलेशन सिंड्रोम (OHSS) होने का खतरा बढ़ सकता है।
    • IUI के बाद इंफेक्शन की संभावना भी बनी रहती है।

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    आईयूआई प्रेग्नेंसी ट्रीटमेंट की लागत कितनी है?

    और देशों के मुकाबले भारत में आईयूआई प्रेग्नेंसी ट्रीटमेंट की लागत बेहद कम है। एक अनुमान के अनुसार इसके एक साइकिल की शुरुआत करीब तीन हजार रुपए से शुरू होती है। अगर पूरे प्रॉसेस का खर्च निकाला जाए, तो एक साइकिल पांच से दस हजार के बीच है, जिसमें आईयूआई ट्रीटमेंट से पहले होने वाले अल्ट्रासाउंड जैसे कई टेस्ट शामिल हैं। यह खर्च शहर, क्लिनिक और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    आईयूआई प्रॉसेस के बाद मैं कितनी जल्दी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हूं?

    इसके लिए आपको कम से कम दो हफ्ते का इंतजार करना होगा। इस दौरान भ्रूण विकसित होकर गर्भाशय की दीवार के साथ जुड़ जाएगा। साथ ही हाॅर्मोंस के स्तर में बढ़ोतरी होगी।

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    क्या आईयूआई से जुड़वां बच्चों की संभावना बढ़ जाती है?

    हां, महिला को प्रजनन की समस्या होने पर प्रजनन संबंधी दवाइयां दी जाती हैं, ताकि ओव्युलेशन प्रॉसेस तेज हो जाए और अंडे डेवेलप हो जाएं। कई बार इससे एक से ज्यादा भ्रूण विकसित हो सकते हैं।

    आईयूआई (इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन) प्रेग्नेंसी तकनीक का अगर सहारा ले रहें हैं, तो इसे अच्छी तरह समझें। इससे होने वाली परेशानी को भी जानें। इसलिए IUI एक्सपर्ट से मिलना और समझना पेरेंट्स बनने के लिए बेस्ट होगा।

    इसमें कोई शक नहीं कि निसंतान दंपत्तियों के लिए आईयूआई ट्रीटमेंट एक बेहतरीन विकल्प है। यह आईवीएफ के मुकाबले न सिर्फ ज्यादा नैचुरल और सुरक्षित है, बल्कि कम खर्चीला भी है। हां, इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें। अगर आप इस विषय के संबंधित और कुछ जानना चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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