हड्डियों की मजबूती
प्रेग्नेंसी में महिलाएं कई सारा कैल्शियम खो देती हैं। यह गर्भावस्था के पूरे 9 महीने और उसके बाद तक चलता है। पीनट बटर कैल्शियम से भरपूर होता है जिसका सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान और प्रसव के बाद हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी में पीनट बटर न केवल आपके खोए कैल्शियम की पूर्ति करने में मदद करेगा बल्कि आपकी हड्डियों को लंबे समय तक मजबूत बनाए रखेगा।
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इम्यून सिस्टम
हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम में कई तरह के बदलाव आते हैं। आमतौर पर यह बदलाव हार्मोन के कारण होते हैं जिनकी वजह से महिलाओं का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। प्रेग्नेंसी में किसी भी महिला के लिए इम्यून सिस्टम की शिशु जितनी ही प्राथमिकता होनी चाहिए। इम्यून सिस्टम शिशु और मां दोनों को बैक्टीरिया और संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर खाने से आयरन, विटामिन और खनिज पदार्थ मिलते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। पीनट बटर में मुख्य रूप से पाया जाने वाला विटामिन ई प्रेग्नेंसी के दौरान बीमारियों और फ्लू से लड़ने में मदद करता है। यदि आप कमजोर या बीमार महसूस करती हैं तो रोजाना नियमित मात्रा में पीनट बटर का सेवन शुरू करें।
कैलोरी
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वजन कम है और आप उसे बढ़ाने की सोच रही हैं तो पीनट बटर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर खाने से अधिक मात्रा में कैलौरी प्राप्त होती हैं जिनकी मदद से आप एक स्वस्थ वजन हासिल कर पाएंगी।
कब्ज
गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होना बेहद आम होता है। कई महिलाओं को यह स्थिति लंबे समय तक परेशान करती है। अगर आपको भी अक्सर कब्ज जैसी दिक्कतें आती हैं तो प्रेग्नेंसी में पीनट के सेवन से आप इससे छुटकारा पा सकती हैं। न केवल पीनट बटर बल्कि अन्य प्रकार के नट्स जैसे बादाम, मूंगफलियां आदि भी कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। हालांकि, ज्यादातर नट्स की तासीर गर्म होती है इसलिए इनका अधिक सेवन न करें।
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जेस्टेशनल डायबिटीज (प्रेग्नेंसी में मधुमेह)
प्रेग्नेंसी में मधुमेह होने की शिकायत बहुत-सी महिलाओं को रहती है। इसका सीधा प्रभाव उनके शिशु पर भी पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर को अपनी डायबिटीज की डाइट में शामिल करने से मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हालांकि, अपनी डाइट में कोई भी फेर बदल करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श करें।