क्या IUI प्रेग्नेंसी में गर्भपात की आशंका रहती है?
अगर आपको प्रजनन संबंधी कोई समस्या है, तो डॉक्टर इसके लिए दवा देते हैं, ताकि ओव्यूलेशन की प्रक्रिया तेज हो जाए। इससे कई बार गर्भ में एक से अधिक भ्रूण ठहरने का खतरा रहता है, जो गर्भपात (miscarriage) का कारण बन सकता है।
क्या आईयूआई गर्भावस्था जुड़वां बच्चों की संभावना को बढ़ा सकता है?
हां, महिला को प्रजनन की समस्या होने पर प्रजनन संबंधी दवाइयां दी जाती हैं, ताकि ओव्यूलेशन प्रक्रिया तेज हो जाए और अंडे विकसित हो जाएं। कई बार इससे एक से ज्यादा भ्रूण विकसित हो सकते हैं। ऐसी संभावना रहती है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि आईयूआई से जुड़वा बच्चे ही पैदा हो। आप इस विषय में डॉक्टर से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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IUI प्रेग्नेंसी या आईयूआई गर्भावस्था में शुक्राणु अंडे तक पहुंचने में कितना समय लेते हैं?
गर्भधारण करने की प्रक्रिया ओव्यूलेशन के साथ शुरू होती है। ओव्यूलेशन होने के बाद अंडा 12 से 24 घंटे तक निषेचन के लिए सक्रिया रहता है। निषेचन के लिए अंडे और शुक्राणुओं को इसी अवधि में मिलना जरूरी है। इसके बाद निषेचित अंडा गर्भाशय के साथ जाकर जुड़ जाता है।
इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) के द्वारा गर्भ में इम्प्लांटेशन होने के बाद गर्भवती होने पर IUI के लक्षण समझना आसान होता है। IUI के बाद कोई परेशानी महसूस होने पर जल्द से जल्द IUI एक्सपर्ट से मिलें।
IUI प्रेग्नेंसी आईवीएफ के मुकाबले न सिर्फ ज्यादा प्राकृतिक और सुरक्षित है, बल्कि आईयूआई का खर्चा भी कम आता है। लेकिन, इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें। आईयूआई गर्भावस्था की प्रोसेस के बारे में आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं। साथ ही अन्य तकनीकों के बारे में भी जान सकते हैं जिनके प्रेग्नेंसी संभव हो सके। उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा अगर आप इस विषय के संबंध में और कुछ जानना चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।