आरोपण के दौरान आमतौर पर ब्लीडिंग 24 से 48 घंटे से अधिक नहीं रहती है। ब्लीडिंग बहुत हल्की होती है और इसमें आमतौर पर भूरा, गुलाबी, या काले रंग का ब्लड निकलता है। गर्भाशय में ऐंठन कम हो जाती है। यह कितने दिनों तक रह सकता है?
डॉ शेरी रॉस बताते हैं कि एक रेगुलर पीरियड्स के विपरीत, इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) या या प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग बहुत कम समय तक रहती है। यह आमतौर पर 24 से 48 घंटों से ज्यादा समय तक नहीं रहती। यह निषेचित अंडे को गर्भाशय के अस्तर में प्रत्यारोपित होने में लगने वाला समय है।
डॉ रॉस इसकी टाइमलाइन को इस प्रकार समझाते हैं:
- दिन 1: पीरियड्स का पहला दिन
- दिन 14 से 16: ऑव्युलेशन होता है
- दिन 18 से 20: निषेचन (Fertilisation) होता है
- दिन 24 से 26: अंडे आरोपित होते हैं और इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) लगभग 2 से 7 दिनों के लिए होती है।
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इन बातों पर भी दें ध्यान
ऐसा नहीं है कि केवल प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग ही प्रेग्नेंसी का लक्षण (Pregnancy symptoms) होती है। प्रेग्नेंसी होने पर अन्य लक्षण भी दिखाई पड़ सकते हैं। प्रेग्नेंसी होने पर बार-बार यूरिन का पास होना, थकान का एहसास होना, जी मिचलाना, ब्रेस्ट में सूजन (Breast swelling) का एहसास आदि भी प्रेग्नेंसी के लक्षणों में शामिल हो सकता है। वहीं प्रेग्नेंसी के अन्य लक्षणों में शामिल है,
- क्रैम्पिंग (Cramp)
- कॉन्स्टिपेशन (Constipation) यानी कब्ज की समस्या
- ब्लोटिंग (Bloating)
- मूडी होना
- स्वाद बदलकर खाने की इच्छा
प्रेग्नेंसी के अर्ली सिम्पटम्स को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि कोई भी महिला प्रेग्नेंट है या फिर नहीं। वैसे तो पीरियड्स (Periods) का मिस होना ही प्रेग्नेंसी के मुख्य लक्षणों में शामिल होता है। लेकिन अगर किसी महिला को पीरियड्स साइकल (Menstrual cycle) नियमित नहीं है तो इस बारे में कहना मुश्किल है। ऐसे में बेहतर होगा कि महिला होम प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test) लें। अगर महिला ऐसा नहीं करना चाहती है तो बेहतर होगा कि डॉक्टर से एक बार जांच जरूर कराएं। डॉक्टर यूरिन टेस्ट या फिर ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है।
प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग : मुझे कब चिंता करनी चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान या प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग (Implantation Bleeding) कई महिलाओं में असामान्य तरीके से होती है। डॉक्टर इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं और गर्भवती महिलाओं को इसकी रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
यदि ब्लीडिंग देर रात से हो रही है और लगातार और काफी मात्रा में ब्लड (Blood) निकल रहा है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें। किसी भी इमरजेंसी जैसी स्थिति में इसके इवैलुएशन के लिए आपको इमरजेंसी वार्ड में जाना पड़ सकता है।
इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) होने पर टेस्ट कब करवाना चाहिए?
अब तो आप समझ गए होंगे कि इम्प्लांटेशन के दौरान होने वाली ब्लीडिंग कई बार गर्भवती होने का संकेत होती है। हालांकि, यदि आप इस समय प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test) करवाती हैं तो हो सकता है कि टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव आए। इसलिए अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार ब्लींडिंग व स्पॉटिंग बंद होने के तीन दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाना चाहिए।
इसके अलावा प्रेग्नेंसी टेस्ट के रिजल्ट को सटीक रूप से प्राप्त करने के लिए पीरियड्स ना आने के एक हफ्ते के बाद टेस्ट करवाना चाहिए। आप थोड़ा पहले भी टेस्ट करवा सकती हैं। हमेशा एक हफ्ते के बाद टेस्ट करवाना बेहतर होता है और पुष्टि के लिए टेस्ट को बाद करना चाहिए। अगर आपको हैवी ब्लीडिंग होती है तो ये खतरे का संकेत भी हो सकती है। ऐसे में बेहतर होगा कि बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाया जाए।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) पर लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। वैसे तो इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) से घबराने की जरूरत नहीं है। गर्भावस्था के दौरान ऐसा होता ही है, लेकिन अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा और लगातार हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।