ट्राइकलेमोमा (Trichilemmoma) – ये रेयर बिनाइन स्किन ट्यूमर है और काउडेन रोग (Cowden’s disease ) से संबंधित है।
नेवस सेबेसस ऑफ जॉर्डसन (Naevus sebaceous of Jadassohn) – ये एपिथेलियल नेवी हैं और पीले-नारंगी रंग के साथ जन्मजात नजर आते हैं। ये मोम की तरह होते हैं और स्किन में उभरे रहते हैं।
ट्रिकिपीथेलियोमा (Trichoepithelioma) –ये स्कैल्प या फिर चेहरे में होने वाला गुलाबी रंग का उभार है, जो कॉमन नहीं है। ये किशोरावस्था में देखने को मिल सकता है। इसे सर्जरी के माध्यम से हटाया जा सकता है।
पिलोमैट्रिक्सोमा (Pilomatrixoma) – यह बच्चों और युवा वयस्कों के गर्दन, सिर और बाहों पर होने वाले एपिडर्मल सिस्ट है।
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कैसे डायग्नोज किया जाता है बिनाइन स्किन कैंसर? (Daignosis of Benign skin cancer)
अगर आपको शरीर पर किसी भी स्थान में कोई उभार या फिर निशान दिखाई पड़ता है, तो उसे इग्नोर करने की भूल बिल्कुल भी न करें। आपको उभार या फिर घाव को रोशनी में देखना चाहिए। जिन लोगों को धूप में अधिक काम करना पड़ता है, उन्हें स्किन कैंसर का अधिक खतरा रहता है। लेकिन ये भी सच है स्किन में बनने वाले निशान या फिर उभार कैंसर हो, ये जरूरी नहीं है। कई मामलों में बायोप्सी की जरूरत पड़ती है। साथ ही पेशेंट से क्लीनिकल हिस्ट्री भी पूछी जा सकती है। डॉक्टर क्रायोथेरेपी (Cryotherapy), इलेक्ट्रोडेसिकेशन (Electrodesiccation) के साथ फार्माकोथेरेपी (Pharmacotherapy) दी जा सकती है। अगर आपको बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal cell carcinoma) है, तो आपको परिक्षण की जरूरत नहीं है। अगर आपको सेकेंड बेसल सेल कार्सिनोमा है, तो स्किन एक्सपर्ट से बात करें।
बिनाइन स्किन कैंसर ट्रीटमेंट (Benign skin cancer treatment)
कई मामलों में बिनाइन स्किन ट्यूमर में ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर जरूरत पड़ती है, तो डॉक्टर कुछ मेडिसिन जैसे कि रेटिनोइड्स ( Retinoids), कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids), एंटीमाइक्रोबियल एजेंट (Antimicrobial agents) और लेजर थेरिपी (laser therapy), क्रायोथेरेपी (Cryotherapy) आदि ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। जरूरत पड़ने पर सर्जिकल रिमूवल भी किया जाता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते है।
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो आपको उसका खास ख्याल रखने की जरूरत है। आप जब भी घर से बाहर निकलें, हमेशा सनग्लासेस का इस्तेमाल करें और सनस्क्रीन लगाएं। आप कुछ बातों का ध्यान रख अपनी स्किन की देखभाल (Skin care) कर सकते हैं और उसे कैंसर के खतरे से भी बचा सकते हैं। अगर आपकी स्किन कभी जल गई है या फिर आपने कभी रेडियोथेरिपी ट्रीटमेंट लिया है, तो आपको खास देखभाल की जरूरत है। आपको कुछ केमिकल्स जैसे कि क्रेओसोट (Creosote) और आर्सेनिक (Arsenic) के सीधे एक्सपोजर से बचना चाहिए। स्किन को घातक यूवी रेज से बचाएं रखें और साथ ही डॉक्टर से भी इस बारे में जानकारी लें कि अगर आपको स्किन में किसी तरह का उभार या फिर घाव दिखता है, तो क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
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अगर आपको शरीर में किसी तरह का उभार दिख रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। बिना जांच से उभार का ट्रीटमेंट खुद न करें। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।