के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
हार्ट बायोप्सी को मायोकार्डियल बायोप्सी या कार्डियक बायोप्सी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए हृदय रोगों का पता लगाया जाता है। इसमें बायोप्टम (एक छोटा कैथेटर जिसके आखिर में ग्रास्पिंग डिवाइस लगी होती है) के माध्यम से हार्ट मसल्स टिशू का छोटा सा टुकड़ा निकालकर लैबोरेट्री में टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
आपका डॉक्टर हार्ट बायोप्सी की मदद से:
हार्ट ट्रांस्प्लांट के बाद रिजेक्शन के संकेतों पर नज़र रखने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
आपका डॉक्टर इस प्रक्रिया की सलाह देगा यदि आप में यह संकेत दिखते हैंः
आपको प्रक्रिया से पहले एक सहमति फॉर्म पर साइन करना होगा जिसमें बायोप्सी से जुड़े जोखिमों के बारे में लिखा होता है। हालांकि अनुभवी डॉक्टरों के साथ जटिलताओं की गुंजाइश कम रहती है।
इसके साथ कुछ जोखिम जुड़े हैंः
बायोप्सी वाली जगह पर आपको थोड़ा दबाव महसूस होगा। लंबे समय तक लेटे रहने के कारण आपको थोड़ी असुविधा भी हो सकती है। अगर आपको हार्ट बायोप्सी के जोखिम के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप टेस्ट से पहले ही विशेषज्ञ से जानकारी ले सकते हैं। आपको डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम पूरी कोशिश करती है कि जोखिम कम से कम हो। अधिक जोखिम की संभावना कुछ लोगों के साथ रहती है लेकिन सब के साथ नहीं।
हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy)की प्रक्रिया है?
हार्ट बायोप्सी प्रक्रिया में 30 से 60 मिनट लगते हैं। हालांकि, इसकी तैयारी और रिकवरी का समय जोड़ने पर यह और ज्यादा हो जाएगा। आप प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी दिन घर जा सकते हैं।
अस्पताल का गाउन पहनने के बाद नर्स आपकी बांह पर एक इन्ट्रावेनस लाइन लगाती है जिसके ज़रिए प्रक्रिया के दौरान दवा और सलाइन दिया जाता है।
हार्ट बायोप्सी प्रक्रिया के दौरान आपको टेबल पर पीठ के बल लेटना होगा। कमरे में कई बड़े कैमरा मॉनिटर लगे होते हैं।
हार्ट बायोप्सी प्रक्रिया के दौरान आपको हल्का बेहोश करने के लिए दवा दी जाती है, लेकिन आप जगे ही रहते हैं।
गर्दन के हिस्से को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थेटिक का इस्तेमाल किया जाता है। गर्दन में चीरा लगाकर एक पतली प्लास्टिक की ट्यूब ब्लड वेसल (रक्त वाहिका) में डाली जाती है। एक बायोप्टम को उसी ट्यूब के ज़रिए डालकर दाहिने वेंट्रिकल में पिरोया जाता है। एक्स-रे, जिसे फ्लोरोस्कोपी कहा जाता है की मदद से बोयोप्टम को सही जगह पर पहुंचाया जाता है।
बायोप्टम का इस्तेमाल हार्ट मसल्स का सैंपल लेने के लिए किया जाता है। हर सैंपल पिन की नोक की साइज़ को होता है।
जब सैंपल ले लिया जाता है तो कैथेटर और प्लास्टिक ट्यूब निकाल ली जाती है और ब्लीडिंग रोकने के लिए उस हिस्से को थोड़ा दबाकर रखा जाता है।
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हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy) प्रक्रिया के बाद क्या होता है?
हार्ट बायोप्सी प्रक्रिया खत्म होने के बाद डॉक्टर आपको बताएगा कि घाव वाली जगह की देखभाल कैसे करनी है और कब आप अपनी नियमित दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
हार्ट बायोप्सी का परिणाम आ जाने के बाद डॉक्टर इस बारे में आपसे चर्चा करेगा। यदि परिणाम निगेटिव आते हैं तो इसका मतलब है कि मूल्यांकन के लिए निकाले गए हार्ट टिशू सामान्य हैं। पॉज़िटिव परिणाम का मतलब हो सकता है कि हार्ट फेलियर के कारणों का पता चल गया, जैसे कि संक्रमण के कारण सूजन।
यदि हार्ट ट्रांस्पलांट के लिए बायोप्सी की गई है तो इसका मतलब है कि कोशिकाएं इसे स्वीकार नहीं कर रहीं।
हार्ट बायोप्सी के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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मायोकार्डियल बायोप्सी के परिणाम डॉक्टर को बताएंगे कि हार्ट मसल्स में किसी तरह की क्षति हुई है या नहीं। असामान्य बायोप्सी परिणाम के लिए कई कारण ज़िम्मेदार हो सकते हैं:
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उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको हार्ट बायोप्सी प्रक्रिया से संबंधिक प्रश्न की जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप विशेषज्ञ से जानकारी लें। यदि आपकी हार्ट मसल्स क्षतिग्रस्त है तो इसके कारण के आधार पर इलाज का तरीका अलग-अलग हो सकता है। सभी लैब और अस्पताल के आधार पर हार्ट बायोप्सी की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
डिस्क्लेमर
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