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जब दिमाग में किसी तरह का इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस उत्पन्न होने लगता है तो उसके वजह से पैदा हुई स्थिति को दौरे, फिट्स या सीजर्स कहते हैं। इसकी वजह से आपके आपके व्यवहार, सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है। अगर आप सीजर्स या दौरे के दो से ज्यादा झटके महसूस कर चुके हैं, तो उसे एपिलेप्सी या मिर्गी भी कहा जाता है।
दौरे या फिट्स अलग–अलग तरह के होते हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह परेशानी शुरू किस वजह से हुई है। दौरे 30 सेकंड से लेकर 2 मिनट तक हो सकते है और कभी–कभी यह 5 मिनट तक का भी हो सकता है, जो काफी खतरनाक माना जाता है।
सीजर्स स्ट्रोक, सिर में चोट, इंफेक्शन जैसे मेनिन्जाइटिस या किसी अन्य बीमारी के बाद हो सकती है। कई बार इसके कारणों का पता भी नहीं चला पाता है। सीजर्स को दवा से भी कंट्रोल किया जाता है लेकिन, इसका असर आपकी डेली लाइफ पर भी पड़ता है। इनसब के बीच अच्छी बात यह है कि आप प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की मदद भी ले सकते हैं। इससे सिजर्स के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है।
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सिजर्स की परेशानी सामान्य है और यह किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है। सिजर्स के कारणों को समझकर इससे बचा जा सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करना जरूरी है।
निम्न लक्षण दौरे, फिट्स और सीजर्स कारण बन सकते हैं-
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मस्तिष्क में जब जरूरत से ज्यादा इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस होने लगे, तो इससे उसका सूचना तंत्र प्रभावित होने लगता है। इसकी वजह से दिमाग शरीर के बाकी हिस्सों तक सूचना ठीक से नहीं पहुंचा पाता और दौरे की समस्या होने लगती है।
दौरे की बीमारी की वजह से ही मिर्गी की परेशानी शुरू होती है। लेकिन, ऐसा सभी के साथ नहीं होता है।
निम्नलिखित कारणों की वजह से दौरे, फिट्स या सीजर्स की परेशानी शुरू हो सकती है, जैसे:
यह सभी सामान्य कारण हो सकते हैं लेकिन, आपको अगर परेशानी महसूस होती है और आपके लक्षण अलग भी हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जैसे:
कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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निम्नलिखित कारण होने पर डॉक्टर से मिलना जरूरी है:
सीजर्स होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के सलाह अनुसार इलाज बीमारी से जल्दी छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है।
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दी गई जानकारी किसी भी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नहीं है,ज्यादा जानकारी के अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
आपको लक्षणों और मेडिकल हिंस्ट्री देखके साथ आपकी हालात का निदान करने के लिए आपका डॉक्टर कई टेस्ट कर सकते हैं जैसे:
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सीजर्स के इलाज का उपयोग दौरे को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।हालांकि इस हालत वाले हर व्यक्ति को इलाज करने की जरूरत नहीं होगी।
सीजर्स के इलाज के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। दवा का चॉइस अक्सर रोगी के साइड इफेक्ट को सहन,और बीमारियों के साथ या उसके और दवा की डिलीवरी मेथड जैसे फैक्टर पर मुताबिक होता है।
सीजर्स हर तरह के होते हैं और काफी अलग होते हैं और खासतौर से दवाएं लगभग 70% मरीजों में दौरे को कंट्रोल कर सकती हैं।
हालांकि, सीजर्स की दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट हैं,जो हम आपको नीचे बता रहे हैं:
सर्जरी आमतौर पर तब की जाती है जब टेस्ट से पता चलता है कि आपके दौरे आपके दिमाग के एक छोटे, अच्छी तरह से डेफिन्स जगह में जनरेटर होते हैं जो स्पीच,लेंग्वेज, मोटर फ़ंक्शन,विजन या आवाज जैसे महत्वपूर्ण काम साथ नहीं करता है। सर्जरी में, आपका डॉक्टर आपके दिमाग के हिस्से को हटा देता है जो कि दौरे का कारण बन रहा है
लेकिन अगर आपके दौरे आपके दिमाग़ के एक हिस्से में जनरेट होते हैं जिसे हटाया नहीं जा सकता है, तो आपका डॉक्टर एक अलग प्रकार की सर्जरी की रिकमेंड कर सकता है जिसमें सर्जन आपके दिमाग में कई कट्स करते हैं। ये कट्स आपके दिमाग के दूसरे हिस्सों में फैलने से रोकने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
हालांकि कई लोगों को सफल सर्जरी के बाद दौरे को रोकने में मदद करने के लिए कुछ दवा की जरूरत होती है,आप कम दवाएं लेने और अपनी खाना कम करने में कैपेबल हो सकते हैं।
कुछ मामलों में, सीजर्स के लिए सर्जरी आपकी सोच (Cognitive) एबिलिटी को परमानेंट रूप से बदलने जैसी कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकती है।
निम्नलिखित टिप्स को अपनाकर सीजर्स की समस्या को कम किया जा सकता है:
इस आर्टिकल में हमने आपको सीजर्स से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की जांच करने के लिए इस कैलक्युलेटर का उपयोग करें और पता करें कि क्या आपका वजन हेल्दी है। आप इस उपकरण का उपयोग अपने बच्चे के बीएमआई की जांच के लिए भी कर सकते हैं।
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