के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
हाइपर एसिडिटी को मेडिकली समझा जाए, तो इसे गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD) के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे अम्ल पित्त कहते हैं।
हाइपर एसिडिटी या पेट में जलन महसूस होना एक सामान्य समस्या है, जो मुख्य रूप से छाती या सीने में जलन पैदा करती है। पेट मे मौजूद अम्ल जब खाने की नली या ग्रास नली में आ जाते है तो ये समस्या होती है।
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पेट में “हाइड्रोक्लोरिक एसिड’ (hydrochloric acid) नामक अम्ल होता है जो भोजन को टुकड़ों में तोड़ता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल जब इसोफेगस की परत से होकर गुजरता है तो सीने या पेट मे जलन महसूस होने लग जाती है क्योंकि ये परत हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के लिए नहीं बनी है।
बार-बार होने वाली एसिडिटी की समस्या को गर्ड (एसिड भाटा रोग या GERD) कहा जाता है।
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नीचे बताए गए परिस्थियां होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए :
दी गई जानकारी को किसी चिकित्सा सलाह के रूप न देखें। किसी भी दवा का सेवन करने या हेल्थ प्रैक्टिस से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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इस रोग में बेरियम एक्स-रे, एण्डोस्कोपी, सोनोग्राफी के जरिए रोग की जटिलता का पता लगाकर उपचार शुरू किया जा सकता है।
रोजाना अदरक वाली चाय पिएं। इसके अलावा, अदरक के छोटे टुकड़े करके एक गिलास गर्म पानी के साथ खाएं। अदरक का सेवन मिचली, मोशन सिकनेस, प्रेगनेंसी और कैंसर कीमोथेरिपी के दौरान होने होने वाली उल्टी को रोकने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल पेट संबंधी समस्याएं जैसे अपच को ठीक करने या ओस्टियो अर्थराइटिस के दर्द को कम करने या हृदय से जुड़ी बीमारियों में भी होता है।
एलोवेरा जूस इसमें काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए, रोजाना सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करें।
इसके अलावा, केले, ठंडा दूध, जीरा, इलायची, लौंग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
सौंफ बेहतर डायजेशन, पेट में जलन, गैस, पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाने में सहायक होता है। बड़ों के साथ-साथ सौंफ बच्चों के पेट में होने वाले दर्द को दूर करने में भी सहायक हो सकते हैं। डायजेशन के साथ-साथ इसका इस्तेमाल सांस संबंधी परेशानियों, खांसी सर्दी एवं पीठ के दर्द की परेशानी को दूर किया जा सकता है। दरअसल सौंफ की तासीर ठंडी होती है और इसमें कैल्शियम, सोडियम, आयरन और पोटैशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।
नारियल पानी में फाइबर की मात्रा मौजूद होती है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मददगार है। एक नारियल के पानी में लगभग 9% फाइबर होता है। डायजेशन की समस्या होने पर नारियल पानी के फायदे होते हैं। रिसर्च के अनुसार नारियल पानी के सेवन से शरीर के सभी टॉक्सिन्स यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं और नारियल पानी एसिडिटी या हाइपर एसिडिटी की समस्या को भी दूर करने में सहायक माना जाता है।
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गैस या हाइपर एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए पानी का सेवन करना भी अच्छा विकल्प माना जाता है। वहीं रिसर्च के अनुसार पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के साथ-साथ हाइपर एसिडिटी जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए गुनगुना पानी बेहद लाभकारी होता है। गुनगुने पानी के साथ थोड़ा अज्वाइन का भी सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हाइपर एसिडिटी, ब्लोटिंग या पेट दर्द की परेशानियों से बचने के लिए विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए। ऐसी स्थिति न हो इसलिए आंवला का सेवन लाभकारी हो सकता है।
इन ऊपर बताये गए घरेलू उपायों से हाइपर एसिडिटी की समस्या से बचा जा सकता है।
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