पेट दर्द कई कारणों से होता है। कई बार खानपान की खराब आदतों से भी पेट की समस्या हो जाती है। घर के बाहर खाना खाने पर भी पेट की समस्या हो जाती है। स्टमक फ्लू की समस्या वायरस और बैक्टीरियां दोनों के कारण हो सकती है। जब दूषित खाना या पानी शरीर के अंदर जाता है तो ये बीमारी को जन्म देता है।
पेट की समस्या होने के कारण क्या हैं?
पेट की समस्या का कारण कब्ज
अगर आपको कब्ज की परेशानी है, तो आप पेट दर्द से बहुत परिचित होंगे। मल त्याग करने की परेशानी को कब्ज कहते हैं। जब आपके शरीर से मल त्याग नहीं होता है, तो आपके मल आपकी बड़ी आंत को प्रभावित करते हैं। आपके पेट का निचला हिस्सा बाहर की तरफ बढ़ सकता है और दर्दनाक सूजन हो सकती है। कब्ज की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। कब्ज से बचने के लिए, आपको बहुत सारा पानी पीना चाहिए और अपने आहार में बहुत सारे फाइबर होना जरुरी हैं। नियमित व्यायाम भी आपका मल त्याग में मदद कर सकता है।
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दस्त
पेट दर्द गंभीर कारण दस्त भी हो सकता है, जो ढीला और पानी से भरा मल होता है। दस्त होने का मतलब है कि दिन में कम से कम तीन या अधिक बार आपको मलत्याग के लिए जाना पड़ता हैं। तीव्र दस्त होना, एक आम समस्या है जो आमतौर पर 1 या 2 दिनों तक रहती है और कभी-कभी अपने आप ठीक हो जाती है। यदि आपका दस्त 2 दिनों से अधिक समय तक रहता है, तो अपने डॉक्टर के जरूर मिलें। यह पेट में इंफेक्शन या अन्य किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। दस्त के कारण डिहाइड्रेशन और आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स का नुकसान हो सकता है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ पानी का ज्यादा पानी पिएं।
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गैस्ट्रोएंटेराइटिस
गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे स्टमक फ्लू भी कहा जाता है, जो सामान्य स्थिति है, जिसमें बार बार दस्त और उल्टी होती है। यह आमतौर पर एक जीवाणु या वायरल इंफेक्शन के कारण होता है। कुछ अन्य संकेतों और लक्षणों में बुखार, मतली और सिरदर्द शामिल हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर मिलें। आपको अपने इंफेक्शन और होने वाले डिहाइड्रेशन का इलाज करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है।
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पेट की समस्या का कारण एपेंडिसाइटिस
जब आपके पेट के निचले हिस्से के में दायीं और दर्द होता है (जिसे मॅकबर्नी पॉइंट कहते हैं), तो आपको एपेंडिसाइटिस हो सकता है, जो आपके एपेंडिस की सूजन है। आपका एपेंडिस टिश्यू की एक छोटी थैली होती है जो आपकी बड़ी आंत से निकलती है। आपके शरीर में एपेंडिस का कार्य अभी भी अनजान है। एपेंडिसाइटिस तब होता है जब आपका एपेंडिस मल या किसी बाहरी पदार्थ द्वारा रुक जाता है। अगर इसका उपचार नहीं किया गया, तो आपका एपेंडिस फट सकता है और आपके शरीर में इंफेक्शन फैल सकता है। ज्यादा पेट दर्द के अलावा कुछ अन्य लक्षण और संकेत, जैसे तेज बुखार, भूख में कमी, मितली और उल्टी भी शामिल हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यूरिन इंफेक्शन
यूरिन इंफेक्शन, जिसे मूत्र के संक्रमण कहते हैं। इस बीमारी में पेट में दर्द के साथ-साथ बुखार और पेशाब करते समय दर्द भी हो सकता है। यह आमतौर पर एक बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये समस्या आम है। आपको अपने डॉक्टर को बताना चाहिए अगर आपको भी यह परेशानी है। इसके इलाज के लिए आपको एंटीबायोटिक दवाइयों के कोर्स की आवश्यकता हो सकती है।
अपाचन (Indigestion)
इंडायजेशन की समस्या अक्सर कुछ खाद्य पदार्थों के कारण होती है। इंडायजेशन के दर्द को आमतौर पर आपके पेट के ऊपरी हिस्से में महसूस किया जाता है। इंडायजेशन आमतौर पर ज्यादा वसा वाले खाद्य पदार्थों और ज्यादा भोजन खाने के कारण होता है। जब आपका पेट आपके भोजन को पचा नहीं सकता है, तो यह कभी-कभी ज्यादा दर्द का कारण बनता है। आपको बार-बार डकार आने जैसा महसूस हो सकता है और आपके मुंह में खट्टा एसिड का स्वाद आ सकता है। दर्द कुछ घंटों तक रह सकता है और तनाव के साथ बढ़ सकता है।
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घर मौजूद चीजें करेंगी बचाव
आमतौर पर इस तरह की पेट दर्द की समस्या कुछ समय तक रहती है और फिर अपने आप सही हो जाती है। इस समस्या के लिए कोई निश्चत उपचार नहीं है। अपना चक्र पूरा करने के बाद वायरस या बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं। हालांकि, पेट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर मौजूद कुछ चीजों का सेवन कर सकते हैं, जो आपका बचाव कर सकती हैं।
स्टमक फ्लू के लक्षण
- वॉटरी और नॉन ब्लडी डायरिया
- पेट में ऐंठन और दर्द
- जी मिचलाना या उल्टी
- सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या
- हल्का बुखार आना
पेट की समस्या के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय
अदरक का सेवन
अदरक का सेवन पेट की समस्या से निजात दिलाता है। अदरक में मौजूद तत्व सूजन को कम करने के साथ ही डायजेशन को सही करते हैं। इससे जी मिचलाने या चक्कर आने की समस्या से भी राहत मिलती है। आप अदरक को पानी और शहद के साथ ले सकते हैं। इसे दिन में दो से तीन बार लिया जा सकता है।
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पेट की समस्या में तरल पेय का सेवन
स्टमक फ्लू के दौरान खाना खाने का मन बिल्कुल नहीं करता है। इस दौरान वॉमटिंग, स्वेटिंग या मोशन के थ्रू पानी का लॉस होता है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी के साथ ही तरल पदार्थों का सेवन करें । जितना हो सके एनर्जी ड्रिंक्स लें, ये आपके शरीर को एनर्जी देने के साथ पानी की कमी को भी पूरा करेगी। जिंगर पाउडर या जिंजर कैप्सूल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
पेपरमिंट
स्टमक फ्लू के दौरान कुछ खाने का मन नहीं करता है। ऐसे में पेपरमिंट के प्रयोग से आपके मुख का स्वाद बदलने के साथ ही पेट को राहत राहत मिलेगी। उबकाई से राहत दिलाने के लिए भी मिंट का प्रयोग किया जाता है। मिंट को पानी के साथ उबाल के चाय के रूप में भी लिया जा सकता है।
कैमोमाइल
कैमोमाइल का प्लांट पेट की समस्या से राहत दिलाने के लिए अच्छा उपाय है। पेट को रिलेक्सेशन देने के साथ ही इसमें एंटी इन्फामेट्री गुण होते हैं। जी मिचलाने, चक्कर आने, उबकाई की समस्या से राहत दिलाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं।
पेट की समस्या में दालचीनी और हल्दी
हल्दी बहुत गुणकारी होती है। एंटीसेप्टिक गुण के कारण हल्दी का प्रयोग पेट की समस्या से राहत देगा। दालचीनी से पेट के ऐंठन की समस्या सही हो जाती है।
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सेब का सिरका
जी मिचलाने की समस्या को दूर करने के लिए इसे प्रयोग किया जा सकता है।
नींबू का रस
नीबूं के रस को काले नमक के साथ लिया जा सकता है। नींबू को पानी के साथ भी ले सकते है। इससे पेट दर्द में राहत मिलेगी।
पेट की समस्या में कॉफी और एल्कोहल से दूरी
चाय, कॉफी या एल्कोहल ऐसे समय में लेना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। ये पेट की समस्या को बढ़ा देते हैं और पानी की कमी को पूरा भी नहीं करते हैं।
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