ओरल और ओरोफैरिंजीयल कैंसर में टारगेटेड ड्रग थेरेपी : गेफीटिनिब (Gefitinib)
गेफीटिनिब (Gefitinib) भी ओरल और ओरोफैरिंजीयल कैंसर में टारगेटेड ड्रग थेरेपी के दौरान दी जाने वाली एक चर्चित दवा है। इस ड्रग में जेफीटिनिबिस इरेसा (GEFITINIBIS IRESSA) नामक दवा उपलब्ध है। यह दवा उस स्थिति में दी जाती है, जब कैंसेरियस सेल्स, ट्यूमर के आसपास के हिस्सों को भी अपना शिकार बना लेते हैं। जिससे ट्यूमर के आसपास के टिशूज कैंसर से ग्रसित हो जाते हैं। गेफीटिनिब कैंसर ट्यूमर में मौजूद प्रोटीन को ब्लॉक करके इसे फैलने से रोकता है। यह दवा टेबलेट के तौर पर दी जाती है, जिसे एक गिलास पानी के साथ निगलना होता है। ओरल और ओरोफैरिंजीयल कैंसर में टारगेटेड ड्रग थेरेपी (Targeted drug therapy in oral and oropharyngeal cancer) के दौरान गेफीटिनिब (Gefitinib) का इस्तेमाल सामान्य तौर पर किया जाता है। इससे मरीज को तकलीफ में राहत भी मिलती है और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स से वह बचा रहता है।
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ओरल और ओरोफैरिंजीयल कैंसर में टारगेटेड ड्रग थेरेपी एक कारगर थेरेपी साबित होती है, इसलिए मरीज की जरूरत के अनुसार ओरल कैंसर के इलाज में इस टारगेटेड ड्रग थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। ओरल और ओरोफैरिंजीयल कैंसर में टारगेटेड ड्रग थेरेपी (Targeted drug therapy in oral and oropharyngeal cancer) के अलावा कुछ अन्य थैरेपीज भी हैं, जो मुंह के कैंसर की स्थिति में कारगर साबित होती हैं, इन थैरेपीज में –
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इन थेरेपी का इस्तेमाल होता है। जब भी बात होती है कैंसर से जुड़े ट्रीटमेंट की, तो कहा जाता है कि कैंसर का इलाज जितना जल्दी शुरू किया जाए, उतना जल्दी व्यक्ति को इससे बाहर निकलने में मदद मिलती है। ओरल कैंसर के दौरान मुंह में हो रहे बदलाव पर ध्यान देकर इसे सही समय पर डायग्नोज किया जा सकता है, इसलिए मुंह के कैंसर (Oral cancer) से जुड़ी हुई किसी भी प्रकार की दुविधा होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द मिलना बेहद जरूरी है।