मुंह के कैंसर (Oral Cancer) के लक्षण
मुंह के कैंसर के ज्यादातर लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसलिए यदि आप धूम्रपान करते हैं या ज्यादा शराब पीते हैं तो डेंटिस्ट से नियमित जांच करानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के कारण बनते हैं। डेंटिस्ट प्रारंभिक चरण में कैंसर के किसी भी संकेत का पता लगा सकता है। निम्नलिखित संकेतों को कभी भी नजरअंदाज न करें:
ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia): इस स्थिति में मुंह में सफेद पैच दिखाई देते हैं। ये पैच साफ करने या रगड़ने पर दूर नहीं होते हैं।
कई लोगो के मुंह में घाव हो जाते हैं। लेकिन इसका मतलब कैंसर ही हो ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि आपको मुंह में किसी भी तरह का बदलाव नजर आए तो आपको अपने डॉक्टर से बात नहीं करनी चाहिए। इससे समय रहते कैंसर का पता लगाकर इलाज किया जा सकता है।
नीचे बताए गए लक्षणों के नजर आने पर तत्काल डॉक्टर से मिलें:
- मुंह में खून बहना
- मुंह में दर्द या सुन्नपन महसूस होना
- मुंह में गांठ का अहसास होना
- मसूड़ों का गाढ़ा होना
- मुंह का ढीला होना
- दांतो का कमजोर होना
- दांतों का ढीला पड़ना
- जबडों में सूजन
- गले में खराश या ऐसा महसूस होना कि गले में कुछ फंस गया है
- आवाज में बदलाव, चबाने या निगलने में कठिनाई
- जीभ या जबड़े को हिलाने में परेशानी
बहरहाल, नीचे हम आपको मुंह के कैंसर से बचाव करने के कुछ तरीके बता रहे हैं। जानिए इस बारे में :
मुंह के कैंसर (Oral Cancer) से बचने के लिए क्या करें?
तंबाकू का सेवन कम या बंद करे
जितनी अधिक बार आपने तंबाकू का उपयोग किया है, उतना अधिक आपको मुंह और गले के कैंसर का खतरा होता है। धूम्र और धूम्ररहित तंबाकू दोनों ही हमेशा कैंसर को पैदा करने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाते हैं। चबाने, धुआं रहित और सूंघने वाले टोबैकोस, जो सीधे मुंह में रखे जाते हैं, मुंह में ल्यूकोप्लाकिया नामक ग्रे-सफेद अल्सर बना सकते हैं, जो कैंसर बन सकता है। धुएं रहित तंबाकू में शरीर में कैंसर के प्रति रक्षात्मक जीन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायन होते हैं। इसलिए ओरल कैंसर से बचाव करने के लिए तंबाकू का सेवन न करें। ओरल केयर करने का पहला स्टेप है आप इन चीजों से दूर रहें।