backup og meta

मूड स्विंग्स केवल गर्भावस्था ही नहीं, बल्कि टाइप 1 डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    मूड स्विंग्स केवल गर्भावस्था ही नहीं, बल्कि टाइप 1 डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है

    डायबिटीज यानी मधुमेह का नाम तो अपने सुना ही होगा। यह हमारे शरीर को प्रभावित करने वाली सबसे भयानक बीमारियों से एक है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार हर साल डायबिटीज के लाखों मामले सामने आते हैं। जिनमें से पच्चीस प्रतिशत लोगों को यह पता भी नहीं होता कि उन्हें यह समस्या है। यह समस्या महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित करती है और औरतों को गर्भावस्था में भी डायबिटीज होने की संभावना होती है। आज हम औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) क्या हैं, इसके बारे में बात करने वाले हैं। सबसे पहले जानते हैं डायबिटीज के बारे में?

    डायबिटीज क्या है? (Diabetes)

    डायबिटीज केवल एक ही बीमारी नहीं है। इसके तीन टाइप हैं जैसे टाइप 1 डायबिटीज , टाइप 2 डायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes)। डायबिटीज से पीड़ित अधिकतर लोग टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित होते हैं। यह समस्या तब होती है, जब हमारा शरीर अच्छे से इंसुलिन का प्रयोग नहीं कर पाता है और ब्लड शुगर को स्टेबल रखने में सक्षम नहीं होता। टाइप 1 डायबिटीज, मधुमेह का ही कम सामान्य प्रकार है। डायबिटीज से पीड़ित पांच प्रतिशत लोगों को टाइप 1 की समस्या होती है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune disease) है। जिसमें शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता है।

    और पढ़ें :  टाइप 1 डायबिटीज और हेरिडिटी: जानिए पेरेंट्स को डायबिटीज होने पर बच्चों में कितना बढ़ जाता है इसका रिस्क

    डायबिटीज का तीसरा प्रकार है जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes), जो गर्भवती महिलाओं को होती है। लेकिन, यह समस्या शिशु के जन्म के बाद खुद ही ठीक हो जाती है। जेस्टेशनल डायबिटीज के बाद भविष्य में पीड़ित महिला को टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। इन तीनों तरह की डायबिटीज का ब्लड टेस्ट के माध्यम से निदान संभव है। यह टेस्ट में खासतौर पर यह जांचते हैं कि क्या ब्लड ग्लूकोज बहुत अधिक है। वैसे तो टाइप 1  डायबिटीज के लक्षण महिलाओं या पुरुषों में एक जैसे ही होते हैं। लेकिन, आज हम आपको औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) क्या होते हैं, यह बताने वाले हैं।

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण क्या हैं? (Diabetes type 1 Symptoms in Women)

    वास्तव में डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को पहचाना उतना आसान नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें पैंक्रियास हॉर्मोन्स का उत्पादन करना बंद कर देते हैं। जो शरीर को हमारे भोजन से एनर्जी ग्रहण करने कि क्षमता प्रदान करता है। इन हॉर्मोन्स को इंसुलिन कहा जाता है । इसकी शुरुआत का आहार या जीवनशैली से कोई लेना-देना नहीं है। वर्तमान में इसका कोई इलाज भी नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता। इसके लक्षण एकदम दिखाई देने शुरू होते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं :

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: बार-बार मूत्र त्याग (Frequent Urination)

    जब हमारा शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, तो हमारी ब्लड स्ट्रीम के माध्यम से अतिरिक्त शुगर प्रवाहित होती है। ऐसे में रोगी को बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है। अगर आपको भी बिना किसी खास कारण के बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा हो और खासतौर पर रात के समय तो समझ जाएं कि यह टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण हो सकता है। ऐसे में, तुरंत डॉक्टर से अपने ब्लड शुगर की जांच कराएं।

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: अधिक प्यास लगना (Excess Thirst)

    ऐसा माना जाता है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हमें कई बीमारियों से बचाता है। लेकिन, अगर आपको बार-बार प्यास लग रही हो तो यह भी टाइप 1 डायबिटीज का संकेत हो सकता है। जब टाइप 1  डायबिटीज में जब अधिक बार बाथरूम जाना पड़ता है, तो इसके कारण प्रभावित व्यक्ति को डिहायड्रेशन भी हो सकती है। बार-बार प्यास लगने पर आपको इन संकेतों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत टेस्ट कराना चाहिए। ऐसे में कुछ लोग जिन्हें पता नहीं होता कि उन्हें डायबिटीज की समस्या है, वो अक्सर अपनी इस प्यास को दूर करने के लिए शुगर से भरपूर ड्रिंक्स जैसे सोडा या जूस का सेवन कर लेते हैं, जिससे ब्लड शुगर और अधिक बढ़ सकती है। वजन का कम होना, डार्क कलर यूरिन आदि डिहायड्रेशन के लक्षण हैं। इन्हें भी नजरअंदाज न करें क्योंकि यह समस्या किसी बड़ी जटिलता का कारण बन सकती है।

    और पढ़ें : बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का ट्रीटमेंट बन सकता है हायपोग्लाइसेमिया का कारण, ऐसे करें इस कंडिशन को मैनेज

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: वजन का कम होना (Weight loss)

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) में अगला है वजन का कम होना। अचानक वजन के कम होने के कई कारण हो सकते हैं और डायबिटीज उनमें से एक है। इंसुलिन हमारे शरीर में शुगर को खून से सेल्स में मूव करने में मदद करती है। इसलिए, अगर किसी को इन्सुलिन रेजिस्टेंस की समस्या है तो उसके शरीर में इतनी शुगर प्रवाहित होने के बावजूद उसे कोशिकाओं में पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है। क्योंकि, शुगर से पर्याप्त एनर्जी नहीं मिल पाती है। इसलिए शरीर को एनर्जी के लिए खुद कि फैट और मसल को बर्न करना पड़ता है। ऐसे में वजन कम हो जाता है। इसलिए, वजन का कम होना भी  इस बीमारी का लक्षण हो सकता है।

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: नजर का धुंधला होना (Blurred Vision)

    नजर का धुंधला होना बेहद सामान्य है और हम इसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यह औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) में से एक हो सकता है। टाइप 1 डायबिटीज के कारण जब शुगर लेवल बढ़ता है, तो आंख के लेंस में फ्लूइड बनता है। यह फ्लूइड  नियरसाइटेडनेस (Nearsightedness) का कारण बन सकता है। नियरसाइटेडनेस वो स्थिति है जिसमें रोगी को नजदीक की चीज तो ठीक दिखती है, लेकिन दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती है। ऐसे में अगर आपको यह समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लें, क्योंकि यह भी टाइप 1 डायबिटीज का एक संकेत हो सकता है।

    और पढ़ें : डायबिटीज टाइप 1 की रिवर्स वैक्सीन क्यों मानी जाती है असरदार?

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: जल्दी थक जाना (Get Tired Early)

    अगर ऐसा हो रहा है कि आप पर्याप्त नींद तो ले रहे हैं, लेकिन फिर भी आपको थकावट हो रही है? तो यह संभावना हो सकती है कि आप टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं। दरअसल कार्बोहायड्रेट्स जिसे हमारा शरीर ग्लूकोज में ब्रेक डाउन करता है, वो हमारे शरीर की एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है। लेकिन डायबिटीज होने पर हमारा शरीर इस एनर्जी के सोर्स का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है।   जिससे हम थकावट महसूस कर सकते हैं। हालांकि, इसके अन्य कई कारण भी हो सकते हैं जैसे तनाव या सही आहार न लेना आदि। लेकिन अगर आपको लगता है कि यह थकावट डायबिटीज के कारण हो सकती है, तो आपको एक बार डॉक्टर से पूछने के बाद डायबिटीज का टेस्ट अवश्य कराना चाहिए।

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: बार-बार भूख लगना (Frequent Hunger)

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) यहीं समाप्त नहीं होते। इनमें अगला है बार-बार भूख लगना। अगर आपको सामान्य से अधिक भूख लग रही है, तो यह भी डायबिटीज के कारण हो सकता है। क्योंकि, जब हमारा शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है, तो हम अपने भोजन से पर्याप्त एनर्जी प्राप्त नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण अधिक भूख लगती है। इसलिए बार-बार भूख लगने को सामान्य समस्या न समझें। बल्कि सही समय पर सही एक्शन लें। ताकि, भविष्य में जटिलताओं से बचा जा सके।

    मूड में बदलाव (Change in Mood)

    क्या आपका मूड बार-बार बदल रहा है? आमतौर पर महिलाएं मूड स्विंग्स गर्भावस्था के दौरान महसूस करती हैं। लेकिन अगर आपको यह समस्या हो रही है तो जरूरी नहीं है कि आप गर्भवती हों। बल्कि, इसके पीछे डायबिटीज भी हो सकती है। इस स्थिति में भी आपको तुरंत टेस्ट कराना चाहिए।

    और पढ़ें : टाइप 1 डायबिटीज में एंटीडिप्रेसेंट का यूज करने से हो सकता है हायपोग्लाइसिमिया, और भी हैं खतरे

    औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण: मुंह से फ्रूटी या स्वीट स्मेल आना (Fruity or Sweet-Smelling Breath)

    आमतौर पर मुंह से फ्रूटी यानी फलों के जैसी या स्वीट स्मेल तब आती है। जब हमारे शरीर में कीटोन्स की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और अगर इसका उपचार न किया जाए। तो यह कीटोएसिडोसिस (Ketoacidosis) का कारण बन सकती है। कीटोएसिडोसिस डायबिटीज से जुड़ी ही एक समस्या है।

    हाथ और पैरों का सुन्न हो जाना (Numbness of Hands and Feet)

    डायबिटीज के कारण रोगी किसी भी चोट या घाव को महसूस नहीं कर पाता है। जिसके कारण उसका उपचार नहीं हो पाता और इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। पैरों हाथों, बाजू आदि में अजीब सी सुन्नता या सेंसेशन को डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy) कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डायबिटीज के कारण ब्लड फ्लो कम हो जाता है और समय के साथ इससे ब्लड वेसल और नर्वस डैमेज हो जाते हैं। इसलिए हाथों या पैरों का सुन्न होना भी औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण में से एक हो सकता है।

    क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!

    चोट का जल्दी ठीक न होना (Delayed Healing of Injury)

    हाय ब्लड ग्लूकोज के कारण शरीर में किसी भी चोट को ठीक होने में समय लगता है। यही नहीं, रोगी इस चोट को अनुभव तक नहीं कर पाते हैं। जिससे इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है और बैक्टीरिया ग्रो करते हैं। यही नहीं डायबिटीज के साथ हाय ब्लड प्रेशर और हाय कोलेस्ट्रॉल के होने से प्लाक (Plaque) ब्लड वेसल्स को तंग कर सकते हैं, जिससे ब्लड सप्लाई कम हो जाती है और घाव की हीलिंग स्लो हो जाती है।

    यह तो थी, औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) कौन से हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी। डायबिटीज कई हेल्थ कंडीशंस का कारण बन सकती है। ऐसे में इन लक्षणों को सही समय पर पहचानना और उनका उपचार आदि बहुत जरूरी है। अब जान लेते हैं की टाइप 1 डायबिटीज का उपचार कैसे होता है। लेकिन, इससे पहले इस समस्या के लक्षणों में थोड़ा और जान लेते हैं।

    और पढ़ें : करना है टाइप 1 डायबिटीज में कीटो डायट फॉलो, तो रखें इन बातों का ध्यान!

    क्या टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण (Type 1 Diabetes symptoms) अचानक नजर आते हैं?

    टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को यह लक्षण एकदम से नजर आते हैं। जबकि, टाइप 2  डायबिटीज की स्थिति में यह धीरे धीरे विकसित होते हैं। लेकिन, कई बार डायबिटीज की स्थिति में कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। कई बार यह सिम्पटम्स किसी वायरल बीमारी के बाद भी नजर आ सकते हैं। कुछ मामलों में टाइप 1 के निदान से पहले ही व्यक्ति डायबिटिक कीटोएसिडोसिस तक पहुंच जाता है। डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis) की समस्या तब होती है, जब बॉडी ग्लुकोज बहुत अधिक हाय हो जाता है और शरीर इंसुलिन की एब्सेंस के कारण न्यूट्रिएंट्स को प्राप्त नहीं कर पाता है।

    शरीर तब मसल एनर्जी के लिए वसा (जिससे रक्त और मूत्र में कीटोन्स का संचय होता है) को ब्रेक डाउन कर देता है। इस समस्या के लक्षणों में भी सांस फ्रूटी दुर्गन्ध आना, उल्टी आदि शामिल हैं। अगर इसका उपचार न किया जाए तो रोगी बेहोश हो सकता है या उसकी जान भी जा सकती है। जिन लोगों को टाइप 1 और डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis) के लक्षण होते हैं, उन्हें तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। अब जानिए टाइप 1 डायबिटीज का उपचार कैसे संभव है?

    और पढ़ें : क्या टाइप 1 डायबिटीज और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) में संबंध है?

    टाइप 1 डायबिटीज का उपचार कैसे होता है (Treatment of Type 1 Diabetes)

    पुरुष या औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) नजर आने पर तुरंत उपचार की जरूरत होती है। अगर किसी व्यक्ति में टाइप 1 डायबिटीज का निदान होता है तो इसका अर्थ है कि उसका शरीर इंसुलिन नहीं बना पा रहा है। ऐसे में रोगी को इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है ताकि शरीर ब्लड में शुगर का प्रयोग कर सके। इसके अन्य उपचारों में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षणों को कंट्रोल करना शामिल है। इसके उपचार के तरीके इस प्रकार हैं:

    • इंसुलिन (Insulin) : टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना इंसुलिन लेने की जरूरत होती है। इंसुलिन को एक इंजेक्शन के माध्यम से लिया जाता है।
    • मेटफोर्मिन (Metformin) : मेटफोर्मिन एक तरह की ओरल डायबिटीज मेडिकेशन है। कई सालों से इसका प्रयोग टाइप 2 डायबिटीज के लोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। मेटफोर्मिन शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करती है। डॉक्टर इंसुलिन के साथ इस दवा को लेने की सलाह दे सकते हैं।
    • वैक्सीन (Vaccines) : ट्यूबरकुलोसिस वैक्सीन (Tuberculosis vaccine) को टाइप 1 डायबिटीज के उपचार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि इसके बारे में अभी शोध जारी है। इसके साथ ही टाइप 1 डायबिटीज के ट्रीटमेंट के लिए अन्य दवाइयों की सलाह भी दी जा सकती है।
    • डायट और व्यायाम (Diet and Exercise) : इस डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने खाने पीने का खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिनसे ब्लड शुगर स्टेबल रहे। इसमें डॉक्टर और डायटिशन आपको मदद कर सकते हैं। व्यायाम से भी ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। एक्सरसाइज के लेवल के अनुसार इंसुलिन का अमाउंट भी कम किया जा सकता है।

    और पढ़ें : जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट, जो टाइप 2 डायबटीज पेशेंट को बचाते हैं बड़े कॉम्प्लीकेशंस से!

    यह तो थी पूरी जानकारी औरतों में डायबिटीज टाइप 1 के लक्षण (Diabetes type 1 Symptoms in Women) और उपचार के बारे में। कुछ लोगों के लिए यह एक क्रॉनिक बीमारी है जिसका कोई उपचार नहीं है। लेकिन, इससे पीड़ित व्यक्ति लम्बा और हेल्दी जीवन जी सकता है। लेकिन, उसके लिए जरूरी है सही उपचार जैसे इंसुलिन लेना, सही आहार लेना, व्यायाम करना, तनाव से बचना आदि। अगर आपके मन में इस समस्या के बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से जरूर पूछें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

    डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


    Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement