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कैसे करें टाइप 2 डायबिटीज और डिप्रेशन को मैनेज (How to Manage Type 2 Diabetes and Depression)
डायबिटीज सेल्फ मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत मेटाबॉलिक कंट्रोल, फिटनेस लेवल को बढ़ाना, वेट लॉस (Weight loss) करना, कार्डियोवैस्कुलर रिस्क फैक्टर को कम करना आदि पर फोकस किया जाता है। इनसे लाइफ की क्वालिटी बेहतर होती है। साइकोथेरिपी (Psychotherapy) में कॉग्नेटिव बिहेवियर थेरिपी (Cognitive behavioral therapy) की मदद से डिप्रेशन को कम करने में मदद मिलती है, जिससे बेहतर डायबिटीज मैनेजमेंट किया जाता है। वहीं कुछ दवाओं के इस्तेमाल के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव दोनों ही बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, तो आपको डिप्रेशन के लक्षणों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। आपको बिना देरी किए इस संबंध में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
डायबिटीज में नियंत्रण के लिए आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि कौने-से फूड्स को पूरी तरह से अवॉयड करना है और किनका थोड़ी मात्रा में सेवन किया जा सकता है। ऐसा करने से आपको फूड्स के सेवन के दौरान किसी प्रकार का कंफ्यूजन नहीं होगा।
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खानपान की आदतों में सुधार करके, रोजाना एक्सरसाइज या योगा करके और मोटापे को घटाकर आप डायबिटीज की संभावना को कम कर सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज की बीमारी है, तो आपको अपने खानपान से लेकर व्यायाम तक को शेड्यूल करने की जरूरत है ताकि आपको कोई अन्य बीमारी न घेर लें।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको डायबिटीज और डिप्रेशन (Diabetes and Depression) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।