4) एंबुलेटरी फेल्बेक्टॉमी
इस प्रक्रिया में डॉक्टर रोगी के पैर पर कुछ जगहों को सुन्न करेंगे, और फिर छोटी चुभने वाली चीज के साथ छोटे वैरिकाज़ नसों को निकाल देंगे।
5) स्क्लेरोथेरपी (Sclerotherapy)
इस तरीके का प्रयोग अधिक शिरापरक अपर्याप्तता की स्थिति में किया जाता है। स्क्लेरोथेरेपी का उपयोग छोटी से मध्यम नसों को निकालने के लिए किया जाता है। क्षतिग्रस्त नसों में एक रसायन इंजेक्ट किया जाता है ताकि यह खून को ले जाने में सक्षम न हो।
6) कैथेटर प्रक्रियाएं
गंभीर स्थितियों में, बड़ी नसों के लिए कैथेटर प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जाता है। डॉक्टर नस में एक कैथेटर (एक पतली ट्यूब) डालेंगे, इसके दूसरे सिरे को गर्म करेंगे, और फिर इसे हटा देंगे। कैथेटर के बाहर निकल जाने के कारण गर्मी नसों को बंद करने और सील करने का कारण बनेगी।
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घरेलू उपचार
- कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स : कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स (Compression stockings) से टांगों पर दबाव पड़ता है जिससे खून का प्रवाह अच्छे से होता है। ऐसे में इसका प्रयोग करें।
- गतिविधियां : अधिक समय तक न तो खड़े रहें, न ही बैठें। अगर आप अधिक देर तक बैठते या खड़े होते हैं तो खून अच्छे से प्रवाह नहीं होता।
- व्यायाम: शरीर का व्यायाम करने से खून का प्रवाह अच्छे से होता है जिससे टांगे मजबूत होती हैं।
- त्वचा का ध्यान रखें: शिरापरक अपर्याप्तता से पीड़ित लोगों में त्वचा सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अपनी त्वचा की सफाई का खास ध्यान रखें।
- धूम्रपान से बचें : अगर आप धूम्रपान करते हैं तो उसे छोड़ दें।
- शरीर का वजन सही रखें : अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो अपने शरीर का वजन संतुलित बनाये रखें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।